नेवई थाना क्षेत्र का मामला, पुलिस ने रखा था 10 हजार का ईनाम, एसीसीयू की कार्रवाई
भिलाई। नेवई थाना क्षेत्र में 12 साल पुराने एक हत्या के मामले में फरार आरोपी को गिरफ्तार करने में पुलिस को सफलता मिली है। पुलिस के बचने के लिए आरोपी कभी अपनी बेटी के घर पर कभी कहीं और छिपकर रह रहा था। आरोपी अपना नाम व वेशभूषा बदलकर मजदूरी करते पुलिस पुलिस को चकमा दे रहा था। पुराने अपराधों की वारंट तामिली के दौरान पुलिस ने मुखबिर की सूचना पर आरोपी को गिरफ्तार करने में सफलता पाई है। इस मामले में 12 साल पहले नेवई थाने में धारा 307, 302 के तहत अपराध दर्ज हुआ था।
दरअसल यह घटना 15 जनवरी 2012 की है। स्टेशन मरोदा निवासी ममता साहू पर उसके पति घासू उर्फ झासू ने मिटट्टी तेल डालकर आग लगा दिया था। घटना के बाद घासू उर्फ झासू फरार हो गया। इधर बुरी तरह से झुलसी ममता साहू को अस्पताल में भर्ती कराया गया। पुलिस ने झुलसी महिला का बयान लेने के बाद अपराध दर्ज किया था। बाद में इलाज के दौरान ममता साहू की मौत हो गई। जांच के दौरान पुलिस को पता चला कि आरोपी पति घासू व उसकी पत्नि ममता साहू अत्यधिक मात्रा में शराब पीते थे। दिनांक घटना को दोनों शराब के नशे में थे आपसी विवाद के चलते घासू ने अपनी पत्नि को मिटट्टी तेल डाल कर आग दिया और फरार हो गया। पुलिस ने आरोपी पति के खिलाफ धारा 307, 302 के तहत अपराध दर्ज कर उसकी तलाश शुरू की।
राजनांदगांव में बेटी के पास रह रहा था आरोपी
घटना के बाद पुलिस लगातार आरोपी की पतासाजी कर रही थी लेकिन उसका कोई सुराग नहीं मिल रहा था। हाल ही में पुलिस को पता चला कि 2012 में अपनी पत्नी पर मिटट्टी तेल डालकर जलाने वाला आरोपी घासू उर्फ झासू राम पिता गंगाराम गायकवाड अपनी बेटी के घर राजनांदगांव में रह रहा है। सूचना के बाद नेवई पुलिस व एसीसीयू ने वरिष्ठ अधिकारियों को अवगत कराया गया था। इसके बाद पुलिस ने राजनांदगांव पहुंचकर ग्राम इंदावनी से आरोपी घासू उर्फ झासू को हिरासत में लिया।
गिरफ्तारी से बचने छिप रहा था आरोपी
पूछताछ में उसने अपना अपराध स्वीकार कर लिया है। आरोपी ने बताया कि घटना के बाद फरार होकर गिरफ्तारी से बचने जिला बालोद क्षेत्र एवं जिला रायपुर क्षेत्र के अलग-अलग गांव व शहरों में नाम, वेशभूषा बदल कर मजदूरी कर जीवन यापन कर रहा था। इतने साल बाद उसने सोचा कि केस क्लोज हो गया होगा इसलिए राजनांदगांव में बेटी के घर पर रह रहा था। इस पूरी कार्रवाई में उक्त कार्यवाही में एसीसीयू से सउनि गुप्तेश्वर यादव, प्रधान आरक्षक पंकज कुमार, मेघराज चेलक, आरक्षक चित्रसेन, अजय ढीमर, राजकुमार चन्द्रा की उल्लेखनीय भूमिका रही।