दुर्ग। कलेक्टर ऋचा प्रकाश चौधरी ने शनिवार को पीडब्ल्यूडी कार्यालय दुर्ग के सभागार में धान खरीदी से संबंधित अधिकारियों की बैठक लेकर जिले में धान खरीदी के गतिविधियों की समीक्षा की। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को धान उपार्जन केंन्द्रों में आवश्यकता के अनुरूप व्यवस्था, किसानों एवं धान हेतु समुचित सुविधा, किसानों को भुगतान और गुणवत्तायुक्त धान खरीदी के संबंध आवश्यक निर्देश दिए। कलेक्टर सुश्री चौधरी ने अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कृषि विभाग से सही किसान के खाते में पैसा पहुंचे। धान उठाव नियमित एवं समय सीमा के भीतर हो। डीओ कटने के उपरांत 7 दिन के भी धान उठाव सुनिश्चित किया जाए। धान उठाव के 48 घंटे के भीतर किसानों के खाते में पैसा पहुंचे इस बात का विशेष ध्यान रखा जाए।
नगद भुगतान की स्थिति में प्रबंधक पर्याप्त मात्रा में राशि की व्यवस्था रखे। उन्होंने कहा फर्जी किसान का एक दाना भी समिति में नहीं लिया जाए। शासन की मंशानुरूप प्रशासन की जिम्मेदारी है कि सही किसान को ही योजना का लाभ मिले। इसके लिए एसडीएम एवं नोडल अधिकारी धान खरीदी की सख्ती से निगरानी रखें। समितियों में धान उठाव में किसी प्रकार की समस्या आने पर एसडीएम से समन्वय बनाकर निराकरण हेतु आवश्यक कार्यवाही की जाए। बैठक में एडीएम अरविंद एक्का, सहायक कलेक्टर एम भार्गव, अनुविभागीय अधिकारी भिलाई महेश राजपूत, धमधा सोनल डेविड सहित विभाग के अधिकारीगण एवं प्रबंधन समिति के सदस्य, जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित दुर्ग के अधिकारी हृदेश शर्मा मौजूद थे।
बैठक के दौरान खाद्य अधिकारी टीएस अत्रि ने अवगत कराया कि वर्ष 2024-25 हेतु जिले में धान खरीदी के लिए सहकारी समिति 87, उपार्जन केन्द्र 102 है। धान की खरीदी के लिए अनुमानित लक्ष्य 6 लाख 48 हजार 485 मेट्रिक टन है। जिले में कुल पंजीकृत किसान 114655 और 1,21,114.10 पंजीकृत रकबा है। आज की स्थिति तक खरीदी गई 1485 किसानों से धान खरीदी 6,369.16 मेट्रिक टन है। कलेक्टर सुश्री चौधरी ने कहा धान खरीदी केन्द्र में आवश्यक व्यवस्थाओं की आपूर्ति का विशेष ध्यान रखा जाए ताकि किसानों को असुविधा न हो। केन्द्र में बोरा-सुतली, धान तौलने की इलेक्ट्रॉनिक मशीन व मीटर सही स्थिति में हो। किसान से धान खरीदी का कार्य व्यवस्थित रूप से हो, किसानों को सुविधापूर्वक धान बेचने की व्यवस्था रखे। टोकन वाले किसानों को एक दिन पूर्व शाम के समय या खरीदी वाले दिन धान लाने दे जिससे जगह की समस्या न हो। इस दौरान किसानों के बैठने एवं पेय जल इत्यादि की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कहा मैदान में धान रखने की स्थिति में पानी निकासी की सुगम व्यवस्था की जाए।
गुणवत्ता परीक्षण के उपरांत धान खरीदी की जाए सुनिश्चित
कलेक्टर सुश्री चौधरी ने कहा धान लाने पर आवश्यक रूप से ढेरी लगवाकर गुणवत्ता परीक्षण उपरांत धान खरीदे जाए। औसत उपज से अधिक धान लाने वाले कृषकों का टोकन जारी होने के पश्चात् परीक्षण कर लें। मोटा-पतला, नये-पुराने धान की पहचान कर व्यवस्थित किया जाए। टोकन एक सप्ताह पूर्व कटेगा, इस बीच परीक्षण किया जाए। धान उपार्जन के दिन ही सिलाई व स्टेकिंग की व्यवस्था कर दी जाए, इसके लिए पर्याप्त हमाल रखें। उपार्जन केन्द्र के कोचिया/बिचौलियां की सूची, टोल फ्री नंबर इत्यादि का प्रदर्शन हो। शनिवार को स्टॉक का सत्यापन करें, स्टॉक के साथ साथ खाली बारदाने का मिलान भी करें। उपार्जन प्रभारी धान को व्यस्थित स्टेकिंग में मात्रा व प्रकार लिखकर रखें। बारदाने की आवश्यकता का अनुमान लगाकर कम से कम दो दिन पूर्व सूचित करें। मिलर द्वारा मिल से ऑनलाईन चिन्हांकिन वाहन में ही धान लोड कराएं। गुणवत्ता के संबंध में विवाद होने पर तहसील स्तरीय समिति द्वारा अंतिम निर्णय लिया जाएगा। यथासंभव समिति स्तर पर निराकरण का प्रयास करें।