ऑनलाइन रिव्यू रेटिंग के नाम पर मोपका बिलासपुर के रहने वाले व्यक्ति को लगाया था 28 लाख का चूना
बिलासपुर। शहर में एक व्यक्ति से हुई साइबर ठगी के मामले में पुलिस को बड़ी सफलता मिली है। पुलिस ने लगभग 28 लाख रुपए की ठगी के मामले में अंतरराष्ट्रीय ठग सहित चार शातिरों को हिमाचल प्रदेश के शिमला व सोलन से गिरफ्तार किया है। आरोपियों ने वॉट्सअप एवं टेलीग्राम एप के माध्यम से होटल, किला, लॉज की रिव्यु रेंटिंग कर कम मेहनत में अधिक मुनाफा कमाने का झांसा देकर ठगी की थी। गिरफ्तारी के बाद चारों आरोपियों को बिलासपुर लाया और सोमवार को इस मामले का खुलासा किया गया। आरोपियों के कब्जे से 2 लैपटॉप, 4 मोबाइल फोन, 6 एटीएम कार्ड, 2 पासपोर्ट एवं बैंको के पासबुक बरामद किये गए हैं।
यह पूरा मामला बिलासपुर शहर के मोपका से जुड़ा है। मोपका निवासी सियाशरण तिवारी ने रेंज साइबर थाना बिलासपुर पहुंचकर शिकायत दर्ज कराई। उन्होंने अपनी शिकायत में बताया कि अज्ञात मोबाइल धारक द्वारा वाट्सअप के माध्यम से संपर्क कर वर्क फ्रॉम होम के जरिए मोटा मुनाफा कमाने का झांसा दिया। कॉलर ने टेलीग्राम के जरिए लिंक भेजा और गूगल मैप पर होटल, लॉज, किला की ऑनलाईन रिव्यू रेटिंग कर उसका स्क्रीन शॉट भेजने पर कंपनी द्वारा कमीशन पे करने का झांसा दिया। इसके बाद पहले एक ट्रांजेक्शन में प्राथी को लाभ दिया गया जिससे वह इसमें पूरी तरह फंस गया और 27 लाख 80 हजार 510 रुपए गंवा बैठा। शिकायत के बाद अज्ञात के खिलाफ अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।
शिकायत के आधार पुलिस ने धोखाधडी करने वाले व्यक्तियो की जानकारी एकत्र करने सायबर पोर्टल पर रिपोर्ट दर्ज कर कर अवलोकन किया गया। संदिग्ध बैंक खातो को चिन्हांकित कर बैंक स्टेटमेंट, एटीएम फुटेज की समीक्षा एवं तकनीकी इन्पुट के आधार पर पुलिस को आरोपियो के हिंमाचल प्रदेश के शिमला व सोलन के आसपास मे ठिकाना बनाकर अपराध करने की जानकारी मिली। इसके बाद एक विशेष टीम को हिंमाचल प्रदेश के शिमला व सोलन ओर रवाना किया गया। टीम द्वारा 01 सप्ताह से अधिक समय तक हिंमाचल प्रदेश के शिमला व सोलन में रहकर आरोपियों का पता ठिकाना जाना।
स्थानीय पुलिस के सहयोग से आरोपी प्रियांशु रंजन निवासी हैदराबाद को हिरासत में लेकर पूछताछ किया गई। पूछताछ में उसने बताया कि वह अपने साथी मो. शोबुल, राजवीर सिंह व टेम्फु कार्ल नगेह के साथ मिलकर विगत एक साल से टेलीग्राम एप के माध्यम से लोगों को जोडकर विभिन्न प्रकार से मुनाफा कमाने के नाम पर ऑनलाईन ठगी का काम कर रहा है। इस दौरान पुलिस ने ठगी के काम में उपयोग में आने वाले मोबाईल फोन, लैपटाप, फर्जी सिम कार्ड व फर्जी बैंक खाते जब्त किए। गिरफ्तार किये गये चारो आरोपी बाहरा यूनिवर्सिटी वाक्नाघाट सोलन के छात्र हैं। गिरफ्तार आरोपियों को न्यायिक रिमाण्ड पर माननीय न्यायालय पेश किया गया। इस पूरी कार्रवाई में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक शहर उमेश कश्यप, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ग्रामीण एवं एसीसीयू बिलासपुर अनुज कुमार, नगर पुलिस अधीक्षक चकरभाठा निमितेश सिंह, निरीक्षक राजेश मिश्रा, उप निरीक्षक अजय वारे, एएसआई सुरेश पाठक, आरक्षक विजेन्द्र मरकाम, श्रीश तिवारी, मुकेश वर्मा व अन्य का विशेष योगदान रहा।
