भिलाई (श्रीकंचनपथ न्यूज़)। छत्तीसगढ़ में सत्ता की जंग लगातार ते•ा होती जा रही है। भाजपा जहां 5 साल बाद फिर से सत्ता में वापसी के ख्वाब बुन रही है तो वहीं कांग्रेस सत्ता में बने रहने की जुगत में है। ताजा हालातों में केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह चुनावी मौसम में चौथी बार राज्य के दौरे पर आ रहे हैं। वहीं 2 सितम्बर को कांग्रेस के अग्रणी नेता राहुल गांधी का भी कार्यक्रम है। एक ही दिन में दो बड़े नेताओं के कार्यक्रम से राज्य की राजनीतिक सरगर्मियां पूरे उफान पर होंगी। प्रदेश की कांग्रेस सरकार के खिलाफ अमित शाह आरोप पत्र लेकर आ रहे हैं तो राहुल गांधी का दौरा युवाओं से संवाद करने को लेकर है। पिछली दफा शाह के दौरे के बाद पार्टी ने 21 सीटों पर प्रत्याशी घोषित कर दिए थे। खुद प्रदेश के नेताओं को इसकी उम्मीद नहीं था। लेकिन शाह के वर्तमान दौरे के बाद पार्टी प्रत्याशियों की दूसरी सूची जारी होना तय है। वहीं, राहुल गांधी के युवा संवाद कार्यक्रम को लेकर सत्ता और संगठन में खासी हलचल है। कार्यक्रम के लिए बस्तर से लेकर सरगुजा तक के युवाओं को जुटाने की तैयारी है। यह आयोजन नवा रायपुर के मेलाग्राउंड में होगा।
मिशन 2023 को लेकर भाजपा ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। 70 दिनों के भीतर चौथी बार शुक्रवार को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह दो दिवसीय दौरे पर छत्तीसगढ़ आ रहे हैं। शाह अपने साथ कांग्रेस सरकार को घेरने के लिए बनाया गया खास ‘आरोप पत्रÓ लेकर आएंगे। सूत्रों के मुताबिक, आरोप पत्र को तीन भागों में बांटा गया है। इसमें कांग्रेस सरकार के कथित भ्रष्टाचार, विफलता और वादाखिलाफी को शामिल किया गया हैं। बताते हैं कि ये ही भाजपा के प्रमुख चुनावी मुद्दे होंगे। आरोप पत्र के साथ भाजपा एक गाना भी रिलीज करेगी। हर विधानसभा स्तर पर आरोप पत्र तैयार होगा। अलग-अलग वर्गों महिला, युवा, किसान आदिवासी के लिए अलग-अलग आरोप पत्र बनेंगे। चुनाव के लिए गठित आरोप पत्र समिति ने एक महीने पहले शाह को आरोपों का पुलिंदा दे दिया था। ये आरोप पत्र का प्रिंट भी दिल्ली में गोपनीय तरीके से किया गया है। निर्धारित कार्यक्रम के मुताबिक शाह एक सितंबर को शाम 6:40 बजे नियमित विमान से राजधानी रायपुर स्थित स्वामी विवेकानंद विमानतल पहुंचेंगे। वहां से भाजपा प्रदेश कार्यालय कुशाभाऊ ठाकरे परिसर पहुंचकर भाजपा की आरोप पत्र समिति, घोषणा पत्र समित व अन्य समितियों की बैठकें लेंगे। दो सितंबर को सुबह 11 बजे साइंस कालेज स्थित प. दीनदयाल उपाध्याय आडिटोरियम में प्रदेश की कांग्रेस सरकार के खिलाफ जनता की ओर से आरोप पत्र पेश करेंगे। दो सितंबर की शाम 3 बजे अर्जुंदा सराईपाली में जनजाति समाज द्वारा आयोजित अभिनंदन कार्यक्रम में शाह चुनावी सभा का आगाज करेंगे। इसके पहले शाह ने 22 जून को दुर्ग में एक बड़ी आम सभा को संबोधित किया था। इसके 12 दिन बाद चार-पांच जुलाई और 22 जुलाई को को रायपुर आए। अब एक बार फिर शाह का दौरा तय हुआ हैं। पार्टी के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष भी रायपुर पहुंच रहे हैं।
एक ही दिन दो बड़ी आयोजन
