भिलाई। छत्तीसगढ़ का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा, इसके फैसले की घड़ी आ गई है। रविवार को विधायकों की बैठक लेने के लिए आज पर्यवेक्षक रायपुर पहुंच रहे हैं। कल ही पार्टी ने तीन सदस्यीय केन्द्रीय पर्यवेक्षक दल गठित किया था। करीब एक सप्ताह का वक्त बीत जाने के बाद भी राज्य में सीएम के चेहरे को लेकर सस्पेंस बरकरार है। भाजपा को चौंकाने वाले फैसले लेने वाली पार्टी माना जाता है, इसलिए भी नए सीएम को लेकर संशय बरकरार है। लेकिन राष्ट्रीय स्तर पर लगातार महिला सीएम बनाए जाने की चर्चा जोरों पर है। दावा यह भी है कि इस बार छत्तीसगढ़ की बागडोर आदिवासी के हाथों में सौंपी जा सकती है। यहां उपमुख्यमंत्री भी बनाए जाने के कयास लग रहे है। सारी माथापच्ची मिशन 2024 को लेकर की जा रही है। भाजपा ने राज्य की सभी 11 लोकसभा सीटें जीतने का लक्ष्य निर्धारित किया है।
पार्टी आलाकमान द्वारा नियुक्त पर्यवेक्षक आज राजधानी रायपुर पहुंच रहे हैं। इसके साथ ही नए सीएम को लेकर माहौल गरमाने के आसार है। पार्टी ने कल ही केन्द्रीय जनजाति मंत्री अर्जुन मुंडा, केन्द्रीय मंत्री सर्वानंद सोनोवाल व दुष्यंत गौतम को छत्तीसगढ़ का पर्यवेक्षक नियुक्त किया था। इनमें से अर्जुन मुंडा व सर्वानंद सोनोवाल आदिवासी समुदाय से हैं, जबकि दुष्यंत गौतम एससी वर्ग से आते हैं। जातीय समीकरणों के आधार पर पार्टी के नेता नए सीएम को लेकर अलग-अलग कयास लगा रहे हैं। महिला सीएम और खासतौर पर रेणुका सिंह का नाम इसलिए भी सबसे आगे माना जा रहा है, क्योंकि वे केन्द्रीय जनजाति मामलों की राज्यमंत्री रह चुकीं हैं। जबकि अर्जुन मुंडा इसी विभाग के मंत्री हैं। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष अरुण साव और नौकरशाह से राजनेता बने ओपी चौधरी भी पिछड़ी जातियों से हैं। पार्टी ऐसे समय में कम से कम एक महिला मुख्यमंत्री को चुनना चाहेगी जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भाजपा के लिए महिला मतदाताओं के समर्थन को लगातार रेखांकित कर रहे हैं और अक्सर महिलाओं के नेतृत्व वाले विकास की आवश्यकता की बात करते रहे हैं। हालांकि मुख्यमंत्री को लेकर भाजपा का अगला कदम चौंकाने वाला भी हो सकता है।
रेस में कौन-कौन?
