दुर्ग। मोहन नगर थाना क्षेत्र में एक शख्स ने बेटे के साथ मिलकर अपने छोटे भाई की हत्या कर दी। छोटा भाई से विवाद होने के बाद उसने इस वारदात को अंजाम दिया। वायर से गला घोंटकर हत्या की और पुलिस को गुमराह करने का प्रयास किया। हालांकि उनकी चालाकी काम नहीं आई और घटना के चंद घंटों बाद ही आरोपी गिरफ्तार कर लिए गए। मोहन नगर पुलिस ने आरोपियों को न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया है।
मिली जानकारी के अनुसार घटना शुक्रवार शाम की बताई जा रही है। प्रेम लाल वर्मा ने मोहन नगर पुलिस को सूचना दी थी। उसने बताया कि दुर्गेश उर्फ गेंडा उर्फ नानू ने उसका मोबाइल अपने पिता से बात करने के लिए अपने घर ले गया। वापस नहीं आने पर वह अपने साथी रविन्द्र देशमुख के साथ उसके घर गए। घर के बाहर से ताला लगा हुआ था। मोबाइल से काल करने पर घर अंदर से रिंगटोन की आवाज सुनाई दे रही थी। ताला तोडकर अंदर जाकर देखने पर दुर्गेश के गले में बिजली का तार लपेटा हुआ था तथा नाक से खून निकल रहा था। वह मृत अवस्था में पड़ा था। पुलिस ने इस मामले में धारा 103 (1) बीएनएस के तहत अपराध दर्ज कर जांच शुरू की।
प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा घटना स्थल का निरीक्षण किया गया एवं प्रकरण की आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए आवश्यक दिशा निर्देश देकर अलग-अलग टीम गठित कर रवाना किया गया जल्द ही पुलिस आरोपियों तक पहुंच गई। पुलिस ने इस मामले में मृतक दुर्गेश के बड़े भाई शक्ति नगर चपरासी प्लाट वार्ड नंबर 18 निवासी श्रीराम निषाद व उसके बेटे खिलावन निषाद हिरासत में लिया।
जमीन की ऋण पुस्तिका को लेकर था विवाद
पुलिस की पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि दुर्गेश उर्फ गेंडा कोई काम नहीं करता था और आपराधिक पृवत्ति का था। आये दिन पैसे की मांग करते रहता था तथा जमानत के लिए जमीन की ऋण पुस्तिका की मांग करता था। शुक्रवार शाम को भी शराब के नशे में पहुंचा और ऋण पुस्तिका की मांग करने लगा। इस बात को लेकर विवाद हुआ। इसके बाद दोनों ने मिलकर दुर्गेश के गले में बिजली के तार लपेट कर गला घोंट कर हत्या कर दी। इस पूरी कार्रवाई में थाना प्रभारी मोहन नगर निरीक्षक नवी मोनिका पाण्डेय, उप निरीक्षक पारस सिंह ठाकुर, उप निरीक्षक लक्ष्मण सिंह ठाकुर, प्रधान आरक्षक संतोष शर्मा, मोहन साहू, अजय विश्वकर्मा, आरक्षक ओमप्रकाश देशमुख, सकील खान, क्रान्ति शर्मा, सुजीत पान, वेदराम बंद एवं सचिन सिंह की सराहनीय भूमिका रही।