दुर्ग। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वर्चुअल माध्यम से भारतीय सर्वेक्षण विभाग, राज्य के राजस्व विभाग तथा पंचायत राज्य विभाग के सहयोग से गांव के घरों के मालिकों को अधिकारों का रिकार्ड प्रदान करने हितग्राहियों को स्वामित्व योजना अंतर्गत संपत्ति कार्ड वितरित किये। उक्त कार्यक्रम प्रदेश के उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा की मुख्य आतिथ्य में ऑडिटोरियम भिलाई प्रद्योगिकी संस्था (बीआईटी) दुर्ग में आयोजित हुआ। कार्यक्रम में स्वामित्व योजना अंतर्गत ’’संपत्ति अधिकारों की ओर एक कदम के तहत 10325 हितग्राहियों को संपत्ति कार्ड का वितरण किया गया।
दुर्ग जिले के तहसील दुर्ग के 05 ग्राम के कुल 1973 हितग्राही, तहसील धमधा के 09 ग्राम के कुल 1680 हितग्राही, तहसील पाटन के 13 ग्राम के 3065 हितग्राही, तहसील बोरी के 11 ग्राम के 2694 हितग्राही एवं तहसील अहिवारा के 02 ग्राम के 913 हितग्राही, इस प्रकार कुल 40 ग्रामों के कुल 10325 हितग्राहियों में से प्रतिकात्मक रूप से प्रत्येक ग्राम के 10-10 हितग्राही, इस प्रकार कुल 37 ग्रामों के 376 हितग्राही को मुख्य अतिथि उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा एवं अन्य अतिथियों अधिकार अभिलेख (संपत्ति कार्ड) वितरित किया गया।
दुर्ग तहसील अंतर्गत ग्राम मालूद के किशोर साहू एवं मालती यादव, ग्राम बेलौदी की सूकवारो पारकर एवं मोहन देशमुख, ग्राम नगपुरा के सुरेश निषाद, ग्राम चिरकुट के तोरण निषाद, गोवर्धन एवं रूप बाई, ग्राम कातरो के टहल एवं शांतिबाई को, पाटन तहसील अंतर्गत ग्राम पुनईडीह की उमा बाई एवं अकल बाई, ग्राम परसाही के परशुराम एवं फकीर को, तहसील अहिवारा अंतर्गत चोवा राम, शिव कुमार, नंद कुमार, मुक्तानंद, रामकुमार, पुरषोत्तम, ओमप्रकाश, प्रहलाद, लालदास, प्रेमलाल और धनेश्वर शामिल है। उक्त 40 ग्रामों के शेष 9949 हितग्राहियों को अधिकार अभिलेख का वितरण पंचायत स्तरीय कार्यक्रम के माध्यम से किया गया। दुर्ग जिला अंतर्गत तहसील दुर्ग के 81 ग्राम, तहसील धमधा के 77 ग्राम, तहसील पाटन के 198 ग्राम, तहसील बोरी के 32 ग्राम एवं तहसील अहिवारा के 53 ग्राम सहित कुल 382 ग्रामों में स्वामित्व अंतर्गत सर्वेक्षण एवं रिकार्ड निर्माण का कार्य किया गया है। जिसमें 93201 हितग्राही लाभान्वित होंगे। इसके अलावा कार्यक्रम उपस्थित ग्रामीणों को स्वामित्व योजना के संबंध में प्रशिक्षण दिया गया। जिसमें विशेष रूप से मेरी पंचायत एप का प्रशिक्षण दिया गया। ग्रामीणों को स्वच्छता एवं नशा मुक्ति की शपथ दिलाई गयी।
डिप्टी सीएम ने हितग्राहियों को दी बधाई
इस मौके पर उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने कहा मैं सभी हितग्राहियों से मिलकर बहुत खुश हूं और सभी को स्वामित्व योजना के अंतर्गत प्राप्त संपत्ति कार्ड मिलने की अग्रिम बधाई देता हूं। उन्होंने कहा गांवों को सशक्त बनाने सरकार पूर्ण प्रयासरत है। विभिन्न योजनाओं के माध्यम से केन्द्र व राज्य सरकार सबका साथ-सबका विकास ध्येय वाक्य को सफल बनाने कार्य कर रही है। इसी क्रम में प्रधानमंत्री आवास योजना अंतर्गत हमने एक साल के अन्दर-अन्दर पुराने रूके 1 लाख 80 हजार आवास का कार्य पूर्ण किया है। केन्द्र सरकार द्वारा 32 लाख 50 हजार ग्रामीण आवास आबंटन की व्यवस्था की गई है। जिसमें से 8 लाख 46 हजार 931 आवास छत्तीसगढ़ को मिले है, जो कि पूरे देश में आबंटित आवासों का 26 प्रतिशत है।
कृषि मंत्री ने दी 3 लाख से अधिक प्रधानमंत्री आवास की स्वीकृति
