भिलाई। गांजा तस्करी के मामले में दुर्ग पुलिस ने दो युवकों को होटल से गिरफ्तार किया है। ओड़िशा से लेकर दुर्ग पहुंचे युवक उक्त गांजा को गोरखपुर उत्तर प्रदेश ले जाने की तैयारी में थे। दुर्ग से निकलने वाली नवतनवा एक्सप्रेस से वे सीधा गोरखपुर पहुंचते लेकिन इससे पहले की पुलिस के हत्थे चढ़ गए। पुलिस की पूछताछ में पता चला कि युवक कुरियर की तरह काम कर रहे थे। 10 किलो गांजा पहुंचाने के एवज में यूपी का शातिर इन्हें 6 रुपए देता था। फिलहाल दुर्ग कोतवाली पुलिस आगे की कार्रवाई कर रही है।
दरअसल पुलिस को सूचना मिली कि नलघर के पास एक होटल में दो युवक ठहरे हुए हैं। इन युवकों के पास कुछ संदिग्ध पैकेट रखे हुए हैं। सूचना के बाद थाना कोतवाली की टीम ने दबिश दी और वहां से शैलेन्द्र कुमार पाठक (46) व शैलेष कुमार प्रसाद (24) को हिरासत में लिया। पूछताछ में दोनों ने बताया कि वे कबीर नगर गोरखपुर उत्तरप्रदेश के रहने वाले हैं। दोनों के पास क्रमश: 14-14 किलो गांजा बरामद किया गया तो बैग में रखा हुआ था। गांजा की कुल कीमत 5 लाख 60 रुपए आंकी गई है। वहीं एक रियलमी का मोबाइल भी जब्त किया गया।
6 हजार रुपए के लिए कर रहे थे कुरियर का काम
एएसपी अभिषेक झा ने बताया कि गांजा का रैकेट बहुत बड़ा है। पूछताछ में आरोपियों से पता चला कि वे केवल कुरियर बॉय की तरह काम कर रहे हैं। यूपी में बैठा सरगना इन्हें 10 किलो गांजा पहुंचाने के एवज में 6 रुपए देता था। आरोपियों ने बताया कि वे उक्त गांजा गोरखपुर ले जा रहे थे। ओड़िशा से गांजा लेकर पहले वे अंबिकापुर पहुंचे। फिर पता चला कि गोरखपुर के लिए दुर्ग से नवतनवा एक्सप्रेस सीधी ट्रेन है उससे जाना सेफ रहेगा। इसके बाद दोनों अंबिकापुर से रायपुर पहुंचे और रायपुर से दुर्ग।
नवतनवा से गोरखपुर जाने की थी तैयारी
दुर्ग में कमरा लेकर रह रहे थे और शुक्रवार को नवतनवा से गोरखपुर जाना था। इससे पहले ही मुखबिर की सूचना पर दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया। इस मामले में इनका एक साथी फरार है जिसकी तलाश की जा रही है। आरोपियों के खिलाफ स्वापक औषधि और मनः प्रभावी पदार्थ अधिनियम, 1985 20 (बी) के तहत् कार्यवाही की गई है। इस पूरी कार्रवाई में एएसआई पूरनदास, प्रधान आरक्षक चेतन साहू, योगेश चंद्राकर, आरक्षक उत्कर्ष सिंह, प्रशांत पाटनकर, अलाउद्दीन शेख, सुरेश जायसवाल, नवीन यादव की सराहनीय भूमिका रही।