रायपुर (श्रीकंचनपथ न्यूज़)। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय को एक बार फिर दिल्ली से बुलावा आया है। वे आज सुबह की फ्लाइट से दिल्ली रवाना भी हो गए। आज ही दोनों डिप्टी सीएम अरुण साव व विजय शर्मा भी दिल्ली जाने वाले हैं। उनके अलावा वित्तमंत्री ओपी चौधरी भी जा रहे हैं। आगामी 23 जुलाई को केन्द्र सरकार का आम बजट प्रस्तुत होने जा रहा है। उससे पहले इस दौरे के काफी मायने हैं। माना जा रहा है कि सीएम साय छत्तीसगढ़ के लिए कई सौगातों की अपेक्षा कर सकते हैं। इनमें नई ट्रेनों का परिचालन भी शामिल है। छत्तीसगढ़ को विकसित राज्यों की श्रेणी में ला खड़ा करने की साय सरकार की कोशिशों के लिहाज से भी इस दौरे को अहम् माना जा रहा है। इसके अलावा एक बार फिर मंत्रिमंडल विस्तार, रायपुर दक्षिण से पार्टी प्रत्याशी के चयन और नगरीय निकाय के चुनावों पर शीर्ष नेतृत्व से चर्चा होने के कयास लगाए जा रहे हैं।
लोकसभा चुनाव निपटते ही छत्तीसगढ़ में कैबिनेट के विस्तार की प्रतीक्षा की जा रही है। सीएम साय के दिल्ली दौरे की खबर के बीच कैबिनेट विस्तार पर सभी की नजरें टिकी हुई हैं। हालांकि पिछले दिनों यह खबर भी आई थी कि मंत्रिमंडल के विस्तार को नगरीय निकायों के चुनावों तक टाल दिया गया है। स्वयं मुख्यमंत्री श्री साय पत्रकारों से चर्चा के दौरान इस सवाल को टालते रहे हैं। लेकिन दिल्ली से बुलावा आने के बाद सीएम साय की आलाकमान के साथ हाई लेवल मीटिंग तय मानी जा रही है। श्री साय पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, गृहमंत्री अमित शाह व रेलमंत्री समेत अनेक शीर्ष नेताओं से मुलाकात करेंगे। इस दौरान विभिन्न विषयों पर चर्चा होने की संभावना है। मुख्यमंत्री श्री साय कल 18 जुलाई को वरिष्ठ पत्रकारों के साथ बैठक करने जा रहे हैं। इसके चलते गुरूवार को होने वाले जनदर्शन कार्यक्रम रद्द कर दिया गया है। 22 जुलाई को छत्तीसगढ़ विधानसभा का मानसून सत्र होने जा रहा है। इसके चलते साय सरकार कुछ दिन काफी व्यस्त रहेगी। इससे पहले दिल्ली के दौरे को महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
गौरतलब है कि मानसून सत्र से पहले केबिनेट विस्तार की चर्चा जोरों पर थी, लेकिन इससे पहले ही वनमंत्री केदार कश्यप को संसदीय कार्य मंत्रालय का प्रभार सौंप दिया गया। इससे इन कयासों को बल मिला कि हाल-फिलहाल साय मंत्रिमंडल का विस्तार नहीं होगा। यह भी दावा किया जा रहा है कि लोकसभा चुनाव में कुछेक मंत्रियों का प्रदर्शन आशानुरूप नहीं रहा। इनमें से कम से कम एक मंत्री से इस्तीफा लिए जाने की भी चर्चा थी। अब सीएम साय के दिल्ली दौरे से तमाम कयासों को एक बार फिर बल मिल रहा है। हालांकि यह भी दावा किया जा रहा है कि मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर हाईकमान से चर्चा सिर्फ एक विषय है। सीएम समेत चारों नेताओं के दौरे के पीछे और भी कई कारण हो सकते हैं। मसलन, केन्द्रीय गृहमंत्री के साथ राज्य के हालातों, नक्सलवाद आदि मुद्दों पर बातचीत हो सकती है तो रेलमंत्री के साथ राज्य में रेल सुविधाएं बढ़ाने पर भी चर्चा हो सकती है। केन्द्रीय बजट में छत्तीसगढ़ को पर्याप्त महत्व दिए जाने, नगरीय क्षेत्रों के विकास के लिए अतिरिक्त मद भी दिल्ली दौरे के एजेंडे में शामिल होने की संभावना है।
सीएम साय ने कहा, – करेंगे वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात
