रायपुर। छत्तीसगढ़ राज्य में पर्यटन के लिए कई मनोहारी स्थल है। प्रदेश की समृद्ध संस्कृति के साथ प्राकृतिक सुंदरता सभी का मन मोह लेती है। छत्तीसगढ़ में घने जंगलों के बीच कल कल बहते झरने इस सर्द ऋतु में पर्यटकों को खासा आकर्षित कर रही हैं। इन्हीं में से एक है झोझा जलप्रपात। गौरेला पेंड्रा मरवाही जिले के गौरेला व पेंड्रा के नजदीक प्रकृति की गोद में बसे इस अद्भूत जलप्रपात का नजारा रमणीय है। झोझा जलप्रपात न केवल प्राकृतिक सुंदरता का खजाना है, बल्कि यह पर्यावरण संरक्षण और स्थानीय समुदायों के विकास का भी उदाहरण बनता जा रहा है।
झोझा जलप्रपात चारों ओर से पर्वतों से घिरा एक मनोहारी जलप्रपात है। लगभग 100 फीट की ऊंचाई से गिरता यह झरना, सर्दियों के सुनहरे मौसम में पर्यटकों के लिए बेहद आकर्षण बन जाता है। यहां का शांत वातावरण, हरे-भरे जंगल, और झरने की गर्जना हर आने वाले का मन मोह लेती है। जनवरी महीना झोझा जलप्रपात घूमने का सबसे अनुकूल समय है। स्थानीय लोग और दूर-दराज के पर्यटक यहां पिकनिक मनाने, झरने में स्नान करने और ट्रेकिंग का आनंद लेने के लिए पहुंचते हैं। एक जनवरी को यहां लगने वाला मेला इस स्थान को और भी खास बना देता है, जहां दूर-दूर से लोग आकर झरने के नज़ारों का लुत्फ़ उठाते हैं।
कच्चे रास्तों से ट्रैकिंग का है मजा
झोझा जलप्रपात ट्रेकिंग और कैंपिंग के शौकीनों के लिए भी आदर्श स्थान है। बस्ती बगरा से चार किमी दूर कच्चे रास्तों और एक किलोमीटर पैदल ट्रेकिंग के बाद यहां पहुंचा जा सकता है। झरने के पास दुर्लभ पक्षियों और तितलियों का झुंड, साथ ही जंगली चिरायता, भुई आंवला, और मूसली जैसी औषधीय वनस्पतियां भी देखने को मिलती है। यहां बने होम स्टे में रुककर स्थानीय जनजातीय व्यंजनों का स्वाद लिया जा सकता है।
झरने तक पहुंचने बन रही हैं सीढ़ियां
कलेक्टर लीना कमलेश मंडावी की पहल पर डीएमएफ मद से झरने तक पहुंचने के लिए सीढ़ियां बनाई जा रही हैं। स्थानीय ग्रामीणों की समिति झरने और आसपास के क्षेत्र को साफ-सुथरा बनाए रखने में बढ़-चढ़कर सहयोग देती हैं। बीते पांच वर्षों में झोझा जलप्रपात पर पर्यटकों की संख्या में तेजी से वृद्धि हुई है। अब यह जगह न केवल स्थानीय बल्कि देशभर के पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बन चुकी है। बम्हनी नदी पर बने इस जलप्रपात का पानी हसदेव नदी में जाकर मिलता है।
जानिए कैसे पहुंचे झोझा जलप्रपात
झोझा जलप्रपात पहुंचने के लिए सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन पेंड्रा रेलवे स्टेशन है। पेंड्रा से लगभग 32 किमी की दूरी पर घने जंगलों में स्थित है। वहीं सड़क मार्ग से गौरेला और वहां से लगभग 40 किमी की दूरी पर है। पेंड्रा जाने के लिए नियमित ट्रेनों की सुविधा है। दुर्ग, रायपुर, बिलासपुर के रास्ते कई एक्सप्रेस व पैसेंजर ट्रेनें पेंड्रा जाती हैं। वहीं ट्रेवल्स की गाड़ियां बुक करके भी यहां पहुंचा जा सकता है।