भिलाई। कांग्रेस केन्द्रीय चुनाव उपसमिति की बैठक आज होने जा रही है। उम्मीद है कि पार्टी बुधवार या गुरूवार को प्रत्याशियों की दूसरी सूची जारी कर दे। आज की बैठक में प्रमुख रूप से हारी हुई सीटों पर चर्चा होने की संभावना है। पिछली बैठक के बाद कई सीटों पर चर्चा के बाद भी सहमति नहीं बन पाई थी। सिर्फ प्रारंभिक बातचीत के बाद ऐसे नामों पर अगली बैठक में विचार करने का निर्णय लिया गया। आज की बैठक इसलिए भी अहम् है, क्योंकि इसमें विधायकों के टिकट काटे जाने को लेकर फैसला लिया जाएगा। रविवार को जब कांग्रेस ने पहली सूची जारी की थी, तब कुल 8 विधायकों के टिकट काटे गए थे।
सीईसी की बैठक में भाग लेने के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल कल ही दिल्ली रवाना हो चुके हैं। बैठक में केन्द्रीय चुनाव समिति के सदस्यों के साथ ही छत्तीसगढ़ के नेता भी भागीदारी करेंगे। इनमें सीएम भूपेश के अलावा प्रदेश प्रभारी कुमारी सैलजा, उपमुख्यमंत्री व केन्द्रीय चुनाव समिति के सदस्य टीएस सिंहदेव और प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज शामिल हैं। माना जा रहा है कि आज की बैठक में नए चेहरों को मौका देने पर सहमति बन सकती है। पार्टी का फोकस खासतौर पर युवाओं पर है। ऐसे में जिन सीटों पर पार्टी को पिछले चुनाव में हार मिली थी, वहां युवा चेहरों को तरजीह दी जा सकती है। पहली सूची में दुर्ग जिले की 6 में से महज 2 सीटों पर ही प्रत्याशी तय हो पाए थे। बाकी बकी 4 में से 2 सीटों पर पिछली बैठक में चर्चा हुई थी, लेकिन निर्णय नहीं हो पाया था। ऐसे में संभावना है कि इन दो सीटों पर प्रत्याशी के नाम फायनल हो जाएंगे। पार्टी सूत्रों के मुताबिक, यदि आज की बैठक में सभी नाम तय नहीं हो पाए तो जिले की दो कथित विवादित सीटों का ऐलान तीसरी सूची में किया जाएगा। इधर, आज की बैठक को लेकर दावेदारों में खासी बेचैनी है। इन दावेदारों ने अपने-अपने जरिए रायपुर से दिल्ली तक को खंगालने की कोशिश भी की है। इसी आधार पर कांग्रेस की राजनीति में कयासों का दौर चल रहा है। यह चर्चा जोरों पर है कि किस विधायक का टिकट काटा जा रहा है और किसे चुनाव लडऩे का अवसर मिलने जा रहा है।
जो क्षेत्र में सक्रिय, उन्हें हरी झंडी
कांग्रेस ने अपनी पहली सूची में 8 विधायकों के टिकट काटे थे। वहीं ज्यादातर विधायकों को पहले ही संकेत मिल चुके हैं कि उन्हें चुनाव लडऩा है। ऐसे विधायकों ने क्षेत्र में तैयारियां भी शुरू कर दी है। दिल्ली रवाना होने से पहले केन्द्रीय चुनाव समिति के सदस्य टीएस सिंहदेव ने भी इस ओर इशारा किया। उन्होंने क्रिकेट वल्र्ड कप की खुमारी में कहा कि जो खिलाड़ी फार्म में चल रहा है, उनकी टिकट तय है। उनका इशारा स्पष्ट था कि जो विधायक क्षेत्र में सक्रिय हैं, उनकी टिकट नहीं कटने जा रही है। हालांकि सिंहदेव ने यह भी स्पष्ट किया कि बाकी बची 60 सीटों में कई नामों को बदला जा सकता है। इसके लिए उनका कामकाज और कार्यप्रणाली को देखा जाएगा। उन्होंने कहा कि टीम में कोई खिलाड़ी ओपनर होता है तो कोई तीसरे नंबर पर खेलता है। टीम की जरूरत के हिसाब से बदलाव होते रहते हैं।

जातिगत समीकरणों को ज्यादा तवज्जो
कई चरणों की प्रक्रिया के बाद सीईसी तक पहुंचे उम्मीदवारों के नामों को फायनल करने में कई समीकरण ध्यान में रखे जा रहे हैं। इसमें सबसे महत्वपूर्ण जातिगत समीकरण है। क्षेत्र की आबादी और वहां की जनसंख्या, प्रत्याशी की जाति और क्षेत्र में उसकी स्थिति आदि का विशेष तौर पर ध्यान रखा जा रहा है। हालांकि छत्तीसगढ़ से दिल्ली भेजे गए नाम ज्यादतर सिंगल ही हैं, लेकिन कई नामों को लेकर सामंजस्य नहीं बन पाया। ऐसे ही नामों को पेंडिंग में डाल दिया गया था। आज की बैठक में ऐसे नामों के साथ अब स्थानीय हालातों को देखकर गुण-दोष तय किया जाएगा। पार्टी सूत्रों की मानें तो दूसरी सूची में 40 के आसपास प्रत्याशियों की सूची जारी हो सकती है। सीईसी की पिछली बैठक 12 अक्टूबर को हुई थी, जब पितृपक्ष चल रहा था। जबकि पहली सूची 15 अक्टूबर के नवरात्र के पहले दिन जारी की गई।
विधायकों के टिकट काटने की रणनीति
विधानसभा के चुनाव हों या लोकसभा के, भाजपा प्रत्येक चुनाव में निर्वाचित जनप्रतिनिधियों के टिकट काटती है। कहा जाता है कि ये फॉर्मूला एंटी इनकम्बेंसी की काट में सहायक होता है। 30 सीटों के लिए उम्मीदवारों की लिस्ट में कांग्रेस की भी यही रणनीति झलक रही है। कांग्रेस ने सीटिंग विधायकों के टिकट काटने के साथ ही भाजपा वाली एक और रणनीति अपनाई है। कांग्रेस ने छत्तीसगढ़ चुनाव में सांसद दीपक बैज को भी चुनाव मैदान में उतार दिया है। दीपक बैज छत्तीसगढ़ कांग्रेस के अध्यक्ष भी हैं। वह चित्रकोट सीट से चुनाव मैदान में हैं। कहा तो ये भी जा रहा है कि दूसरी सूची में पार्टी कुछ और बड़े चेहरों को भी मैदान में उतारने का ऐलान कर सकती है। कांग्रेस की पहली सूची में एसटी आरक्षित 14 और एससी आरक्षित तीन सीटों के लिए उम्मीदवारों के नाम हैं। 17 आरक्षित सीटें हटा दें तो सामान्य वर्ग की 13 सीटों के लिए पार्टी ने उम्मीदवारों का ऐलान किया है। 13 सामान्य सीटों में से नौ सीटों से पार्टी ने अन्य पिछड़ा वर्ग यानी ओबीसी से आने वाले नेताओं पर दांव लगाया है। ओबीसी के नौ में से तीन उम्मीदवार साहू समाज से हैं।