भिलाई। दुर्ग पुलिस ने स्मार्ट पुलिसिंग की नई पहल की है। बीआईटी के इंजीनियरिंग स्टूडेंट्स के साथ मिलकर दुर्ग पुलिस ने चेहरे की पहचान करने वाला सॉफ्टवेयर (Facial Recognition Software) तैयार किया है। इस सॉफ्टवेयर की मदद से दुर्ग पुलिस और भी स्मार्ट हो गई है। Facial Recognition Software की मदद से दुर्ग पुलिस सभी अपराधियों का फेस डेटा रखेगी। इसके बाद किसी भी संदेही का फोटो खींचकर डालते ही सॉफ्टवेयर उसके अपराध की पूरी कुंडली खुल जाएगी।
दुर्ग एसपी शलभ कुमार सिन्हा इसकी विस्तृत जानकारी दी है। उन्होंने बताया कि शहरी क्षेत्र में लगातार हो रहे अपराध की घटनाओं को देखते हुए एवं अपराधियों की त्वरित पहचान के लिए पुलिस की सहायता करने Coding Wizard Gorup द्वारा चेहरे की पहचान करने वाला सॉफ्टवेयर (Facial Recognition Software) तैयार किया गया है। Software में दुर्ग जिले के पिछले दस साल के 5000 अपराधियों का Database बनाया गया है एवं छत्तीसगढ़ राज्य के अन्य जिलों के भी अपराधियों की एंट्री की जा रही है।
जिले के सभी थानों का बनाया अकाउंट
एसपी शलभ सिन्हा ने बताया कि इस सॉफ्टवेयर में में जिले के सभी थानो का अकाउंट बनाया गया है। जिसके माध्यम से पुलिस अपने अकाउंट से लॉग इन कर पेट्रोलिंग व रात्रीगश्त के दौरान मिलने वाले संदेही व आरोपियों को फोटो अपलोड किया जा रहा है। AI. Bot की सहायता से एक क्लिक में अपराधियों का अपराधिक रिकार्ड तुरंत मिल जाता है। Software में संदेही, आरोपी, निगरानी गुण्डा बदमाश की पूरी जानकारी जोड़ा जा रहा है। एसपी शलभ सिन्हा ने बताया कि इस ओर आगे बढ़ते हुये द्वितीय चरण में वीडियो में दिखने वाले आरोपियों की भी पहचान की जा सकेगी। भविष्य में सॉफ्टवेयर को आईटीएमएस के साथ जोड़ कर सीसीटीवी में रियल टाईम अपराधियों के गतिविधियों पर नजर रखी जाएगी।