खाद्य आपूर्ति मंत्री दयाल दास बघेल से वैशाली नगर विधायक रिकेश सेन ने की चर्चा
भिलाई। पिछले कुछ वर्षों से दुर्ग जिले के खुर्सीपार, कैम्प, सुपेला सहित अनेक राशन दुकानों से गरीबों का राशन औने पौने में हड़प कर मुनाफाखोर एक बड़ी टीम के साथ पीडीएस चावल की तस्करी करते रहे हैं। विधायक रिकेश सेन ने खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री दयालदास बघेल से इस विषय में मुलाकात कर इस बड़े अवैध कारोबार का खुलासा करते हुए इसे रोकने कडे़ एक्शन के संकेत दिए हैं।
वैशाली नगर विधायक रिकेश सेन ने खाद्य मंत्री से कहा कि गरीबों को बांटे जाने वाले सरकारी राशन यानि पीडीएस राइस पर लंबे समय से मुनाफाखोरों की नजर पड़ती रही है। हाल ही में दुर्ग की सुपेला पुलिस ने सरकारी राशन से लदी एक गाड़ी को जब्त किया था जिसमें लगभग 50 बोरी सरकारी राशन मिला था। कुछ जनप्रतिनिधियों की मदद से जिस पीडीएस के चावल को जब्त किया गया, उसे खुले बाजार में बेचने की तैयारी थी। सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत गरीबों को राशन देने की योजना में मुनाफाखोर लंबे समय से सेंध लगाते रहे हैं। खाद्य मंत्री श्री बघेल ने तत्काल ऐसे लोगों पर कडे़ एक्शन लेने के निर्देश विभागीय अधिकारियों को दिए हैं।
हाल ही में हुआ था तस्करी का भांडाफोड़
वैशाली नगर में विधायक रिकेश सेन के प्रतिनिधि और स्थानीय लोगों ने पीडीएस चावल की तस्करी का हाल में ही भंडाफोड़ किया था। पुलिस ने एक युवक से 50 बोरा पीडीएस का चावल बरामद किया। मौके पर पहुंची खाद्य विभाग की टीम ने जांच में पाया कि पकड़ा गया चावल पीडीएस सिस्टम में बंटने के लिए आया था। खाद्य विभाग की मदद से पुलिस ने युवक के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। विधायक रिकेश सेन को सूचना मिली थी कि तिरंगा नगर में पीडीएस का चावल एक गाड़ी में चोरी छिपे लोड किया जा रहा है। विधायक ने मामले की सूचना अपने प्रतिनिधि को दी जिसके बाद मौके पर पहुंचकर प्रतिनिधि ने पीडीएस के चावल को गाड़ी में ले जाते हुए पकड़ा और पुलिस को खबर दी थी। विधायक ने कार्यकर्ताओं से कहा था कि पीडीएस के चावल की तस्करी की खबर अगर मिले तो तुरंत उस पर की जाए।
विधायक रिकेश ने कहा जल्द होगी कार्रवाई
विधायक रिकेश सेन वैशाली नगर और भिलाई क्षेत्र से इस काले कारोबार को नेस्तनाबूद करने कड़ा रूख अपनाया है। श्री सेन ने कहा कि खाद्य मंत्री से लंबी चर्चा के बाद भिलाई दुर्ग क्षेत्र की संदिग्ध राशन दुकान संचालकों पर जल्द ही कड़ी कार्रवाई कर चिन्हित राशन दुकानों को सील किया जाएगा। गरीबों के राशन पर गिद्ध दृष्टि जमाए मुनाफाखोर व्यवसायियों पर ठोस एक्शन होगा। उन्होंने छावनी, सुपेला, वैशाली नगर, भिलाई नगर, स्मृति नगर प्रभारियों सहित खाद्य विभाग को आगाह किया है कि इस काले कारोबार को तत्काल बंद करवाने योजना के तहत कार्रवाई करें। उन्होंने खाद्य मंत्री को कुछ राशन दुकान संचालकों की सूची भी सौंपी है जो कि पीडीएस चावल तस्करी में सहयोगी रहे हैं। श्री सेन ने बताया कि चावल तस्करी में संलिप्त लोगों पर अब सीधे रासुका लगाया जाएगा। जो लोग पूर्व में इस काले कारोबार में संलिप्त रहे हैं उन पर भी कड़ी कार्रवाई होगी।
लंबे समय से हो रही है गरीबों के चावल की कालाबाजारी
विधायक रिकेश सेन का कहना है कि कैंप क्षेत्र में गरीबों को बांटे जाने वाले सरकारी राशन पर लंबे समय से मुनाफाखोरों की नजर रही है। कई राशन दुकान संचालक भी इस स्कैंडल में संलिप्त रहे हैं। मोपेड और तीन पहिया वाहनों की मदद से राशन दुकानों से पीडीएस चावल उठा कर कैंप, सुपेला, रामनगर, छावनी, कुरूद और टाउनशिप के रिहायशी क्षेत्र में बनाए गए अड्डे तक ले जाया जाता है, यहां चावल की बोरियां बदल कर इन्हें चार पहिया वाहनों में लोड कर राइस मिलों तक ले जाया जाता है, पालिसिंग बाद यही चावल पावर हाऊस, सुपेला और दुर्ग के बड़े अनाज व्यवसायियों की मदद से क्षेत्र की राशन दुकानों तक पहुंचता है। मुफ्त में दिया जाने वाला गरीबों के हक का यही चावल 7 से 10 रूपये में राशन दुकान संचालकों और कुछ दलालों से खरीद कर कुछ लोग तय अड्डों तक दो से चार बोरियों की कई खेप लगा कर पहुंचाते हैं। यहां गरीबों के चावल की बोरियां बदल कर 50 से 100 बोरी चावल अलग अलग गाड़ियों से महीने भर निजी गोदामों तक पहुंचता रहा है। करोड़ों के इस काले कारोबार में लंबे समय से बड़े अनाज व्यवसायी चांदी काटते रहे हैं।
पुलिस नहीं कर पाती सीधी कार्रवाई
दरअसल जानकारी होने के बाद या शिकायत के बावजूद पुलिस जब ऐसी गाड़ियों को जब्त करती है तो मामला सीधे खाद्य विभाग को जांच के लिए भेजना पड़ता है। नियमों के चलते पुलिस महकमा सीधी कार्रवाई नहीं कर पाता है। खाद्य विभाग तक मामला जांच के अधीन रहते ही कुछ राजनीतिक दबाव और अनाज व्यवसायियों द्वारा फर्जी बिल और चालान पेश कर पकड़ा गया राशन वापस अपने गोदाम ला लिया जाता है। कुछ वर्ष पूर्व पीडीएस चावल तस्करी के बड़े मामले प्रकाश में आने के बाद कडे़ एक्शन लिए भी गए थे। चावल तस्करी में संलिप्त कुछ राशन दुकानों को सील कर संचालन समिति को ब्लैक लिस्ट भी किया जा चुका है लेकिन लगातार ऐसी कार्रवाई न होने से पीडीएस चावल की तस्करी बड़े पैमाने पर होती रही है।