छत्तीसगढ़ में सीएम के नाम की घोषणा के साथ ही सरकार का गठन होगा। हालांकि अभी कुछ ऐसे नाम है जिनपर काफी चर्चा चल रही है। माना जा रहा है कि बीजेपी इस बार आदिवासी नेता को राज्य की कमान सौंप सकती है क्योंकि उसे आदिवासियों के काफी वोट मिले हैं। अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी एकतरह से देश के आदिवासी वोटरों को संदेश देना चाहती है। ऐसे में तीन नाम रेणुका सिंह, लता उसेंडी, गोमती साय के नाम पर चर्चा चल रही है। प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव भी रेस में हैं। रमन सिंह और ओपी चौधरी भी दावेदारों हैं। राज्य में सीएम चेहरे से सस्पेंस रविवार को खत्म हो सकता है। वहीं शपथ ग्रहण भी सोमवार या मंगलवार को संभव है। यह भी कहा जा रहा है कि विधायक दल की बैठक के बाद यदि आवश्यक हुआ तो पर्यवेक्षक विधायकों से अलग-अलग संवाद भी कर सकते हैं। हालांकि इस बात की संभावना कम ही है कि आलाकमान द्वारा तय नाम पर किसी तरह का विरोध या किसी अन्य तरह की दावेदारी सामने आए।
रेणुका सिंह बड़ी दावेदार बनकर उभरीं
सबसे ज्यादा चर्चा रेणुका सिंह के नाम पर चल रही है। बीजेपी की महामंत्री रह चुकीं रेणुका सिंह छत्तीसगढ़ में बीजेपी का बडा़ आदिवासी चेहरा हैं। वह केंद्र में मंत्री रह चुकी हैं। भरतपुर-सोनहत सीट से जीतने के बाद केंद्रीय नेतृत्व ने उनसे सांसद पद से इस्तीफा देने कहा था और उन्होंने उसका पालन किया। इसके बाद उन्होंने बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नेड्डा से भी मुलाकात की। उधर, लता उसेंडी, रमन सिंह सरकार में मंत्री रह चुकी हैं लेकिन उन्होंने कहा है कि वह सीएम की रेस में नहीं हैं, पार्टी जो भी फैसला करेगी सभी उसका सम्मान करेंगे. वहीं, गोमती साय ने मीडिया से बातचीत में कहा कि वह पार्टी की एक सिपाही है और उन्हें केंद्रीय नेतृत्व पर भरोसा है जो भी फैसला होगा, वह पालन करेंगी।
बंद लिफाफे में दिल्ली से आएगा नाम
इधर, पार्टी सूत्रों का दावा है कि आलकमान ने छत्तीसगढ़ के सीएम चेहरे पर अपनी अंतिम मुहर लगा दी है। आज रायपुर पहुंचने वाले पर्यवेक्षक आलाकमान द्वारा तय नाम बंद लिफाफे में लेकर आ रहे हैं। कल विधायक दल की बैठक से पहले सभी विधायकों से रायशुमारी की जाएगी। इसके बाद पर्यवेक्षक आलाकमान द्वारा तय नाम वाला लिफाफा खोलकर विधायकों को नाम बताएंगे और उनसे एक बार फिर राय ली जाएगी। विधायकों के एकराय होने पर नए मुख्यमंत्री का ऐलान कर दिया जाएगा। गौरतलब है कि भाजपा को प्रदेश की 90 सदस्यीय विधानसभा में से भाजपा को 54 और कांग्रेस को 35 सीटें मिली थी। जबकि एक सीट गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के खाते में गई। पार्टी सूत्रों के मुताबिक, रविवार को सुबह 11 बजे कुशाभाऊ ठाकरे परिसर में भाजपा विधायक दल की बैठक होगी। बैठक की सूचना सभी विधायकों को भेज गई है।
पर्यवेक्षकों के आने से पहले रमन ने ली बैठक
भाजपा आलाकमान द्वारा सीएम चुनने पर्यवेक्षकों का ऐलान किया गया, उसके बाद पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने अहम् बैठक ली। इस बैठक के बाद उनका बयान सामने आया है। डॉ. रमन ने कहा है कि विधायक दल की बैठक के लिए तीन पर्यवेक्षक नियुक्त किए गए हैं। यह तीनों पर्यवेक्षक विधायकों से सुझाव लेंगे। इसके बाद केंद्र की सहमति से विधायक दल का नेता चुनेंगे। वहीं सीएम फेस को लेकर उनका कहना है कि फिलहाल किसी का नाम तय नहीं किया गया है। जब तक राय-मशवरा नहीं होगा तब तक इस बारे में कहना मुश्किल है। अभी सभी नाम चर्चा में है। लोकसभा चुनावों को लेकर उनका कहना है कि, छत्तीसगढ़ में पिछली बार से ज्यादा अच्छा रिजल्ट आएगा। 11 की 11 सीटें जीतें इस बड़े लक्ष्य को लेकर सरकार का गठन किया जा रहा है।