2017 में शुरू हुआ था स्काईवॉक का निर्माण, सरकार बदलने के बाद कांग्रेस ने रोक दिया था काम
रायपुर। राजधानी रायपुर के लोग अब स्काई वॉक को बनते देख सकेंगे। 8 साल से बंद प्रोजेक्ट एक बार फिर से शुरू होने जा रहा है। लोक निर्माण विभाग ने गुरुवार को इसके लिए नया टेंडर जारी किया है। नए टेंडर के साथ कुछ दिशा निर्देश भी जारी किए हैं। स्काईवॉक के लिए सरकार ने 37 करोड़ रुपए से ज्यादा की वित्तीय मंजूरी भी दे दी है और निर्माण एजेंसी भी तय कर दिया गया। जल्द ही स्काई वॉक का काम शुरू होगा और राजधानी के लोगों को सड़क के ट्रैफिक से बचकर ऊपर से चलने के लिए समानांतर मार्ग भी मिल जाएगा।
लोक निर्माण विभाग से जारी आदेश के मुताबिक पीएसएस कंस्ट्रक्शन प्रालि रायपुर को स्काईवॉक के निर्माण का जिम्मा सौंपा गया है। जारी आदेश के अनुसार प्रोजेक्ट की कुल लागत 37 करोड़ 75 लाख 70 हजार 682 रुपए होगी। इस बार कार्य की गुणवत्ता, डिजाइन और पर्यावरणीय मानकों पर विशेष ध्यान देने के निर्देश भी विभाग ने दिए हैं। प्रशासनिक स्वीकृति के तहत कार्य जल्द शुरू करने के साथ ही समय पर पूरा करने भी कहा गया है।

12 जगह बनेंगे ऐस्कलेटर व सीढ़ी
स्काई वॉक पर चढ़ने व उतरने के लिए इस बार सीढ़ी के साथ ही ऐस्कलेटर भी बनेंगे ताकि लोग आसानी से स्काईवॉक का इस्तेमाल कर सके। डेढ़ किमी के स्काई वॉक में 12 जगह उतरने और चढ़ने के लिए ऐस्कलेटर लगेंगे। इसी के पास सीढ़ियां भी बनाई जाएंगी। इसके अलावा दो जगहों में अलग से सीढ़ियां बनेंगी। यही नहीं इस बार जारी टेंडर के अनुसार स्काईवॉक का बजट पूर्व निर्धारित बजट से 20 फीसदी तक बढ़ाया गया है।

कांग्रेस सरकार ने रोक दिया था प्रोजेक्ट
बता दें स्काई-वॉक प्रोजेक्ट 2017 में शुरू हुआ था। काम शुरू होने के एक साल बाद चुनाव हुए और भाजपा की सरकार चली गई। इसके बाद कांग्रेस की भूपेश सरकार ने स्काईवॉक प्रोजेक्ट को गैर जरूरी मानते हुए बंद कर दिया। सरकार ने इसे डिस्मेंटल भी करना चाहा लेकिन बजट के कारण यह भी हो न कहा। इसके बाद अधूरे स्काईवॉक जर्जर हो गया। वर्तमान में हालात यह हैं कि कई जगहों से एसीपी शीट, एल्यूमीनियम फ्रेम और डिवाइडर रेलिंग चोरी हो गए हैं। ब्रिज में लगे स्टील और नट बोल्ट सही हैं। वेल्डिंग, पेंटिंग, फ्लोरिंग, हुड और फ्लोरिंग फिक्सिंग का काम अधूरा है। खुले में होने की वजह से बारिश और गर्मी के कारण कई हिस्से में जंग भी लग गई है।
स्काईवॉक से यह होगा लाभ
स्काईवॉक बनने के बाद लोगों को हैवी ट्रैफिक से राहत मिल सकती है। अंबेडकर अस्पताल से जाने वाले मरीज स्काई वॉक से ट्रैफिक में फंसे बिना डीकेएस अस्पताल चौक पहुंच सकेंगे। इसके लिए दोनों अस्पतालों को जोड़ने वाली जगह पर लिफ्ट भी लगाई जाएगी। स्काई वॉक का एक हिस्सा डीकेएस अस्पताल परिसर में उतरता है। स्काई-वॉक में शास्त्री चौक वाले हिस्से पर रोटरी बनेगी। पूरे चौक पर किसी भी हिस्से में लोग चढ़- उतर सकेंगे। इसके अलावा आस-पास सरकारी दफ्तरों में आने-जाने वालों को भी इससे राहत मिलेगी।
