जशपुर। छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले में नाबालिग से रेप व हत्या का मामला सामने आया है। लगभग एक माह पुराने इस मामले में पुलिस को आरोपी तक पहुंचने कड़ी मशक्कत करनी पड़ी। आखिरकार पुलिस ने मामला सुलझाया और आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने आरोपी के खिलाफ धारा 302, 376(2)(ढ) व 6 पॉक्सो एक्ट के तहत कार्रवाई करते हुए जेल भेज दिया। मामला जिले के कोतबा चौकी क्षेत्र का है।
बता दें इस मामले में नाबालिग के पिता ने 27 मार्च को कोतबा चौकी पहुंचकर शिकायत दर्ज कराते हुए बताया कि उसकी 17 वर्षीय नाबालिग बेटी 20 मार्च को कहीं चली गई। इसके बाद उसकी काफी तलाश की गई लेकिन कुछ पता नहीं चला। इसके बाद उसका शव घर से लगभग डेढ़ किलोमीटर दूर जंगल के किनारे स्थित रहड़ बाड़ी में मिला। इसकी सूचना मिलने पर पुलिस ने शव पीएम कराया। पीएम के बाद पुलिस ने अज्ञात के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कर जांच शुरू की।
जशपुर एसपी शशिमोहन सिंह के निर्देश पर पुलिस अनुविभागीय अधिकारी पत्थलगांव ध्रुवेश जायसवाल एवं चौकी प्रभारी उप निरीक्षक समरेन्द्र सिंह ने जांच की कार्रवाई शुरू की। कई लोगों से पूछताछ के बाद पुलिस को दीपक गुप्ता के बारे में पता चला। मृतक नाबालिग के साथ अंतिम बार दीपक गुप्ता को देखे जाने की जानकारी मिली। पुलिस ने दीपक गुप्ता को हिरासत में लिया और पूछताछ शुरू की। पहले तो दीपक गुप्ता पुलिस को गुमराह करता रहा लेकिन बाद में जब पुलिस ने सख्ती दिखाई तो उसने सारा सच उगल दिया।
शादी का दबाव बनाए जाने से था परेशान
पुलिस की पूछताछ में दीपक गुप्ता ने बताया कि उसने नाबालिग को शादी का झांसा दिया और रेप किया। इसके कारण उसका गर्भ ठहर गया था। इसके बाद उसने देशी जड़ी बूटी खिलाकर उसका गर्भपात भी कराया। इसके बाद नाबालिग ने दीपक गुप्ता पर शादी के लिए दबाव देना शुरू कर दिया। इससे दीपक गुप्ता काफी परेशान रहने लगा। 20 मार्च 2024 को दीपक गुप्ता नाबालिग से उसके घर से कुछ दूर एक रहड़ बाड़ी में मिला। यहां नाबालिग द्वारा शादी के लिए दबाव बनाया गया जिसके कारण दोनों में विवाद हुआ। विवाद बढ़ा तो दीपक गुप्ता ने उसे थप्पड मार कर गिरा दिया। इसके बाद अपने पास रखे गमछा से नाबालिग का नाक व मुंह दबा दिया। इससे उसकी मौत हो गई। हत्या के बाद दीपक गुप्ता वहां से भाग गया जिसकी सोमवार को गिरफ्तारी हुई। इस पूरी कार्रवाई में चौकी प्रभारी कोतबा उप निरीक्षक समरेन्द्र सिंह, प्रधान आरक्षक फ्रांसिस बेक, आरक्षक दीपक टोप्पो एवं सायबर सेल के एएसआई हरिशंकर राम, आरक्षक अनिल सिंह, आरक्षक सोनसाय भगत की सराहनीय भूमिका रही।