इस साल का अभियान ’शर्म छोड़ो, गाँठों पे बोलो’ स्तन की सेहत हेतु सक्रिय कदम उठाने को प्रेरित कर रहा है तथा जांच, पहुंच एवं विशेषज्ञों के ज्ञान द्वारा समुदायों के बीच बातचीत के द्वार खोल रहा है
रायपुर/ भारत के अग्रणी कैंसर अस्पतालों में से एक वेदांता के बाल्को मेडिकल सेंटर ने स्तन कैंसर जागरुकता माह के दौरान व्यापक जागरुकता अभियान ‘शर्म छोड़ो, गाँठों पे बोलो’ चलाया, जिसका लक्ष्य था स्तन कैंसर का शीघ्र पता लगाना तथा इस मर्ज से जुड़े कलंक को हटाना। इस पहल के तहत बीएमसी ने कई कार्यक्रम आयोजित किए, जैसे- स्वास्थ्य जांच, बाईक रैली, नि:शुल्क मैमोग्राफी स्क्रीनिंग व शैक्षिक पॉडकास्ट, ताकि इस रोग का समय रहते पता लगाया जा सके और समुदाय के लोगों में इस विषय पर जागरुकता बढ़ाई जा सके। स्तन कैंसर जागरुकता माह के दौरान बीएमसी ने इस पर ध्यान केन्द्रित किया कि जनता को इस बारे में शिक्षित किया जाए और इसकी रोकथाम व जांच हेतु सक्रिय उपायों को प्रोत्साहन दिया जाए।
इस पूरे महीने बीएमसी ने नि:शुल्क मैमोग्राफी जांच की सुविधा प्रदान की, ताकि महिलाओं को इस बीमारी के बारे में सचेत किया जाए और समय रहते पता लगाने की निवारक जांच को बढ़ावा दिया जाए। अक्टूबर के आखिरी हफ्ते में बीएमसी की मोबाइल कैंसर डिटेक्शन वैन ने आसपास के गांवों में 45 वर्ष से अधिक की महिलाओं के लिए जांच शिविर आयोजित किए। इन शिविरों ने नियमित जांच की अहमियत को समझाया और स्वयं स्तन परीक्षण सिखाया जिससे महिलाओं ने सक्रिय स्तन स्वास्थ्य के महत्व को जाना।
समुदाय को और अधिक इस अभियान से जोड़ने के लिए ब्रैस्ट कैंसर अवेयरनेस बाइक रैली निकाली गई, जिसमें 10 बाइकिंग समूहों ने हिस्सा लिया, जिनमें 270 के लगभग राइडर थे। तत्पश्चात् वृक्षारोपण किया गया जो आशा एवं वृद्धि का प्रतीक बना। इस प्रकार समुदाय ने स्तन कैंसर जागरुकता को सहयोग देने तथा सभी के लिए एक स्वास्थ्यकर भविष्य पोषित करने की प्रतिबद्धता व्यक्त की। बीएमसी ने इन गतिविधियों को सोशल मीडिया के जरिए प्रसारित किया, जहां इस अभियान की मुख्य झलकियां, एक जागरुकता हिंडोला और विशेषज्ञों के वीडियो साझा किए गए।
बाल्को मेडिकल सेंटर के प्रयासों को रेखांकित करते हुए बीएमसी की मेडिकल डायरेक्टर डॉ भावना सिरोही ने कहा, ’’स्तन कैंसर जागरुकता माह स्तन स्वास्थ्य को लेकर ज्यादा निगरानी, वक्त पर हस्तक्षेप और खुली बातचीत को बढ़ाने का बेहद अहम समय है। ’शर्म छोड़ो, गाँठों पे बोलो’ के साथ हमारा लक्ष्य है स्तन स्वास्थ्य के आसपास चुप्पी को तोड़ना, महिलाओं को शुरुआती लक्षणों को पहचानने के काबिल बनाना और बिना संकोच के कदम उठाने के लिए प्रोत्साहित करना। खुली चर्चा को बढ़ावा देकर और जांच उन तक पहुंचा कर हमारा इरादा समुदायों को यह समझने में मदद करना है कि वक्त पर स्तन कैंसर का पता लगाकर जीवन बचाया जा सकता है और स्तन कैंसर से प्रभावित महिलाओं के उपचार परिणाम बेहतर होते हैं।’’
इस शिक्षा को व्यापक स्तर पर फैलाने के लिए डॉ. भावना सिरोही ने स्तन कैंसर जागरुकता के महत्व पर पॉडकास्ट चर्चा में भी हिस्सा लिया। उन्होंने बीएमसी कर्मचारियों को टाउनहॉल चर्चा में शामिल किया, जहां उन्होंने मरीजों व परिवारों को सपोर्टिव केयर देने में उनकी भूमिका के बारे में बात की। गुलाबी कपड़े पहने कर्मचारियों ने इस मुद्दे पर अपना समर्थन प्रदर्शित किया तथा अर्थपूर्ण चर्चाओं में शिरकत की, जो इस पर केन्द्रित थी कि उनके मुख्य कार्य के अलावा वे जागरुकता एवं रोगी सहयोग में किस प्रकार योगदान कर सकते हैं।
2018 में अपनी स्थापना के बाद से वेदांता एल्युमीनियम का अत्याधुनिक कैंसर उपचार केन्द्र भारती ऑन्कोलॉजी के क्षेत्र में एक राष्ट्रीय लीडर की पहचान बना चुका है। दुनिया में स्तन कैंसर सबसे आम कैंसर है, हर साल इसके 23 लाख नए मामले सामने आते हैं, ऐसे में बीएमसी की पहलकदमियां जागरुकता बढ़ाने और समुदाय को साथ जोड़ने में बेहद अहम हैं। हैल्थ स्क्रीनिंग कैम्पों ने महिला कर्मचारियों एवं ग्रामीण महिलाओं को बड़े महत्व की सेवाएं दी हैं, जबकि बाइक रैली कैंसर के विरुद्ध लड़ाई में एकता का प्रतीक बनी। ज्ञानवर्धक शैक्षिक सामग्री के माध्यम से बीएमसी ने लोगों को रोकथाम व उपचार के विकल्पों की जानकारी देकर उन्हें सशक्त किया और सम्पूर्ण कैंसर केयर हेतु अपनी प्रतिबद्धता को पुनः पुख्ता किया।
इन सब पहलकदमियों ने न केवल बीमारी के बारे में सामुदायिक बातचीत को सुदृढ़ किया बल्कि लोगों को अपनी सेहत को प्राथमिकता देने हेतु सशक्त भी किया। ज्ञान एवं सहयोग के माहौल को बढ़ावा देकर बीएमसी स्तन कैंसर के खिलाफ महत्वपूर्ण प्रगति कर रहा है, और साथ ही प्रत्येक को उनकी खुद की स्वास्थ्य यात्रा में एक सक्रिय भूमिका निभाने के लिए प्रोत्साहित कर रहा है।