श्रीमद भागवत कथा में बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुईं अनुसूचित जाति विकास प्राधिकरण सदस्य कौशल
मुंगेली। गीता का हर शब्द हमारे जीवन को कष्टमुक्त बनाने की क्षमता रखता है। गीता में जीवन का सार समाहित है। श्रीमद भागवत गीता कथा श्रवण से हर जीव को सांसारिक उलझनों से मुक्ति मिलती है।
उक्त उदगार अनुसूचित जाति विकास प्राधिकरण छत्तीसगढ़ शासन सदस्य एवं महिला कांग्रेस कमेटी प्रदेश महासचिव रत्नावली कौशल ने ग्राम देवरी में आयोजित श्रीमद भागवत कथा सत्संग में कही। ग्राम पंचायत के प्रतिनिधियों, ग्रामीणों और आयोजकों ने कथा में सुश्री कौशल को बतौर मुख्य अतिथि आमंत्रित किया था। गांव में पहुंचते ही महिलाओं, युवतियों तथा पंचायत प्रतिनिधियों ने उनका भव्य और आत्मीय स्वागत किया। हिंद सेना महिला ब्रिगेड राष्ट्रीय अध्यक्ष रत्नावली कौशल ने गीता ग्रंथ तथा भगवान श्रीकृष्ण एवं राधा रानी का रूप धरी बालिकाओं का पूजन वंदन किया।


उन्होंने कथा वाचक पं. भोलेश्वर महाराज और उनके सहयोगी पं. जगकुमार शास्त्री को नमन करते हुए अपना उदबोधन आरंभ किया। सुश्री कौशल ने कहा कि श्रीमद भागवत गीता में हमारे जीवन का सार निहित है, इस महान ग्रंथ के हर शब्द में जीवन के कष्टों से मुक्ति दिलाने की अदभूत शक्ति है। गीता में मानव जीवन का सार निहित है। गीता के उपदेश मनुष्य को सांसारिक उलझनों तथा अशांति से मुक्त कर सदमार्ग पर चलने की प्रेरणा देते हैं और शांति की परम अनुभूति कराते हैं। रत्नावली ने कहा कि श्रीमद भागवत कथा का श्रवण करने से पापों का क्षय होता है और पुण्य प्रबल होता है। कथा सुनने मात्र से हर जीव को संसार के मायाजाल से मुक्ति मिलती है।


उन्होंने कहा कि गीता में भगवान श्रीकृष्ण ने कर्मण्ये वाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचनम का उपदेश देकर फल यानि परिणाम की चिंता किए बगैर कर्म करते रहने की प्रेरणा दी है। यह बात शास्वत सत्य है कि कर्म का फल अवश्य प्राप्त होता है। हम सदकर्म करेंगे, तो अच्छा फल मिलेगा और बुरा कर्म करेंगे तो नतीजा भी बुरा ही होगा। इसलिए हम सभी को सदैव सदकर्म करते रहना चाहिए। सुश्री कौशल ने कहा कि आज इंसान मोह माया और स्वार्थ के भंवरजाल में फंसा हुआ। इस वजह से हिंसा, दुराचार, लूटपाट जैसी अमानवीय घटनाएं बढ़ गई हैं।
वरिष्ठ कांग्रेस नेत्री रत्नावली कौशल ने कहा कि आज की पीढ़ी संस्कारों और धर्म आध्यात्म से विमुख होती जा रही है। इस तरह के आध्यात्मिक एवं धार्मिक आयोजनों से सुसंस्कारों का बीजारोपण होता है और संस्कारी व्यक्ति कभी गलत कार्य कर ही नहीं सकता। इसलिए हर गांव में श्रीमद भागवत कथा, कृष्णलीला, रामलीला एवं राजा हरिश्चन्द्र, भक्त प्रहलाद, गुरु भक्त ध्रुव आदि सुपात्रों के जीवन वृतांत पर आधारित नाटकों का मंचन होते रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि भगवान गौतम बुद्ध, भगवान महावीर, ईसा मसीह, गुरु घासीदास बाबा, गुरु नानकदेव, संत रविदास, भक्त माता कर्मा, स्वामी विवेकानंद, महात्मा गांधी आदि के जीवन पर आधारित पुस्तकें युवाओं और किशोरों को पढऩी चाहिए। इससे सदमार्ग पर चलने की प्रेरणा मिलेगी।

युवतियों में दिखा कौशल का क्रेज
कथा स्थल पर मौजूद महिलाओं, युवतियों और किशोरियों के बीच वरिष्ठ कांग्रेस नेत्री रत्नवली कौशल की पर्सनालिटी को लेकर जबरदस्त क्रेज देखने को मिला। गांव में पहुंचते ही सुश्री कौशल को महिलाओं, युवतियों और किशोरियों ने चारों ओर से घेर लिया। कोई उनके साथ सेल्फी लेने की कोशिश में जुटी थी, तो कोई उनका आटोग्राफ लेने लालायित नजर आ थी थी। रत्नावली ने किसी को भी निराश नहीं होने दिया। आटोग्राफ देने के साथ वे सेल्फी लेने में भी सहयोग करती रहीं। रत्नावली कौशल के देवरी में आने की खबर मिलते ही आसपास के गांवों की भी महिलाएं और युवतियां बड़ी संख्या में देवरी पहुंच गई थीं। उनका उत्साह देखते ही बनता था। रत्नवली कौशल जब भी मुंगेली जिले के गांवों के दौरे पर जाती हैं, उन्हें देखने और उनसे मिलने के लिए नारी शक्ति की ऐसी ही भीड़ उमड़ पड़ती है। कार्यक्रम में सरपंच रामा साहू, डॉ. कैलाश साहू, सरवन साहू, अनिल साहू, रवि लाल साहू, मनोज साहू, किसन साहू, राजेंद्र साहू, तुलसी साहू, सरजू साहू, खन्ना साहू, हेमंत रजक, सत्या गोस्वामी, समेत ग्राम पंचायत देवरी व सिपही के सैकड़ों ग्रामीण उपस्थित थे।