जांजगीर-चांपा। जिले के पंतोरा चौकी क्षेत्र में दो दिन पहले हुई ऑटो चालक की हत्या की गुत्थी पुलिस ने सुलझा ली है। शिकायत दर्ज होने के बाद महज 36 घंटों में ही पुलिस आरोपी तक पहुंच गई। आरोपी को गिरफ्तार करने के बाद जो सच्चाई सामने आई उसने पुलिस को भी हैरान कर दिया। दरअसल पुलिस जिसे मृत मान रही थी वह जिंदा मिला। इसके बाद पता चला कि मरने वाला ऑटो चालक नहीं बल्कि सवारी था। ऑटो चालक ने सवारी की हत्या कर खुद को मरा साबित करने यह पूरी साजिश रची थी। पुलिस ने इस मामले में आरोपी ऑटो चालक पर धारा 302, 201, 419 के तहत कार्रवाई कर न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया।
बता दें 26 दिसंबर को जांजगीर चांपा जिले के पंतोरा चौकी क्षेत्र में एक ऑटो चालक की हत्या कर दी गई। सूचना मिलने पर मौके पर पहुंची पुलिस ने देखा कि ऑटो पलटी हुई है और चालक की लहूलुहान लाश सड़क पर पड़ी है। जांच के दौरान पुलिस ने मृतक की पहचान शंकर शास्त्री (36) निवासी दोमोहानी गांव ढेका बिलासपुर के रूप की। मृतक के परिजनों ने भी इसकी पुष्टि की थी। शव को पीएम के बाद परिजनों को सौंप दिया गया परिजनों ने शव को विधिवत दफना दिया था। इस मामले में पुलिस ने अज्ञात के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कर जांच शुरू की।
जांच के दौरान पता चला कि ऑटो चालक शंकर शास्त्री बिलासपुर रेल्वे स्टेशन के गेट नंबर 03 से सवारी लेकर जिले के विभिन्न जगहों पर छोड़ता था। आटो चालक शंकर शास्त्री ने 25 दिसंबर की रात 7:35 बजे बिलासपुर रेल्वे स्टेशन से एक यात्री को बैठाया। विवेचना के दौरान बिलासपुर शहर के सीसी टीवी फुटेज देखने पर पता चला कि आटो चालक शंकर शास्त्री बाप जी पार्क के एसबीआई एटीएम में पैसे निकालते हुए 20:04:00 बजे, वसुंधरा नगर महाराणा प्रताप चौक स्थित शासकीय शराब दुकान में 20:14:58 बजे शराब लेता दिखाई दिया। इसके बाद महिमा कॉम्प्लेक्श व्यापार बिहार रोड में 20:22:00 बजे, बाराखोली चौक पर 20:28 :00बजे, तोरवा थाना चौक पर 20:35:54 बजे, मोपका सीपत में 21:23:00 बजे, कुली में 21:48:00 बजे, बलौदा से 22:02:00 बजे और अंत खिसोरा के पास सीसी टीवी फुटेज में रात 22:26 बजे दिखाई दिया। इसके बाद सुबह उसका शव मिला। पुलिस ने मौके पर एक मोबाइल फोन बरामद किया था जो कि शंकर शास्त्री का था।
फोन पे से मिला आरोपी का लोकेशन
जांच के दौरान पता चला कि आटो चालक शंकर शास्त्री के फोन पे पर ऑटो सवार यात्री ने 210 रूप ट्रांसफर किया था। जिस नंबर से ट्रांसफर किया गया था उसकी जानकारी फोन पे से लेने पर पता चला कि मोबाइल धारक का नाम चुरामन साव पिता स्व. श्यामलाल साव निवासी गुंजरडीह थाना नावाडीह जिला बोकारो (झारखण्ड) का है। इसके बाद साइबर सेल की मदद से तकनीकी जांच शुरू की गई। जांच करने पर पता चला कि चुरामन साहू के नंबर का लोकेशन कोरबा दिखा रहा है। इसके बाद पुलिस की एक टीम कोरबा पहुंची। चुरामन के मोबाइल का लोकेशन कोरबा के पुराने बस स्टैंड पर स्थित ज्योति लॉज का मिला। पुलिस जब ज्योति लॉज पहुंची तो वहां से चुरामन चेकआउट कर चुका था। रजिस्टर जांचने पर पता चला कि उसमें चुरामन साव ने ऑटो चालक शंकर शास्त्री का मोबाइल नंबर लिखवा रखा था।
