रायपुर। छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार जिले में 10 जून को हुई हिंसा के बाद छत्तीसगढ़ सरकार के तीन मंत्रियों ने मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेस लेकर इसे कांग्रेस की साजिश बताया था। भाजपा नेताओं ने पूर्व मंत्री गुरु रुद्रकुमार, देवेन्द्र यादव सहित कई नेताओं पर भड़काने का आरोप लगाया था। इसके बाद बुधवार को पूर्व मंत्री गुरु रुद्रकुमार अपनी गिरफ्तारी देने एसपी संतोष सिंह के दफ्तर पहुंच गए। हालांकि उस वक्त एसपी ऑफिस में नहीं थे।
बता दें 10 जून को बलौदा बाजार में गिरौधपुरी धाम में जैतखाम तोड़े जाने के विरोध में सतनामी समाज के लोगों ने प्रदर्शन किया था। शांतिपूर्ण प्रदर्शन अचानक उग्र हो गया। प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा में करोड़ों की संपत्ति जलकर खाक हो गई। इसके बाद मंगलवार देर शाम छत्तीसगढ़ सरकार के मंत्री दयालदास बघेल, टंकराम वर्मा और श्यामबिहारी जायसवाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कहा कि सतनामी समाज के प्रदर्शन में कांग्रेस विधायक देवेंद्र यादव, कांग्रेस विधायक कविता प्राण लहरे और पूर्व मंत्री गुरु रुद्र कुमार, पूर्व मंत्री शिव कुमार डहरिया, राज्यसभा की पूर्व सासंद छाया वर्मा, विधायक संदीप साहू, भोजराम अजगले, विधायक इंद्रा साव, पूर्व विधायक भुवनेश्वर बघेल, शिक्षक मोहन बंजारे जैसे नेताओं ने ही लोगों को भड़काने का काम किया।
छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार हिंसा में सरकार के आरोप के बाद पूर्व मंत्री गुरु रूद्र कुमार रायपुर एसएसपी दफ्तर गिरफ्तारी देने पहुंचे हैं। एसपी के अनुपस्थित रहने पर वे काफी देर वहां बैठे रहे। इस दौरान उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार के तीन-तीन मंत्रियों ने उन पर षड्यंत्र करने का आरोप लगाया है, इसलिए वे खुद ही गिरफ्तारी देने पहुंचे हैं। गुरु रूद्र कुमार ने यह भी कहा कि इस तरह के आरोप से उनकी व्यक्तिगत छवि धुमिल हुई है और वे तीनों मंत्रियों के खिलाफ मानहानि का दावा करेंगे।