-दीपक रंजन दास
आंध्रप्रदेश के एक मिडिल स्कूल के तीन छात्रों ने मिलकर चौथी कक्षा की एक छात्रा के साथ गैंग रेप किया। पकड़े जाने के डर से उन्होंने बच्ची की हत्या कर दी और शव को नहर में फेंक दिया। उत्तर प्रदेश के बाराबंकी से भी एक ऐसी ही खबर आई है। यहां अवैध रूप से संचालित दिव्यांग अनाथाश्रम में दो बच्चियों के साथ सामूहिक बलात्कार किया गया। आरोपियों में आश्रम का प्रबंधक एवं उसके तीन साथी शामिल हैं। उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में एक किशोरी को नींद की गोलियां खिलाकर लगातार 10 दिनों तक उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया गया। छह दिन पहले पंजाब के कपूरथला से भी एक ऐसी ही खबर आई थी। यहां कुछ युवकों ने पहले किशोरी का वीडियो बनाया और फिर उसके आधार पर ब्लैक मेल करते रहे। आरोपी और उसके दोस्त जब भी इच्छा होती उसे अलग-अलग स्थानों पर ले जाते और सामूहिक दुष्कर्म करते। शिकायत पर जब पुलिस ने आरोपियों को हिरासत में लिया तो आरोपियों के परिजनों ने थाना घेर दिया। पांच दिन पहले राजस्थान से भी एक ऐसी ही घटना सामने आई। कार सवार कुछ युवकों ने रास्ता दिखाने के बहाने किशोरी को कार में बैठा लिया, उसके कपड़े फाड़ दिये और चलती गाड़ी में ही एक के बाद एक रेप करते रहे। आधी रात को करीब एक बजे वे किशोरी को निर्वस्त्र अवस्था में गांव के बाहर छोड़ गए। पटना के फुलवारी शरीफ, उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद, बिहार के कटिहार में पिस्तौल दिखाकर नाबालिग से रेप, बागपत, अजमेर, हरिद्वार, गुना, लखनऊ, सभी जगह से लगभग प्रतिदिन इस तरह की खबरें सामने आ रही हैं। छत्तीसगढ़ के रायगढ़ का एक मामला तो तब खुला जब बच्ची ने अस्पताल जाकर अपने बच्चे को जन्म दे दिया। कोरबा में एक बैगा को अपनी बहू से रेप के आरोप में पकड़ा गया है। कहा जा सकता है कि पुलिस और कानून का खौफ अब अपराधियों को नहीं रहा। वहीं दूसरी तरफ यह समाज के लिए भी एक सवाल है कि वह बच्चियों की सुरक्षा करे तो कैसे। जब से स्मार्ट फोन आए हैं लोगों की पोर्न तक सहज पहुंच हो गई है। अब अश्लील फिल्में देखने के लिए किसी को टाट-पट्टी वाले अवैध थिएटरों में जाने की जरूरत नहीं। वह कहीं भी, कभी भी पोर्न देख सकता है। बच्चों से लेकर बड़ों तक को पोर्न ने अपनी चपेट में ले रखा है। नशे की लत इस कोढ़ पर खाज साबित हो रही है। पोर्नोग्राफी उन्माद भी पैदा कर सकता है। यह भूख कितनी बड़ी हो सकती है इसे जानने के लिए केवल आंखें और कान खुले रखना काफी है। भिलाई में पिछले कुछ महीनों में कम से कम तीन रेड पुलिस ने किये हैं जिसमें पेशेवर सेक्स वर्करों के साथ स्थानीय युवा और अधेड़ पकड़े गए हैं। क्या इस मामले में बात नहीं करने और चुप रहने मात्र से यह समस्या खत्म हो जाएगी?