भिलाई। विधानसभा चुनाव के दौरान चर्चित एमएमएस को लेकर सोमवार को विधायक देवेन्द्र यादव ने भिलाई नगर थाने पहुंचकर अपना बयान दर्ज कराया। भिलाई नगर थाने में लगभग दो घंटे तक वे बैठे रहे और इस दौरान उन्होंने अपना बयान दिया। साथ ही कहा कि फोरेंसिक लैब में जांच कराए वे हर सैंपल देने को तैयार है।
बता दें की 2023 के विधानसभा चुनाव की घोषणा के बाद प्रचार प्रसार के दौरान एक एमएमएस वायरल हुआ था। इस वीडियो में हुबहू देवेन्द्र यादव जैसा दिखाई देने वाला शख्स एक महिला के साथ आपत्तिजनक स्थिति में पाया गया। इस एमएमएस को खूब वायरल किया गया। वीडियो वायरल होने के बाद भिलाई नगर विधायक देवेन्द्र यादव ने इसे विपक्ष के द्वारा उन्हें बदनाम किए जाने की साजिश बताई थी और उच्च स्तर पर जांच की मांग भी की थी। हालांकि छत्तीसगढ़ में उनकी सरकार पलट गई और भाजपा की सरकार बनी। उप मुख्यमंत्री व गृहमंत्री विजय शर्मा ने इस मामले की जांच करवाए जाने की बात कही थी इसे लेकर सोमवार को विधायक देवेन्द्र यादव को बयान के लिए थाने बुलाया गया। भिलाई नगर थाने में सीएसपी व थाना प्रभारी द्वारा उनका बयान लिया गया। करीब दो घंटे वे थाने में रहे और पुलिस के समक्ष अपना बयान दर्ज कराया।

विधायक देवेन्द्र ने कहा 7 महीने में सिर्फ एफआईआर
बयान देने के बाद मीडिया से चर्चा में देवेंद्र यादव ने बताया कि सर्वप्रथम पुलिस को 2 अगस्त 2023 को उनके साथी देवेश पाणिग्रही ने आवेदन देकर वायरल हो रहे आपत्तिजनक वीडियो की जानकारी दी थी एवं उच्च स्तरीय जांच और FIR की मांग की गई, इसके पश्चात विधानसभा चुनाव के दौरान 15 नवंबर 2023 को सार्वजनिक रूप से प्रेस कांफ्रेंस करके सीबीआई जांच की मांग की थी फिर विधानसभा चुनाव के पश्चात 29/1/2024 को पत्राचार किया गया था। इसके पश्चात पुन 23 फरवरी 2024 को मुख्यमंत्री एवं गृह मंत्री को पत्र लिखकर इस मामले की जानकारी दी थी एवं विधानसभा में प्रत्यक्ष रूप से विधानसभा में प्रत्यक्ष रूप से माननीय मुख्यमंत्री के समक्ष आवेदन देकर FIR एवं सीबीआई जांच की मांग की थी।

इसके बाद 22 मार्च 2024 को पुनः आवेदन देकर FIR की मांग की कुल 6 आवेदन और 7 महीने 20 दिन बाद पुलिस ने एफआईआर दर्ज किया और आज लगभग 4 महीने बाद मुझे बयान देने के लिए बुलाया गया। विधायक देवेंद्र यादव ने कहा कि कोई भी फोटोग्राफी,वीडियोग्राफी वाइस सैंपलिंग के लिए वह तैयार है वीडियो की उच्च स्तरीय जांच देश के प्रतिष्ठित फॉरेंसिक लैब चंडीगढ़ और गांधीनगर में होनी चाहिए और अगर सैंपल देने के लिए उन्हें जाना पड़े तो उक्त स्थल पर भी वो जाएंगे। पूरे प्रकरण की सीबीआई जांच होनी चाहिए और इस मामले में संलिप्त दोषियों के ऊपर कार्रवाई होनी चाहिए और जल्द से जल्द इन सब की गिरफ्तारी होनी चाहिए और मुझे न्याय मिलना चाहिए। विधायक देवेंद्र यादव ने कहा कि एक मामले में सरकार के तत्कालीन मंत्री के ऊपर आपत्तिजनक वीडियो के मामले में सीबीआई की जांच की जाती है और दूसरी तरफ विपक्ष के विधायक के सात महीने आवेदन देने पर भी सिर्फ FIR होती है और कोई जांच नहीं की जाती।