बिलासपुर पुलिस की अपील
सायबर ठग आये दिन नये-नये तरीको के माधयम से आम जनता से धोखाधडी करने का प्रयास करते है। कोई भी व्यक्ति अनजान नम्बर से अपने आप को पुलिस का अधिकारी, सीबीआई अथवा ईडी का अधिकारी बताकर ठगी करने का प्रयास करते है ऐसे कॉल से सावधान रहे। बिलासपुर पुलिस इस प्रकार के ठगी को रोकने के लिये थानो में आम जनता द्वारा दर्ज कराये गये रिपोर्ट में मोबाईल नम्बर एवं व्यक्तिगत जानकारी हाईड किया जा रहा है।
अनजान व्यक्ति जिसका नम्बर आपके मोबाईल पर सेव नही है उसके साथ कभी भी कोई निजी जानकारी, बैंकिग जानकारी, ओटीपी, आधार कार्ड, पैन कार्ड फोटो आदि शेयर न करे।
अनजान वेबसाईट एवं अनाधिकृत एप डॉउनलोड या सर्च करने से बचे। कम परिश्रम से अधिक लाभ कमाने अथवा रकम दुगना करने का झांसा देने वाले व्यक्तियों से सावधान रहे खुद को स्वयं होकर ठगो के पास न पहुंचाये।
स्वयं की पहचान छुपाकर सोशल मिडीया फेसबुक, इन्स्टाग्राम, व्हाट्सएप इत्यादि के माध्यम से इंटिमेट (अश्लील लाईव चैंट) करने से बचे। परीक्षा में अधिक अंको से पास करा देने की झांसा देने वाले व्यक्तियो खासकर +92 नम्बरो से आने वाले वॉट्सअप कॉल से बचने का प्रयास करे।
गुगल सर्च इंजन पर आमजन अपनी सुविधानुसार कस्टमर केयर का नम्बर प्राप्त करने वेब ब्राउजर पर नम्बर सर्च करता है किन्तु वेबसाईट की जांच परख किये बिना उपलबद्ध नम्बर पर संपर्क कर फ्राॅड में फंसकर अपनी जमा पुंजी एवं निजी जानकारी खो बैठता है।
गुगल प्ले स्टोर अथवा वेब ब्राउजर अथवा सोशल मिडीया फेसबुक, इन्स्टाग्राम, वॉट्स्अप लिंक के माध्यम से डाउनलोड किये गये लोन एप आपको कुछ राशि देने के एवज में आपके फोन का डाटा जिसमें आपके मोबाईल में संरक्षित परिचित व्यक्तियो के मोबाईल नम्बर, फोटो, विडीयो आदि आपके परमिशन से अपने पास सुरक्षित रख लेते है एवं आपकी निजी जानकारी फोटो एडिट कर अशलील में परिवर्तित कर आपके परिचितो में फैला देने एवं लोन राशि ब्याज सहित वापस करने का दबाव बनाकर एवं ब्लैकमेंल कर रकम की उगाही की जाती है।
उपरोक्त के अतिरिक्त भी आपकी बैंकिंग जानकारी एवं ओ.टी.पी. व क्रेडिट अथवा डेबिट कार्ड के पीछे छपे सी.वी.वी. नम्बर प्राप्त कर भी फ्राॅड की जाती है जिनसे सावधान रहने की आवश्यकता है। उपरोक्तानुसार सावधानी बरतने के बाद भी यदि साइबर फ्रॉड के शिकार हो जाते हैं तो तत्काल नजदीकी थाना में अपनी शिकायत दर्ज करें। हेल्पलाईन नम्बर 1930 पर सम्पर्क कर सहायता प्राप्त कर सकते है। साथ ही https://cybercrime.gov.in पर जाकर ऑनलाइन शिकायत दर्ज कर सकते है।