दिल्ली रवाना होने से पहले रायपुर एयरपोर्ट पर सीएम साय ने पत्रकारों से बात की। सीएम ने बताया कि दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा और रेल राज्यमंत्री से मुलाकात करने का कार्यक्रम है। हालांकि उन्होंने इस बाबत विस्तार से चर्चा नहीं की। राजस्थान सरकार को हसदेव अरण्य क्षेत्र में कोल खनन की अनुमति देने और भजनलाल शर्मा के सीएम साय को बधाई देने के सवाल पर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि भजनलाल शर्मा ने गलती से बधाई दे दी होगी, ऐसा कुछ नहीं है। वहीं, सीजीपीएससी घोटाले की जांच शुरू होने के सवाल पर सीएम विष्णुदेव साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ में चुनाव प्रचार के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सीबीआई जांच का वादा किया था। उसी वादे को पूरा करते हुए सीजीपीएससी घोटाले की जांच शुरू की गई है। कई दस्तावेज भी जब्त किए गए हैं। जम्मू कश्मीर के डोडा एनकाउंटर में शहीद जवानों पर एआईएमआईएम पार्टी के अध्यक्ष और लोकसभा सांसद असदुद्दीन ओवैसी के बयान पर सीएम साय ने कहा कि पूरी दुनिया देख रही है कि किस तरह घर में घुस कर मारे हैं। सर्जिकल स्ट्राइक किया गया है।
‘बड़ी’ अपेक्षाओं पर लगेगी मुहर
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की अगुवाई में छत्तीसगढ़ की सरकार राज्य को ऊंचाइयों पर ले जाने का ताना-बाना बुन रही है। जाहिर है कि इतने व्यापक स्तर पर काम करने के लिए छत्तीसगढ़ को केन्द्र सरकार के पूर्ण सहयोग की दरकार है। संभवत: यही वजह है कि मुख्यमंत्री श्री साय के साथ गृहमंत्री, नगरीय प्रशासन मंत्री और वित्तमंत्री भी दिल्ली रवाना हुए हैं। राजनीतिक दृष्टि से इस दौरे को महज नगरीय निकाय के चुनाव, साय मंत्रिमंडल के विस्तार और रायपुर के उपचुनाव से जोड़कर देखा जा रहा है, लेकिन इस दौरे के और भी ज्यादा मायने है। सीएम साय की अगुवाई वाली यह सरकार काम करने पर भरोसा कर रही है और काम करने और नतीजे हासिल करने के लिए बड़े वित्तीय बजट की आवश्यकता होती है। क्योंकि केन्द्र व राज्य में डबल इंजन की सरकार है, इसलिए राज्य सरकार की अपेक्षाएं भी बढ़ गई है। कई मौकों पर प्रधानमंत्री और गृहमंत्री ने डबल इंजन की सरकार के फायदे गिनवाए थे। शायद यही वजह है कि राज्य के लिए कई तरह की बड़ी और प्रभावी योजनाएं तैयार की गई है। अब इन योजनाओं पर केन्द्र सरकार की मुहर लगवाने की तैयारी है।
फूंका जा रहा है विजन 2047 का बिगूल
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश को 2047 तक विकसित राष्ट्र बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया है। ठीक इसी तर्ज पर छत्तीसगढ़ में भी अमृतकाल छत्तीसगढ़ विजन 2047 तैयार किया जाना है। इसकी शुरूआत मंगलवार को हो चुकी है। इसके तहत राज्य को समृद्ध, सम्पन्न और आत्मनिर्भर बनाने के लिए कृषि, युवा, महिला और प्रबुद्ध वर्ग के नागरिकों के साथ सारगर्भित चर्चाएं हुई और दर्जनों महत्वपूर्ण सुझाव सामने आए। अब इन सुझावों का दस्तावेजीकरण किया जाएगा, ताकि छत्तीसगढ़ को विकसित राज्य बनाने की दिशा में आगे बढ़ा जा सके। राज्य के वित्तमंत्री ओपी चौधरी इस विजन डॉक्यूमेंट को लेकर बेहद गम्भीर है। इस डाक्यूमेंट को राज्य स्थापना दिवस 1 नवम्बर को आम जनता को समर्पित किया जाएगा। इसे छत्तीसगढ़ सरकार का ड्रीम प्रोजेक्ट माना जा रहा है। मुख्यमंत्री के साथ वित्तमंत्री श्री चौधरी के दौरे को इसी के साथ जोड़कर देखा जा रहा है। दरअसल, यह डाक्यूमेंट राज्य के भावी विकास के लिए नींव का काम करेगा। साय सरकार ने इसकी शुरूआत कर दी है। इससे भी केन्द्रीय नेताओं को अवगत कराया जाएगा।