आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति (सीसीईए) ओडिशा की खदानों से 100 प्रतिशत रेल आधारित कोयला निकासी को सक्षम बनाएगी, इससे वेदांता का नेट ज़ीरो कार्बन का लक्ष्य पूरा होगा
यह बदलाव सड़क परिवहन की खामियों से उबरने में सहायक सिद्ध होगा
रायपुर, सितम्बर 2024: भारत की सबसे बड़ी एल्युमिनियम उत्पादक वेदांता एल्युमिनियम ने ओडिशा व छत्तीसगढ़ के बीच सरडेगा-भालूमुडा रेल लाइन सम्पर्क परियोजना को सुगम करने के भारत सरकार के फैसले की सराहना की है। इस पहल से कोयला परिवहन सस्टेनेबल एवं सक्षम तरीके से व्यवस्थित बनेगा। इस परियोजना को आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति (सीसीईए) ने मंजूरी दी है। ओडिशा में स्थित वेदांता की जमखानी एवं घोघरपल्ली कैप्टिव खदानों से कोयला निकासी का काम सड़क परिवहन के बजाय पूरी तरह रेल द्वारा होने से कंपनी के काबर्न उत्सर्जन में बहुत कमी आएगी तथा कोयला परिवहन से जुड़े खर्चे भी कम हो जाएंगे। 37 किलोमीटर लम्बी यह रेल लाइन कंपनी की कोयला खदानों से कोयला परिवहन को व्यवस्थित करेगी, इस प्रकार कोयले की क्वालिटी निरंतर उपयुक्त स्तर पर बनी रहेगी तथा रैपिड लोडिंग सिस्टम के जरिए लॉजिस्टिक निर्बाध बनेगा।
सन् 2050 तक नेट ज़ीरो कार्बन उत्सर्जन हासिल करने की कंपनी की व्यापक रणनीति है और यह परियोजना उसी दिशा में एक अहम सहायक साबित होगी। कंपनी की पर्यावरण, सामाजिकता एवं गवर्नेंस (ईएसजी) की व्यापक रणनीति में रेल आधारित परिवहन प्रमुख सहायक है। यह तरीका कंपनी के प्रचालनों को कार्बन-मुक्त बनाने तथा सप्लाई चेन मैनेजमेंट को कुशल बनाने पर केन्द्रित है और चूंकि कंपनी एक हराभरा एवं संसाधन-कुशल भविष्य बनाने के लिए प्रयासरत है तो ये कदम बहुत अहम साबित होंगे। इस कदम से सड़कों पर भीड़, उत्सर्जन और ईंधन की खपत कम होगी।
इस प्रगति पर वेदांता एल्युमिनियम के सीईओ जॉन स्लेवन ने कहा, ’’इस महत्वपूर्ण इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट को आगे बढ़़ाने के लिए हम भारत सरकार का तहे दिल से शुक्रिया अदा करते हैं, इससे हमारी सप्लाई चेन की कार्यक्षमता में काफी इजाफा होगा। 2050 तक नेट ज़ीरो हासिल करने के हमारे प्रयासों में यह प्रोजेक्ट एक अहम मील का पत्थर साबित होगा। इससे भी अहम यह है कि यह इंफ्रास्ट्रक्चर क्षेत्रीय औद्योगिक वृद्धि में मदद करेगा, स्थानीय उद्योगों को फायदा देगा और आसपास के समुदायों के लिए उपयोगी आर्थिक अवसरों का निर्माण करेगा।’’
यह रेल लाइन प्रोजेक्ट, खासकर इसके निर्माण एवं प्रचालन के चरणों में स्थानीय समुदायों के लिए रोजगार के नए मौके पैदा करेगा। यह इंफ्रास्ट्रक्चर विकास क्षेत्रीय उद्योगों को बढ़ावा देगा क्योंकि उनकी परिवहन की क्षमता बढ़ेगी तथा आगे अतिरिक्त निवेश आकर्षित होगा। वेदांता एल्युमिनियम के अलावा, यह परियोजना पूरे इलाके में सकारात्मक प्रभाव उत्पन्न करेगी, औद्योगिक वृद्धि में सहयोग देगी और बड़े स्तर पर इलाके के आर्थिक विकास में योगदान देगी क्योंकि इससे लॉजिस्टिक्स व्यवस्थित होगा तथा परिवहन की अक्षमताएं घटेंगी।
वेदांता लिमिटेड की इकाई वेदांता एल्युमिनियम भारत की सबसे बड़ी एल्युमिनियम उत्पादक है। वित्तीय वर्ष 24 में 23.7 लाख टन उत्पादन के साथ कंपनी ने भारत के कुल एल्युमिनियम का आधे से ज्यादा हिस्सा उत्पादित किया। यह मूल्य संवर्धित एल्युमिनियम उत्पादों के मामले में अग्रणी है जिनका उपयोग कई अहम उद्योगों में किया जाता है। वेदांता एल्युमिनियम को एल्युमिनियम उद्योग में एस एंड पी ग्लोबल कॉर्पोरेट सस्टेनेबिलिटी असेसमेंट 2023 में पहली वैश्विक रैंकिंग मिली है, यह उपलब्धि कंपनी की सस्टेनेबल विकास प्रक्रियाओं को प्रतिबिम्बित करती है। भारत में अपने विश्वस्तरीय एल्युमिनियम स्मेल्टर्स और एल्युमिना रिफाइनरी के साथ कंपनी हरित भविष्य के लिए विभिन्न कार्यों में एल्युमिनियम के प्रयोग को बढ़ावा देने और इसे ’भविष्य की धातु’ के रूप में पेश करने के अपने मिशन में लगातार आगे बढ़ रही है।