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी दो सितंबर को एक साथ राजधानी रायपुर में सभा करेंगे। शाह रायपुर के दीनदयाल उपाध्याय आडिटोरियम में कांग्रेस सरकार के खिलाफ आरोप पत्र जारी करेंगे। वहीं, राहुल गांधी नया रायपुर के मेला मैदान में युवा संवाद कार्यक्रम में शामिल होंगे। विधानसभा चुनाव से पहले पहली बार ऐसा हो रहा है कि शाह और राहुल एक ही दिन एक दूसरे पर निशाना साधेंगे। 70 दिनों के भीतर यह चौथा मौका है जब केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह दो दिवसीय दौरे पर छत्तीसगढ़ आ रहे हैं। वहीं, राहुल गांधी प्रदेशभर के युवाओं से संवाद करेंगे। बस्तर से लेकर सरगुजा तक युवाओं को नवा रायपुर लाने के लिए कांग्रेस संगठन ने तैयारी की है। युवाओं की बड़ी संख्या को देखते हुए नवा रायपुर के मेला ग्राउंड में तैयारी की गई है। प्रदेश अध्यक्ष की कमान संभालने के बाद दीपक बैज के नेतृत्व में राहुल गांधी का पहला कार्यक्रम होने जा रहा है।

संघ ब्रिगेड भी एक्टिव
छत्तीसगढ़ में इसी साल विधानसभा के चुनाव होने हैं। विधानसभा चुनाव में भूपेश बघेल सरकार को हराने और 2018 के विधानसभा चुनाव में हुई गलती को दोहराने से बचने के लिए बीजेपी ने अपनी पूरी ताकत लगा दी है। बीजेपी ने देश के कई राज्यों से अपने नेताओं की फौज को प्रदेश की सभी 90 विधानसभा सीटों पर पहले ही उतार रखा है, लेकिन अब पार्टी ने धरातल से मिल रहे फीडबैक के आधार पर संघ की पृष्ठभूमि वाले नेताओं को छत्तीसगढ़ के विभिन्न इलाकों में तैनात कर दिया है। बीजेपी में आरएसएस की पृष्ठभूमि वाले नेताओं की भरमार है। आरएसएस से भाजपा में आने वाले कई नेता केंद्र में मंत्री हैं, कई राज्यों में मुख्यमंत्री और मंत्री है, सरकार से लेकर पार्टी संगठन में अहम पदों पर बैठे हैं। लेकिन, पार्टी संगठन में राष्ट्रीय संगठन महासचिव के पद पर नियुक्त नेता को भाजपा संगठन और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के बीच की कड़ी माना जाता है।
अलग-अलग संभागों में की गई है तैनाती
वर्तमान में संघ और भाजपा के बीच की कड़ी की भूमिका राष्ट्रीय महामंत्री बीएल संतोष निभा रहे हैं। वे आरएसएस द्वारा बुलाई गई बैठक में भाजपा की तरफ से शामिल होकर भाजपा के कामकाज की रिपोर्ट सौंपते हैं। राज्य के स्तर पर प्रदेश संगठन महासचिव भी कुछ हद तक इसी तरह की भूमिका निभाते हैं। छत्तीसगढ़ में होने वाले आगामी विधान सभा चुनाव की तैयारियों को लेकर भाजपा आलाकमान की गंभीरता का अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि पार्टी ने अपने दो प्रदेशों के संगठन महासचिवों को छत्तीसगढ़ के अलग-अलग संभागों में तैनात कर दिया है। पार्टी आलाकमान ने झारखंड प्रदेश भाजपा के संगठन महासचिव कर्मवीर को छत्तीसगढ़ के बस्तर संभाग की जिम्मेदारी देकर इस क्षेत्र में आने वाले 7 जिलों की चुनावी कमान सौंप दी है। बस्तर संभाग में आने वाले 7 जिलों में छत्तीसगढ़ राज्य की 12 विधानसभा और 2 लोकसभा सीटें आती हैं। इसके साथ ही पार्टी ने पश्चिम बंगाल प्रदेश भाजपा के संगठन महासचिव सतीश धोंड को बिलासपुर संभाग का दायित्व सौंपा है। बिलासपुर संभाग के अंतर्गत छत्तीसगढ़ के 8 जिले आते हैं जिसमें 25 विधानसभा और 4 लोकसभा की सीटें आती हैं। इसके अलावा पार्टी ने बिहार भाजपा के कोषाध्यक्ष दिलीप जायसवाल को छत्तीसगढ़ के रायपुर संभाग का दायित्व देकर इस संभाग के अंतर्गत आने वाले राज्य के 6 जिलों के 19 विधानसभा और 2 लोकसभा सीटों पर चुनावी रणनीति को जमीनी धरातल पर सौंपने की जिम्मेदारी सौंपी है। बीजेपी ने बिहार के विधायक संजीव चौरसिया को दुर्ग संभाग का दायित्व सौंपा है। वहीं, दुर्ग संभाग में आने वाले जिलों की संख्या 8, विधानसभा सीटों की संख्या 20 और लोकसभा सीटों की संख्या 2 है। भाजपा ने झारखंड के विधायक अनंत ओझा को सरगुजा संभाग का दायित्व सौंपा है। इस संभाग के अंतर्गत 6 जिले, प्रदेश की 14 विधानसभा और एक लोकसभा सीट आती है।