भिलाई। पुलिस कण्ट्रोल रूम सेक्टर-06 भिलाई में एएसपी सुखनंदन राठौर की उपस्थिति में शहर के बैंक प्रबंधकों की बैठक आयोजित की गयी। बैठक के दौरान साइबर ठगी के बढ़ते अपराध के तरीकों से बैंक अधिकारियों को अवगत कराया गया। इन अपराधों के रोकने, पीड़ितों को अविलम्ब सहयोग पहुंचाने, गोल्ड लोन वाले मामलों की पूर्ण तस्दीक किए जाने, बैंकों की सुरक्षा के लिए आवश्यक चर्चा की गयी। यह बैठक दुर्ग एसपी जितेन्द्र शुक्ला निर्देश पर आयोजित की गई।
बैठक में एएसपी सुखनंदन राठौर ने बैंक अधिकारियों से कहा कि साइबर क्राइम के अपराधों में पुलिस के साइबर सेल व्दारा चाही गयी जानकारी समय रहते उपलब्ध कराने कहा। इस दौरान रकम होल्ड, अनहोल्ड करने संबंधी बैंक की कार्यवाही तत्परता से करने ताकि पीड़ितों को राहत मिल सकें। एटीएम के फूटेज तत्काल उपलब्ध कराया जाए जिससे जांच तेजी से हो। प्रत्येक एटीएम में 24 घण्टे सुरक्षा गार्ड रखा जाए एवं सुरक्षा गार्ड के माध्यम से एटीएम में मुंह में गमझा या नकाब पहनकर एटीएम का उपयोग न करने दिया जाए।
बैंक खाता होल्ड होने की पुलिस को दें जानकारी
एएसपी ने कहा कि पुलिस व्दारा मांगे जाने पर डेली सेंटलमेंट रिपोर्ट तथा बेनीफेसरी डिटेल तत्काल उपलब्ध कराया जाए। बैंक शाखाओं में किसी भी ग्राहक के बैंक का खाता किसी भी बैंक व्दारा होल्ड लगाने पर इसकी जानकारी तत्काल पुलिस को दी जाए। साइबर ठगी के अपराधों (सेक्सटार्सन, डिजीटल अरेस्ट, शेयर ट्रेडिंग आदि) से पीड़ित व्यक्ति के बैंक आने पर उसकी हरसंभव सहयोग किया जाए। पुलिस व्दारा फाईनेंसियल व एटीएम ठगी के प्रकरणों में ठगों के खातों में ट्रांसफर रकम को तत्काल होल्ड करने सहित बैंकों में ठगों के खातों की राशि, होल्ड राशि को पीड़ितों के खाते में बिना किसी जटिल प्रक्रिया के आसानी से वापस किया जाए।
संदिग्ध खातों की पहचान कर पुलिस को बताएं
संदिग्ध खातों की जानकारी पुलिस को दी जाए।बैंक की सुरक्षा हेतु सीसीटीवी कैमरा बैंक के अंदर, बाहर के साथ ही बैंक के चारों दिशाओं में एवं मार्ग को कव्हर करते हुये लगाया जाए। कैमरा लगातार चालू रखा जाए। बैकअप डाटा रखा जाए । बैंक का आलर्म सुचारू रूप से कार्य करें, इस हेतु समय-समय पर इसे चेक किया जाए। सभी बैंकों में गार्ड रखा जाए एवं गार्ड के आर्म्स का वेरिफिकेशन कराया जाए। बैंक में फायर सिस्टम लगाया जाए। संदिग्धों की सूचना तत्काल पुलिस को दिया जाए।
इन बातों पर बैंक व पुलिस के बीच बनी सहमति
बैंक प्रबंधकों को अपने बैंक के वाट्सएप ग्रुप के साथ संबंधित थाना व चौकी के अधिकारी व कर्मचारी को जोड़ने या थाना व चौकी के अधिकारी व कर्मचारी के वाट्एप ग्रुप में बैंक के अधिकारी व कर्मचारी को जोड़ने, संदिग्ध एकाउण्ट की जानकारी पुलिस को देने हेतु आवश्यक सहमति बनी। साथ ही बैंकों के टेक्नीकल स्टाफ एवं पुलिस के साईबर सेल के मध्य समन्वय स्थापित कर कार्य किए जाने हेतु आने वाले समय में एक सेमीनार का आयोजन किये जाने के संबंध में विचार किया गया। बैठक में सीएसपी सत्यप्रकाश तिवारी, सीएसपी हरिश पाटिल, डीएसपी हेम प्रकाश नायक सहित 75 से अधिक बैंकों के प्रबंधक उपस्थित रहे।