नागपुर (एजेंसी)। रात साढ़े 10 से साढ़े 11 बजे के बीच भीड़ ने हमला बोल दिया, पथराव किया और वाहनों में आगजनी की। लोगों को पीटा। भीड़ ने अपने चेहरे ढके हुए थे और उन्होंने सबसे पहले सीसीटीवी कैमरों को निशाना बनाकर तोड़ा। उसके बाद से लोगों के घरों में घुसने की कोशिश करने लगे। पुलिस घटना के एक से डेढ़ घंटे बाद मौके पर पहुंची। यह कहना है उन प्रत्यक्षदर्शियों का जो नागपुर में हिंसा के बाद अब तक दहशत में हैं।
नागपुर के महाल और हंसपुरी इलाके में सोमवार की रात हिंसा भड़क उठी। नकाबपोश भीड़ ने सीसीटीवी तोड़े, घरों में घुसने की कोशिश की और वाहनों को आग के हवाले कर दिया। प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि पुलिस मौके पर पहुंचने में एक से डेढ़ घंटे की देरी की। अब इलाके में तनाव चरम पर है, और लोग डर के साए में जी रहे हैं। पुलिस ने शहर में निषेधाज्ञा लागू कर दी है। अशांति फैलाने के आरोप में 20 से अधिक लोगों को हिरासत में लिया है।


हंसपुरी इलाके के निवासी शरद गुप्ता (50) के घर के सामने खड़े चार दोपहिया वाहनों को जला दिया गया। शरद ने बताया कि रात साढ़े 10 से साढ़े 11 बजे के बीच भीड़ ने हमला बोल दिया, पथराव किया और वाहनों में आगजनी की। गुप्ता हमले में घायल हो गए और उन्होंने बताया कि भीड़ ने एक पड़ोसी की दुकान में भी तोडफ़ोड़ की। उन्होंने कहा कि पुलिस एक घंटे बाद पहुंची।

नाराज स्थानीय लोगों ने भीड़ में शामिल लोगों के खिलाफ की कार्रवाई की मांग
गुस्साए निवासियों ने भीड़ के खिलाफ तत्काल पुलिस कार्रवाई की मांग की। ‘पीटीआई-भाषाÓ के एक संवाददाता ने रात एक बजकर 20 मिनट पर एक दंपति को अपना घर बंद कर आसपास सुरक्षित स्थान पर जाते देखा। रामनवमी शोभायात्रा के लिए काम कर रहे एक अन्य निवासी चंद्रकांत कावडे ने बताया कि भीड़ ने उनके सभी सजावटी सामान जला दिए और घरों पर पत्थर फेंके। कुछ निवासी अपने गलियारे में बाहर आ गए और वरिष्ठ अधिकारियों के नेतृत्व में पुलिस की एक टुकड़ी को गलियों में मार्च करते देखा गया।

लोग बोले- क्लिनिक में घुसकर मेजें तोड़ी गई, दवाइयां फेंक दी
वहीं, एक अन्य निवासी वंश कवले ने बताया कि भीड़ ने अपने चेहरे ढके हुए थे और सीसीटीवी कैमरा तोड़ दिया। उन्होंने उनके घरों में घुसने की भी कोशिश की। क्लिनिक के सामने चाय की दुकान करने वाले एक अन्य निवासी ने बताया कि भीड़ क्लिनिक (बंडू क्लिनिक) में घुस गई, सभी मेज तोड़ दीं और दवाइयां फेंक दीं। उन्होंने बताया कि उनकी दुकान में भी तोडफ़ोड़ की गई। अधिकारियों ने कहा कि हंसपुरी इलाके में पुलिस तैनात कर दी गई है।
कैसे भड़की हिंसा
पुलिस अधिकारियों ने कहा कि सोमवार शाम करीब साढ़े सात बजे मध्य नागपुर के चिटनिस पार्क इलाके में तब हिंसा भड़क उठी जब अफवाह फैली कि औरंगजेब की कब्र को हटाने के लिए एक दक्षिणपंथी संगठन द्वारा किए गए आंदोलन के दौरान धर्मग्रंथ जलाया गया है। इस दौरान पुलिस पर पथराव किया गया जिससे छह आम नागरिक और तीन पुलिसकर्मी घायल हो गए।
इसके के बाद छत्रपति शिवाजी महाराज पुतले के पास के परिसर में दोपहर की नमाज के बाद वीएचपी, बजरंग दल के आंदोलन के खिलाफ नाराजगी जताते हुए 200-250 लोग जमा हुए और नारेबाजी शुरू की। इनका आक्षेप था कि जिस प्रतीकात्मक कब्र को जलाया गया उसपर हरे रंग का कपड़ा का था जिसपर कुरान की आयात लिखी हुई थी। इस उग्र भीड़ ने आगजनी करने का धमकी दी।
लोगों के घरों पर हुआ पथराव
पुलिस के अनुसार, पुराने भंडारा रोड के पास हंसपुरी इलाके में रात साढ़े 10 से साढ़े 11 बजे के बीच एक और झड़प हुई। अनियंत्रित भीड़ ने कई वाहनों को जला दिया और इलाके में घरों तथा एक क्लिनिक में तोडफ़ोड़ की। ओल्ड हिस्लोप कॉलेज इलाके के रहवासियों ने बताया है कि भीड़ उनके क्षेत्र में शाम करीब 7 बजकर 30 मिनट पर पहुंची और घरों पर पथराव करने लगी थी। साथ ही गली में खड़ी कई कारों में तोडफ़ोड़ की गई थी। इस दौरान चार कारों में तोडफ़ोड़ की गई थी और एक बुरी तरह से जल गई थी। रहवासियों का कहना है कि भीड़ ने घरों पर पत्थर फेंके, कारें जला दीं, बाहर रखे कूलर तोड़ दिए और खिड़कियां भी तोड़ दीं।