-दीपक रंजन दास
राहुल गांधी ने संसद में धमाकेदार वापसी की है। अविश्वास प्रस्ताव पर उनकी दहाड़ ने मृतप्राय विपक्ष में जान फूंक दी है। विपक्ष भले ही राहुल को ‘पप्पू’ कहता हो, पर इस बार पप्पू पास हो ही गया। उसने मणिपुर में हो रही हिंसा और प्रधानमंत्री की चुप्पी पर करारा हमला किया। राहुल ने कहा कि मणिपुर में देश की हत्या हो रही है, भारत माता की हत्या हो रही है। केन्द्र ने वहां हिंसा रोकने के लिए कुछ नहीं किया। प्रधानमंत्री की तुलना रावण से करते हुए राहुल ने कहा कि रावण केवल मेघनाद और कुंभकरण की सुनता था। प्रधानमंत्री भी केवल शाह और अदानी की सुनते हैं। राहुल ने यह भी कहा कि लंका को हनुमान ने नहीं बल्कि रावण के अहंकार ने जलाया था। रावण का अंत भी उसके अहंकार के चलते हुआ। भारत जोड़ो यात्रा के आरंभ में वह स्वयं अहंकार के वशीभूत थे। वो अपनी बात कहने के लिए निकले थे। पर जल्द ही उन्हें अपनी गलतियों का अहसास हो गया और उन्होंने लोगों की सुनना शुरू कर दी। उन्होंने आरोप लगाया कि केन्द्र सरकार पूरे देश में केरोसीन छिड़क रही है जिसे सिर्फ एक चिंगारी की जरूरत है। ‘मन की बात’ और जलते मणिपुर पर अपनी बात रखने के बाद उन्होंने संसद की तरफ एक ‘फ्लाइंग किस’ उछाला। राहुल के तीखे व्यंगबाणों के आगे निरुत्तर भाजपा के सांसद केवल यही कहते रह गए कि वे सूद सहित राहुल को जवाब देंगे। पर भाई लोग यह भूल गए कि सूद समेत वापस करने के लिए पहले मूल को स्वीकार करना पड़ता है। अर्थात आरोप भाजपा को स्वीकार है और अब वे कांग्रेस के गड़े मुर्दे निकालकर लाएंगे। यह उनकी पुरानी फितरत है और देश की भरे पेट वाली जनता का आजकल फेवरिट टाइमपास भी है। पूरा सोशल मीडिया और तमाम वेबसाइट इस गंद से भरा पड़ा है। इस सबके बीच भाजपा की फायर ब्रांड नेता ने केवल राहुल गांधी की ‘फ्लाइंग किस’ को पकड़ा। उसने कहा कि महिलाओं वाली संसद में इस तरह से चुम्बन उछालना महिला सांसदों का अपमान है। राहुल ऐसा इसलिए करते हैं क्योंकि उनकी परवरिश पश्चिमी सभ्यता के तहत हुई। चुम्बन पर पूरब या पश्चिम – किसी का भी एकाधिकार नहीं है। लोग अपनी बेटियों का, छोटी बहनों का भी माथा चूमते हैं। इसे ‘बैड टच’ कहने की सोच भी पश्चिम से आई है। वैसे सनातन के झंडाबरदारों ने अपना शिकायती पत्र अंग्रेजी में ही लिखा है। इसपर अपने हस्ताक्षर घसीटने वाली अभिनेत्री हेमामालिनी ने बाद में स्वीकार किया है कि उन्होंने राहुल की फ्लाइंग किस वाली हरकत नहीं देखी। सीसीटीवी फुटेज भी बता रहा है कि ‘फ्लाइंग किस’ उस सदन के लिए एक प्यार भरा जेस्चर था, जहां कि निष्कासन होने के बाद दोबारा उनकी वापसी हुई थी। पर जिन्हें बहस की दिशा बदलने की आदत सी पड़ चुकी हो, उन्हें ‘उड़ता भाला’ पकडऩे से कौन रोक सकता है?
Gustakhi Maaf: मणिपुर से फ्लाइंग किस तक उड़ता भाला
