जशपुर। जशपुर जिले में पिछले दिनों सामने आए फाइनेंस गैंग के मामले में पुलिस ने फरार बुलेट शोरूम के मैनेजर को बैकुंठपुर से गिरफ्तार किया है। आरोपी पुलिस से बचने के लिए लगाताछ छिप रहा था। इस मामले में पुलिस ने पूर्व में सरगना शाहरूख खान एवं साथी वसीम अकरम को चौकी कोतबा पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर इनके कब्जे से 10 बुलेट एवं 01 स्कूटी वाहन को जप्त किया जा चुका है। वहीं अब बुलेट शोरूम का मैनेजर मनीष डेविड गिरफ्तार हो गया। मनीष डेविड ने शाहरूख खान से दस्तावेज एवं अन्य डाटा प्राप्त कर कूटरचना कर अनेकों वाहन का फायनेंस कराया और बेच दिया। इस मामले में पुलिस ने धारा 420, 467, 468, 471, 379, 34 के तहत कार्रवाई की है।
बता दें इस मामले में आशीष शर्मा (26) निवासी कोतबा ने चौकी में एक शिकायत की थी। उसे 12 अगस्त 2024 को कोरियर के माध्यम से एक आर.सी. बुक प्राप्त हुई। जिसमें वाहन का रजिस्ट्रेशन क्र. सी.जी. 29 ए.जी. 1344 का रजिस्ट्रेशन दिनांक 06.02.2024 एवं चेचिस नंबर, इंजन नंबर इत्यादि अंकित है। उक्त वाहन को हिंदुजा लिलैंड फायनेंस कंपनी के द्वारा फायनेंस किया गया है। आवेदक एवं इसके परिवार के सदस्य के द्वारा किसी प्रकार का इस वर्ष वाहन नहीं खरीदा गया है, न ही इसके द्वारा किसी प्रकार का मूल दस्तावेज दिया गया है। इसके द्वारा दस्तावेज की छायाप्रति को स्कूटी के डिक्की में रखा गया था जिसे किसी अज्ञात के द्वारा चुराकर उसका दुरूपयोग किया गया।
प्रकरण की विवेचना दौरान आरोपी शाहरूख खान (26) निवासी खोरमा थाना प्रतापपुर जिला सूरजपुर एवं वसीम खान (40) निवासी रसुलपुर अंबिकापुर के कब्जे से 10 नग बुलेट वाहन एवं 01 नग स्कूटी को जब्त कर उन्हें दिनांक 3 नवंबर को गिरफ्तार कर न्यायिक अभिरक्षा में भेजा गया है। प्रकरण का सहआरोपी मनीष डेविड फरार था, जिसकी पतासाजी की जा रही थी। विवेचना दौरान मनीष डेविड के बैकुण्ठपुर में होने की जानकारी मिलने पर चौकी कोतबा से तत्काल पुलिस टीम मौके पर जाकर दबिश देकर उसे अभिरक्षा में लिया गया। पूछताछ में मनीष डेविड ने बताया कि यह सीधे शाहरूख खान से जुड़ा था एवं उसी से दस्तावेज प्राप्त करता था एवं फायनेंस कराने का काम करता था। आरोपी मनीष डेविड के विरूद्ध अपराध सबूत पाये जाने पर उसे गिरफ्तार कर न्यायिक अभिरक्षा में भेजा गया है। प्रकरण की विवेचना कार्यवाही एवं आरोपी को गिरफ्तार करने में चौकी प्रभारी कोतबा उप निरीक्षक राकेश सिंह, आरक्षक उपेन्द्र सिंह, बूटा सिंह का योगदान रहा है।