भिलाई। दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के तहत लगातार रद्द हो रही ट्रेनों के कारण परेशानी बढ़ गई है। इस वजह से आम लोगों के साथ ही व्यापारी वर्ग भी परेशान है। कभी भी अचानक लोकल से लेकर एक्सप्रेस ट्रेनों को रद्द कर दिया जाता है। लगातार बढ़ती परेशानी को देखते हुए छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने केंद्र सरकार और रेलवे के खिलाफ मोर्चा खोलने का ऐलान कर दिया है। प्रदेश कांग्रेस कमेटी 13 सितंबर को रेल रोको आंदोलन करेगी। इधर रेलवे का दावा है कि कोरोना काल से बंद सभी ट्रेनों को फिर से शुरू कर दिया गया है।
प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महामंत्री एवं पर्यटन विकास निगम के अध्यक्ष अटल श्रीवास्तव ने कहा कि मोदी सरकार देश की सबसे विश्वसनीय यात्री सेवा रेलवे सुविधा को समाप्त करने का साजिश रच रही है। बिना कोई कारण बताएं बिना किसी ठोस वजह के यात्री ट्रेनों को अचानक रद्द कर दिया जाता है। महीनों पहले यात्रा की योजना बनाकर रिजर्वेशन कराने वाले लोगों की परेशानी से रेलवे को और केंद्र सरकार कोई मतलब नहीं रहता। रेलवे यात्रियों के लिए कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं करती है। वहीं ट्रेनों की लेटलतीफी और निरस्त को लेकर कैट सीजी चैप्टर का एक प्रतिनिधिमंडल रायपुर रेल मंडल के अफसरों से मिला।
रेलवे का दावा पटरी पर लौटी सभी ट्रेनें
दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे की ओर से बताया कि सभी यात्री गाड़ियों का नियमित परिचालन अपने निर्धारित समयानुसार किया जा रहा है। कोरोनाकाल के दौरान बंद किए गए सभी ट्रेनों का परिचालन शुरू कर दिया गया है । इसके साथ ही यात्रियों की सुविधा एवं मांग को देखते हुए गत वित्तीय से अब तक विभिन्न स्टेशनों में अलग-अलग ट्रेनों के 53 ठहराव दिये गए, जिनमें छोटे-छोटे स्टेशन भी शामिल है । रेल यात्रियों को अधिकाधिक कनफर्म बर्थ की सुविधा उपलब्ध कराने वित्तीय वर्ष 2022-23 एवं इस वर्ष के अप्रैल माह से अब तक विभिन्न ट्रेनों में 78 स्थायी रूप से लगाया गया । साथ ही भीड़भाड़, त्योहारों एवं छुट्टियों में 2550 अस्थायी अतिरिक्त कोच लगाए गए ।

1 प्रतिशत से भी कम ट्रेनें कैंसिल
इसी प्रकार इस वर्ष के अप्रैल से सितंबर महीने तक रेल विकास कार्यों (नॉन-इंटरलाकिंग) के दौरान प्रतिदिन चलने वाली औसत यात्री गाड़ियों में से महज 1 प्रतिशत से भी कम को कैंसिल किया गया। दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे में प्रतिदिन औसत 247 मेल व एक्सप्रेस व पैसेंजर ट्रेनों का परिचालन किया जाता है। इन 6 महीनों में 35 दिनों के कार्य के दौरान कुल 28 ट्रेनों को कैंसिल किया गया, जो कि प्रतिदिन चलने वाली गाड़ियों का माज 1 प्रतिशत से भी कम है। अभी हाल ही में सक्ती यार्ड में किए जा रहे कार्य के दौरान रद्द किए गए 7 ट्रेनों को रक्षाबंधन पर्व को देखते हुए रेलवे द्वारा पुनः परिचालित किया गया।
डेवलपमेंट वर्क के कारण कुछ ट्रेनें होती हैं प्रभावित
दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे में तेजी से नई रेल लाइन, दोहरीकरण, तिहरीकरण एवं चौथी लाइन के कार्य किए जा रहे है । इन निर्माण कार्यों में केवल नॉन-इंटरलाकिंग कार्य के ही दौरान आवश्यकता होने पर ही कुछ ट्रेनों का परिचालन रद्द, मार्ग परिवर्तित या पुनर्निर्धारित कर कार्य को पूर्ण किया जाता है । वित्तीय वर्ष 2023-24 में दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे में रेल विकास कार्यों (नॉन-इंटरलाकिंग) के दौरान अप्रैल माह में दुर्ग-भिलाई एवं एच केबिन, स्टेशनों में कुल 6 दिनों के कार्य में प्रतिदिन चलने वाली औसत ट्रेनों में से केवल 0.06 प्रतिशत ट्रेनों को कैंसिल किया गया। इसी प्रकार मई माह में रायपुर एवं आरवीएच स्टेशनों के मध्य 2 दिनों के कार्य में प्रतिदिन चलने वाली औसत ट्रेनों में से केवल 0.23 प्रतिशत, जून माह में झारीडीह स्टेशन यार्ड में 2 दिनों के कार्य में प्रतिदिन चलने वाली औसत ट्रेनों में से केवल 0.09 प्रतिशत, जुलाई माह में नैला, गुदमा एवं कांप्टी स्टेशनों में 10 दिनों के कार्य में प्रतिदिन चलने वाली औसत ट्रेनों में से केवल 0.47 प्रतिशत, अगस्त माह में सक्ती एवं जी केबिन स्टेशनों में 6 दिनों के कार्य में प्रतिदिन चलने वाली औसत ट्रेनों में से केवल 0.49 प्रतिशत, सितंबर माह में बधवावारा व कुम्हारी एवं भिलाई स्टेशनों में 9 दिनों के कार्य में केवल 2.23 प्रतिशत ट्रेनों को रद्द किया गया। भविष्य की जरूरतों के लिए बुनियादी संरचना और क्षमता वृद्धि कार्य अत्यावश्यक है। दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे का हमेशा ही प्रयास रहता है कि इन कार्यों के दौरान आवश्यकता पड़ने पर ही कम से कम ट्रेनों का परिचालन प्रभावित हो।