मोदी की सभा से बनने वाले माहौल को अपने पक्ष में करने में जुटी कांग्रेस
भिलाई। छत्तीसगढ़ में चुनावी शंखनाद से पहले भाजपा ने अपनी तैयारियों को अंतिम रूप देना शुरू कर दिया है। पार्टी के शीर्षस्थ नेता फिलहाल राज्य में पीएम के दौरों और चुनाव के लिए प्रत्याशी तय करने में लगे हुए हैं। कल रायपुर में केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह, भाजपाध्यक्ष जेपी नड्डा व महासचिव बीएल संतोष की मौजूदगी में करीब 7 घंटे मैराथन बैठक चलती रही। खासतौर पर इस बैठक में पीएम मोदी की 3 दिनों के भीतर होने वाली 2 सभाओं को सौ फीसद सफल बनाने की रणनीति बनाई गई। हालांकि बैठक के दौरान शाह ने प्रादेशिक नेताओं से यह सवाल भी पूछा कि छत्तीसगढ़ में सरकार बनाने के लिए क्या किया जा रहा है? बताते हैं कि सीनियर नेताओं की मौजूदगी में राज्य की बाकी बची 69 सीटों पर आए नामों पर भी मंत्रणा हुई। इसके बाद यह खबर भी आई कि मोदी के दौरे के बाद दूसरी सूची जारी कर दी जाएगी।
भाजपा की दोनों परिवर्तन यात्राएं कल बिलासपुर में एकाकार होने जा रही है। यहीं इन यात्राओं का समापन पड़ाव भी है। इस समापन अवसर पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी वहां बड़ी सभा करने जा रहे हैं। इसी सभा की सफलता की तैयारियों को लेकर गृहमंत्री अमित शाह ने लम्बी बैठक की। बैठक का सबसे मुख्य एजेंडा यही था कि किस तरह से अत्यधिक भीड़ जुटाकर चुनाव के लिए बेहतर माहौल तैयार किया जाए। इस सभा का असर बस्तर से लेकर जशपुर संभाग तक पड़े, इसके लिए भी व्यापक रणनीति तैयार की गई। बैठक में प्रदेश भाजपा प्रभारी ओम माथुर, सह प्रभारी नितिन नवीन, पूर्व सीएम डॉ. रमन सिंह भी शामिल थे। गौरतलब है कि कांग्रेस के दिग्गज नेता राहुल गांधी ने भी बिलासपुर से ही कांग्रेस की चुनावी तैयारियों को मूर्त रूप दिया था। छत्तीसगढ़ सरकार के आवास न्याय योजना कार्यक्रम में शिरकत करने आए राहुल गांधी ने बिलासपुर के मंच से केन्द्र सरकार को घेरने का कोई मौका नहीं चूका था। इसके बाद कल ही कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे भी कृषक सम्मेलन में शामिल होने के लिए छत्तीसगढ़ आए। भाजपा की इन दोनों नेताओं के कार्यक्रमों पर पैनी नजर थी। अब पार्टी का मुख्य उद्देश्य पीएम मोदी की सभा के जरिए छत्तीसगढ़ में चुनावी माहौल तैयार करना है। कल 30 सितम्बर को बिलासपुर के बाद मोदी 3 अक्टूबर को दंतेवाड़ा में भी सभा करेंगे।
शाह ने पूछा- कैसे काम करेंगे, कैसे बनेगी सरकार?
7 घंटे तक चली मैराथन बैठक के बाद गृहमंत्री अमित शाह ने सवाल किया कि छत्तीसगढ़ में पार्टी किस तरह काम करेगी और यहां सरकार कैसे बनेगी? कांग्रेस के दिग्गज नेता राहुल गांधी ने पिछले दिनों साफ तौर पर कहा था कि छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने जा रही है, जबकि राजस्थान में कांटे का मुकाबला है। राजनीतिक के जानकार शाह द्वारा उठाए गए सवालों को राहुल गांधी के इसी दावे से जोड़कर देख रहे हैं? भाजपा के जानकारों का दावा है कि छत्तीसगढ़ में वैसे हालात नहीं है, जैसे कि कांग्रेस के बड़े नेता दावा कर रहे हैं। यहां वर्तमान में सत्तारूढ़ दल कांग्रेस व भाजपा के बीच लगभग बराबरी की स्थिति है। इन हालातों में भाजपा के लिए सरकार में आने की अच्छी संभावना है। उल्लेखनीय है कि राज्य के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने हाल ही में दावा किया कि कांग्रेस पार्टी यहां से 75 से ज्यादा सीटें जीत रही है।

90 सीटों पर तय हो गए नाम
इधर, कांग्रेस के भी राज्य की सभी 90 सीटों पर नाम तय करने की खबर है। कल ही छत्तीसगढ़ प्रभारी कुमारी सैलजा व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अगुवाई में अहम् बैठक होने की खबर है। इस बैठक में पीसीसी चीफ दीपक बैज, डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव व विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत की मौजूदगी में प्रत्याशियों के नामों पर गम्भीर चर्चा हुई। बताते हैं कि लगभग सभी सीटों पर सिंगल नाम तय किए जा चुके हैं। प्रदेश चुनाव समिति ने हाल ही में स्क्रीनिंग कमेटी को पैनल समेत नाम भेजे थे। इस पर स्क्रीनिंग कमेटी के अध्यक्ष अजय माखन ने खुलकर नाराजगी जाहिर की। उन्होंने स्पष्ट कहा कि हर सीट के लिए सिर्फ एक-एक नाम ही भेजे जाएं। इसके बाद प्रदेश चुनाव समिति ने फिर से कवायद प्रारम्भ की। अब खबर है कि सभी सीटों पर सिंगल नाम तय हो चुके हैं। इन्हें सीईसी को सौंपे जाएंगे। एक अक्टूबर को स्क्रीनिंग की बैठक रायपुर में ही होने जा रही है। इस बैठक में अजय माकन भी मौजूद रहेंगे। खबर है कि यह अंतिम बैठक होगी, जिसके बाद तमाम उम्मीदवारों के नाम एआईसीसी को भेजे जाएंगे। इसके बाद प्रत्याशियों का ऐलान कर दिया जाएगा।
भरोसा यात्रा के बाद आएगी सूची
भाजपा की परिवर्तन यात्राओं के जवाब में कांग्रेस भी भरोसा यात्राएं निकालने जा रही है। यह यात्रा सभी 90 विधानसभा क्षेत्रों से एक ही दिन एक साथ निकाली जाएगी। इसके लिए 2 अक्टूबर को गांधी जयंती का दिन निर्धारित किया गया है। इन यात्राओं को सफल बनाने के लिए सीनियर नेताओं को जिम्मेदारी भी दी जा चुकी है। सीएम भूपेश बघेल को राजनांदगांव, डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव को सरगुजा व रायगढ़ तथा पीसीसी चीफ दीपक बैज को बस्तर व कांकेर, गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू को दुर्ग और बिलासपुर की जिम्मेदारी दी गई है। इसी तरह कोरबा व जांजगीर क्षेत्र की जिम्मेदारी विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत पर होगी। शिवकुमार डहरिया को रायपुर व महासमुंद लोकसभा क्षेत्र की जिम्मेदारी दी गई है। फिलहाल प्रदेश से लेकर राष्ट्रीय स्तर के नेताओं की नजरें परिवर्तन यात्रा के समापन अवसर पर होने वाली पीएम मोदी की सभा पर लगी है। पार्टी इस सोच पर काम कर रही है कि किस तरह से मोदी की सभा से बने माहौल को भरोसा यात्रा के जरिए अपने पक्ष में किया जाए।