बीजापुर। छत्तीसगढ़-तेलंगाना सीमा पर पिछले 6 दिनों से जारी ऑपरेशन के दौरान कर्रेगुट्टा की पहाड़ियों में सुरक्षाबलों को गुफा मिली है। इस गुफा में नक्सलियों के छिपे होने की बात कही जा रही है। हालांकि सुरक्षाबल जब पहुंचे तो वहां एक भी नक्सली नहीं मिला। गुफा से लगी एक पतली सुरंग भी मिली है जिसके जरिए नक्सलियों के भागने की बात कही जा रही है। पूरे ऑपरेशन का यह आखिरी पडाव माना जा रहा है। नक्सलियों की हलचल नहीं होने से सुरक्षाबल अब कैंप की ओर लौटने लगे हैं।

बता दें कर्रेगुट्टा, दुर्गमगुट्टा, पुजारी कांकेर की पहाड़ियों पर फोर्स का नक्सलियों के खिलाफ देश का सबसे बड़ा ऑपरेशन शुरू किया। दरअसल सुरक्षाबलों को सूचना मिली थी कि यहां पर बड़ी संख्या में नक्सली छिपे हुए हैं। इसके बाद फोर्स ने ऑपरेशन शुरू किया। छत्तीसगढ़ से डीआरजी, सीआरपीएफ, एसटीएफ, कोबरा, बस्तर फाइटर्स के जवान व तेलंगाना की ग्रे हाउंड फोर्स ने घेराबंदी शुरू की। इसके बाद नक्सली भी खौफ में आ गए। इस बीच नक्सलियों की ओर एक और शांतिवार्ता की अपील की गई। हालांकि इससे कुछ हुआ नहीं। फोर्स ने ऑपरेशन जारी रखा।

पहाड़ी पर मिली गुफा, शिवलिंग भी मिला
ऑपरेशन के दौरान पहाड़ पर जवानों ने नक्सलियों की गुफा को ढूंढ निकाला। यह गुफा इतनी बड़ी और गहरी है कि यहां आराम से एक हजार नक्सली अपने हथियारों के साथ छिप सकते हैं। गुफा के अंदर पीछे की तरफ चट्टानों के बीच एक सुरंग भी मिली है, जो सीधे पहाड़ी की दूसरी तरफ निकल रही है। यहां से बड़ी आसानी से कोई भी व्यक्ति एक तरफ से दूसरी तरफ आना-जाना कर सकता है। गुफा में शिवलिंग भी मिला है जिसकी पूजा भी की गई है। माना जा रहा है कि नक्सली यहां पूजा पाठ करते हैं। बताया जा रहा है कि फोर्स के आने से ठीक पहले नक्सली यहां से निकल गए हैं। यहां हिड़मा, देवा, दामोदर, आजाद, पापाराव, अभय समेत नक्सलियों की बटालियन नंबर 1, 2 और कई कंपनी और प्लाटून भी सक्रिय हैं जो अब भाग गए हैं। छत्तीसगढ़ और तेलंगाना में वो पूरा इलाका करीब 280KM के दायरे में फैला हुआ है। ऐसे में किस जगह नक्सली छिपे हैं, इसका पता लगाना संभव नहीं है।
