रायपुर। बोर्ड परीक्षा के पहले नगरीय निकाय व पंचायत चुनाव कराए जाएंगे। छत्तीसगढ़ के डिप्टी सीएम व नगरीय प्रशासन मंत्री अरुण साव ने स्पष्ट किया है कि नगरीय निकाय चुनाव व पंचायत चुनाव इस ईवीएम से नहीं बल्की बैलेट पेपर से होंगे। डिप्टी सीएम अरुण साव ने शुक्रवार को अपने निवास कार्यालय में मीडिया से चर्चा के दौरान इसकी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इस बार नगरीय निकाय चुनाव व पंचायत चुनाव में बैलेट पेपर का प्रयोग करने का फैसला सरकार ने लिया है। उम्मीदवार अधिक होने की वजह से ऐसा किया जा रहा है।
उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने कहा कि, प्रदेश में पंचायत और नगरीय निकाय चुनाव एक साथ होंगे। दोनों चुनाव में वोट बैलेट पेपर से डाले जाएंगे। इसकी तैयारी राज्य निर्वाचन आयोग ने कर ली है। साव ने बताया कि, पंचायत और नगरीय निकाय चुनाव को लेकर सरकार ने बहुत पहले से तैयारी शुरू कर दी थी। इस बार बहुत सारी चीजें हुई है। सर्वोच्च न्यायालय के आदेश पालन में आरक्षण पद्धति बदली गई। पिछड़ा वर्ग आयोग बनाया और उसकी रिपोर्ट के आधार पर ही आरक्षण हो रहा है।
प्रत्यक्ष प्रणाली से होगा महापौर और अध्यक्ष का चुनाव
इसबार निकायों में महापौर और अध्यक्ष का चुनाव प्रत्यक्ष प्रणाली से करने का निर्णय लिया गया है। साय सरकार ने पूर्व की कांग्रेस सरकार द्वारा अपनाई गई अप्रत्यक्ष प्रणाली से चुनाव के फैसले को पलट कर नया निर्णय लिया। पहले की तरह अब महापौर व अध्यक्ष के लिए अलग से वोटिंग होगी। पार्षद प्रत्याशियों के साथ महापौर व अध्यक्ष के लिए भी अलग से वोटिंग की जाएगी। प्रदेश सरकार महापौर व अध्यक्ष के चुनाव में पारदर्शिता लाने के लिए ऐसा कर रही है। अविभाजित मध्यप्रदेश के समय से ही यहां प्रत्यक्ष प्रणाली से महापौर और अध्यक्ष का चुनाव होता आया है।
7 जनवरी को होगा अध्यक्ष और महापौर का आरक्षण
डिप्टी सीएम साव ने कहा कि प्रदेश में कई नए निकाय बने हैं। नगर पंचायतों को नगर पालिका बनाया गया हैं। इन सब की तैयारी में काफी समय लगा। इसके कारण थोड़ा विलंब हुआ है लेकिन अब पूरी तैयारियां कर ली गई हैं। नगर निगम, नगर पालिका व नगर पंचायत के चुनाव एक साथ कराए जाएंगे। नगरीय निकायों में 7 जनवरी तक अध्यक्ष और महापौर पद के लिए आरक्षण निर्धारित की जाएगी। उन्होंने कहा कि सरकार जल्द से जल्द चुनाव कराने के लिए प्रतिबद्ध है। जैसे ही आरक्षण की प्रकिया समाप्त होगी, उसकी सूचना चुनाव आयोग को भेजी जाएगी और उसके बाद वे चुनाव के कार्यक्रम घोषित करेंगे। साव ने बताया कि, पहले मतदाता सूची साल में एक बार तैयार की जाती थी। अब हर तीन महीने में सूची बनाने का निर्णय लिया है, ताकि नए मतदाताओं को अपने नाम जुड़वाने में आसानी हो। उन्होंने कहा कि, बोर्ड परीक्षा मार्च से शुरू हो रही है। उम्मीद है कि सभी चुनाव बोर्ड परीक्षा से पहले करा लेंगे।