कोरबा रेलवे स्टेशन पर पकड़ाया आरोपी
इसके बाद पुलिस ने मोबाइल लोकेशन के आधार पर चुरामन की तलाश की। तलाशी के दौरान चुरामन को पुलिस ने कोरबा रेलवे स्टेशन से गिरफ्तार किया। आरोपी ने बाल मुंडा रखे थे और लगातार इधर-उधर घूम रहा था। जब पुलिस ने आरोपी को पकड़कर ऑटो चालक शंकर शास्त्री की हत्या का कारण पूछा तो जवाब सुनकर हैरान रह गई। आरोपी ने पुलिस को बताया कि वह शंकर शास्त्री और उसने चुरामन साव की हत्या कर दी। इसके बाद आरोपी ने पुलिस के सामने सारी सच्चाई बता दी। उसने यह भी बताया कि पहचान छिपाने के लिए उसने खुद को गंजा कर लिया और शहर छोड़कर भागने की फिराक में था।
खुद को बचाने रची खुद की हत्या की साजिश
इस हत्याकांड के पीछे की पूरी कहानी का सार यही निकला कि खुद को बचाने के लिए ऑटो चालक ने खुद की हत्या की कहानी बना डाली। आरोपी ने पूछताछ बताया कि उसने चूरामन साव से उसका मोबाइल 3500 में खरीदा था। पैसे एसबीआई एटीएम से निकाल कर दिया। उसके लिए शराब भट्टी से शराब व चकना लिया। चखना लेने चुरामन ने 210 रुपए फोन पे किया था। इसके बाद यहां से निकले तो रात 10:30 बजे खिसोरा गांव से थोड़ी ही दूरी पर आटो रुक गई। बाहर निकल कर देखा तो बाइक सवार तीन युवकों ने बताया कि रात में कोई मेकेनिक नहीं मिलेगा। इसके बाद शंकर शास्त्री ने कुछ देर प्रयास किया तो ऑटो फिर से चालू हो गई। लगभग डेढ़ किमी चलने के बाद आटो फिर से बंद हो गया।
चुरामन साव नहीं उतरा तो उसे खींचकर उतारा
ऑटो बंद होने पर शंकर शास्त्री ने चुरामन साहू को उतरने कहा लेकिन वह गहरी नींच में था। इसके कारण शंकर शास्त्री गुस्सा हो गया और चुरामन साव का पैर पकड़कर खींचा और सड़क पर डाल दिया। इस दौरान चुरामन के सिर से खून निकलने लगा और वह बेहोश हो गया। शंकर शास्त्री ने सोचा कि चुरामन मर गया है। अब खुद को बचाने के लिए उसने चुरामन के साथ कपड़ों की अदला बदली कर ली। इसके बाद अपना मोबाइल वहां छोड़ दिया और चुरामन का मोबाइल व उसका बाकी सामान लेकर जंगल के रास्ते पंतोरा चौकी के पीछे से सड़क पर पहुंचा और ट्रक से लिफ्ट लेकर कोरबा पहुंचा। कोरबा में पुराना बस स्टैण्ड के पास दूसरे दिन सुबह 9:00 बजे तक बैठा रहा। इसके बाद अपनी पहचान छुपाने सेलून में जाकर अपना सिर मुडा लिया। फिर ज्योति लॉज में चुरामन के नाम नी रुका और दूसरे दिन चेकआउट किया।
पुलिस ने आरोपी शंकर शास्त्री के पास से उसके स्वयं का आधार कार्ड, मृतक का आधार कार्ड, 1380 नगद, दो मोबाइल फोन, घटना के समय पहने कपड़े, एक बैग आदि बरामद किया। इस पूरी कार्रवाई में सायबर सेल के निरीक्षक प्रवीण कुमार द्विवेदी, उप निरीक्षक पारस पटेल, सहायक उप निरीक्षक मुकेश पाण्डेय, प्रधान आरक्षक विवेक सिंह, राजकुमार चंन्द्रा, बलवीर सिंह, आरक्षक रोहित कहरा, गिरीश कश्यप, थाना प्रभारी बलौदा उप निरीक्षक मनोहर सिन्हा, चौकी प्रभारी पंतोरा दिलीप सिंह, आरक्षक शहबाज खान, नंद कुमार पटेल, कोरबा सायबर सेल के उप निरीक्षक नवीन पटेल, सउनि. अजय सोनवानी, आरक्षक रवि चौबे, चन्द्रकांत गुप्ता का विशेष योगदान रहा।