इसके अलावा विगत दिनों जिले के ग्राम नगपुरा में आयोजित कार्यक्रम में कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 3 लाख से अधिक प्रधानमंत्री आवास की स्वीकृति दी है। इसके साथ-साथ प्रदेश में कृषक उन्नति योजना, जनमन योजना, महतारी वंदन योजना, विश्वकर्मा योजना इत्यादि योजनाओं के माध्यम में प्रदेश के कृषक, युवा, महिला व सभी वर्गों के सशक्तिकरण का प्रयास किया जा रहा है। उपमुख्यमंत्री श्री शर्मा ने कार्यक्रम में उपस्थित विभिन्न योजनाओं के हितग्राहियों से भी चर्चा की और उन्हे शुभकामनाएं दी। उन्होंने महतारी वंदन योजना की हितग्राही महिलाओं को आश्वासित किया कि सरकार यह प्रयास कर रही है कि आने वाले दिनों में हर ग्राम पंचायत में एक सीएससी सेंटर निर्मित किए जाए ताकि माताओं-बहनों को उनके बैंक खाते में प्राप्त योजना की राशि लेने बैंक न जाना पड़े। उन्होंने कहा मै प्रधानमंत्री श्री मोदी जी का आभारी हूं कि उन्होंने ग्रामीणों की संपत्ति की चिंता करते हुए स्वामित्व योजना के माध्यम से प्रदेश के हितग्राहियों को कानूनी दस्तावेज दिलाने की पहल की। उन्होंने कार्यक्रम में उपस्थित स्वामित्व योजना के हितग्राहियों को भी शुभकामनाएं दी।
अप्रैल 2020 में शुरू हुई थी स्वामित्व योजना
भारत सरकार पंचायती राज एवं ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा ग्रामीण क्षेत्र में निवासरत परिवारों के आबादी भूमि का जीआईएस सर्वेक्षण कर अधिकार अभिलेख एवं नक्शा तैयार करने हेतु 24 अप्रैल 2020 (पंचायती राज दिवस) को स्वामित्व योजना प्रारंभ किया गया। इस योजना के तहत व्यक्तिगत ग्रामीण संपत्ति एवं सामुदायिक संपत्ति का सर्वेक्षण किया गया। स्वामित्व योजना का उद्देश्य ग्रामीण नियोजन के लिए सटीक भूमि अभिलेखों का निर्माण और संपत्ति संबंधी विवादों को कम करना, ग्रामीण भारत में नागरिकों को ऋण और अन्य वित्तीय लाभ लेने के लिए वित्तीय संपत्ति के रूप में अपने संपत्ति का उपयोग करने में सक्षम बनाकर वित्तीय स्थिरता लाना, सर्वेक्षित बुनियादी ढ़ांचे और जी.आई.एस. मानचित्रों का निर्माण जो किसी भी विभाग द्वारा उपयोग किया जा सकता है। जी.आई.एस. मानचित्रों का उपयोग करके बेहतर गुणवत्ता वाली ग्राम पंचायत विकास योजना तैयार करने में सहायता करना, सपंत्ति कर का निर्धारण (जिन राज्यों में ग्राम पंचायत को अधिकार है) जिससे राज्य के राजकोष में वृद्धि होगी।
ग्रामीण नागरिकों को भूमि विवाद के मामलों में मिलेगा समाधान
स्वामित्व योजना से ग्रामीण नागरिकों को भूमि विवाद के मामलों में समाधान मिलेगा। सटीक मानचित्रों से सीमा संबंधी विवाद जल्दी सुलझ पायेंगे। प्रत्येक संपत्ति धारक को संपत्ति का प्रमाण पत्र एवं भूमि का स्वामित्व प्राप्त होगा। सार्वजनिक उपयोग के संपत्ति का संरक्षण होगा। रास्ते, ग्राम पंचायतो की खुली जगह, नाले, सरोवर, इसकी सीमांए निश्चित होगी। जिससे उनका उपयोग भी सुनिश्चत हो सकेगा। संपत्ति का प्रमाण पत्र होने से मकान पर बैंक से ऋण लेना आसान होगा। आबादी भूमि का भू-मापन पूर्णतः पारदर्शी होगा और हर एक संपत्ति धारक को उनका अधिकार अभिलेख प्राप्त होगा।
कार्यक्रम में विधायक दुर्ग (ग्रामीण) ललित चंद्राकर, विधायक दुर्ग (शहरी) गजेन्द्र यादव ने भी उपस्थ्यित हितग्राहियों को संबोधित करते हुए शुभकामनाएं दी। उन्होंने इस योजना के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कार्यक्रम में उपस्थित नागरिकों को आश्वासित किया कि प्रधानमंत्री श्री मोदी की गारंटी में और मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के सुशासन में केंद्र व राज्य सरकार इसी प्रकार संयुक्त रूप से प्रदेश की उन्नति के लिए कार्य करती रहेगी। इस अवसर पर अहिवारा विधायक डोमन लाल कोर्सेवाड़ा, कलेक्टर ऋचा प्रकाश चौधरी, एसपी जीतेन्द्र शुक्ला, एडीएम अरविन्द कुमार एक्का, अपर कलेक्टर मुकेश रावटे, एसडीएम हरवंश मिरी, जिला पंचायत सीईओ बजरंग दुबे, सहायक कलेक्टर एम भार्गव, अध्यक्ष जिला पंचायत दुर्ग, अध्यक्ष जनपद दुर्ग एवं अन्य जनप्रतिनिधि तथा संबंधित विभाग के प्रमुख अधिकारीगण उपस्थित थे।