अजा विकास प्राधिकरण सदस्य रत्नावली कौशल ने घटना की कड़ी आलोचना की, कहा – भाजपा शासित राज्यों में जरा भी सुरक्षित नहीं हैं महिलाएं
मुंगेली। भाजपा शासित राज्य मणिपुर में महिलाओं के साथ हुए बर्बर कृत्य की निंदा करते हुए छत्तीसगढ़ शासन अनुसूचित जाति विकास अधिकरण सदस्य एवं महिला कांग्रेस प्रदेश महासचिव रत्नावली कौशल ने मणिपुर सरकार को बर्खास्त करने व प्रधानमंत्री से इस्तीफे की मांग की है। रत्नावली ने घटना को बेहद दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए इसकी कड़ी निंदा की है। उन्होंने कहा है कि इस घटना ने देश की मातृशक्ति की सुरक्षा पर बड़ा सवाल खड़े कर दिया है। रत्नावली ने मणिपुर सरकार को बर्खास्त करने और प्रधानमंत्री से इस्तीफे की मांग उठाई है।
जारी एक बयान में हिंद सेना महिला ब्रिगेड राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं वरिष्ठ कांग्रेस नेत्री रत्नावली कौशल ने कहा है कि जो तस्वीरें मणिपुर से आई हैं, वह विचलित कर देने वाली हैं। इस घटना से पूरा देश शर्मसार हुआ है तथा पूरे देश में आक्रोश है। मणिपुर लगभग 3 माह से हिंसा, आगजनी, तोडफ़ोड़ की घटनाएं हो रही हैं। हिंसा में सैकड़ों लोगों की जान जा चुकी है। हद तो तब हो गई जब बेकसूर महिलाओं को नग्न कर घुमाया गया, तालिबानी अंदाज में उनकी पिटाई की गई। इस दृश्य को देखने ऐसा लग रहा था, जैसे यह नारी को पूजने वाले राष्ट्र भारत की नहीं, बल्कि किसी असभ्य और अशिक्षित देश की घटना है। मणिपुर में आग लगी हुई है, नारी का खुलेआम चीरहरण हो रहा है और हमारे प्रधानमंत्री विदेशों का दौरा करने में मशगूल हैं। सबसे पीड़ादायक बात तो यह है कि सभ्य समाज को झकझोर देने वाली इतनी बड़ी घटना पर प्रधानमंत्री अब तक चुप्पी साधे हुए हैं।
सुश्री कौशल ने कहा है कि प्रधानमंत्री मौनव्रत तोड़ें और मातृशक्ति का अपमान कराने वाली मणिपुर सरकार को तुरंत बर्खास्त करें तथा नैतिकता का परिचय देते हुए स्वयं भी इस्तीफा दें। रत्नावली कौशल ने कहा है कि विदेशों में भी मणिपुर हिंसा को लेकर चर्चा हो रही है। इसके बावजूद प्रधानमंत्री का मौन रहना दुर्भाग्यपूर्ण है। ऐसी घटनाओं को रोकने में मणिपुर राज्य की भाजपा सरकार और प्रशासन पूरी तरह विफल साबित हुए हैं। मणिपुर के मुख्यमंत्री इतनी बड़ी घटना के बाद भी कुर्सी से चिपके बैठे हैं। इससे लगता है कि उनकी संवेदना पूरी तरह मर चुकी है। उन्होंने आगे कहा कि महिलाओं की सुरक्षा और मणिपुर में उपजे खतरनाक हालात को देखते हुए मणिपुर में तत्काल राष्ट्रपति शासन लागू किया जाना चाहिए। रत्नावली कौशल ने इस बात पर भी हैरानी जताई है कि भाजपा की महिला सांसद भी इस मामले पर मुंह नहीं खोल रही हैं। उन्होंने कहा कि देश की संसद में भाजपा की अनेक महिलाएं लोकसभा एवं राजयसभा में सांसद हैं, कई तो मंत्री भी हैं। न जाने वे किस अदृश्य शक्ति के दबाव में महिलाओं से जुड़े हर मुद्दे पर खामोश क्यों रह जाती हैं। रत्नावली ने कहा है कि मणिपुर की यह घटना देश के लिए बड़ा धब्बा और भाजपा के चेहरे पर कालिख के समान है।

उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनावों के दौरान महिलाओं के खिलाफ हुई कथित हिंसा की जांच के लिए भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने अपनी पार्टी की महिला सांसदों की कमेटी बनाने में जरा भी देरी नहीं की, लेकिन मणिपुर के मामले में भाजपा अध्यक्ष भी मौन हैं। यह बड़ा ही दुखद है। रत्नावली कौशल ने कहा कि नारीशक्ति का अपमान करना और कराना भाजपा के चरित्र में शामिल है। कांग्रेस की पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं बलिदानी गांधी – नेहरू परिवार की बहू सोनिया गांधी का अपमान भाजपा के नेता बीसियों बार कर चुके हैं, सोनिया जी के खिलाफ अशोभनीय और अमर्यादित टिप्पणी करते रहे हैं। पूरा देश यह सब देख और सुन चुका है।
वो नग्न प्रदर्शन भाजपा का नंगा नाच था
वरिष्ठ कांग्रेस नेत्री रत्नावली कौशल ने छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में अनुसूचित जाति जनजाति के कुछ युवाओं द्वारा किए गए नग्न प्रदर्शन भाजपा प्रायोजित बताया है। उन्होंने कहा है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने महज पौने पांच साल के कार्यकाल में छत्तीसगढ़ की तरक्की की नई ईबारत लिख दी है। समाज के हर तबके के कल्याण के लिए भूपेश बघेल की सरकार ने प्रभावी योजनाएं चला रखी हैं। पूरे प्रदेश के लोग हमारे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की कार्यशैली के कायल हो गए हैं। हर आयु वर्ग के लोग भूपेश बघेल पर स्नेह उंडेल रहे हैं। उनकी लोकप्रियता चरम पर है। यह बात भाजपा के लोगों को चुभने लगी है और वे मुख्यमंत्री की छवि को नुकसान पहुंचाने के लिए तरह -तरह के हठकंडे अपनाने लगे हैं। युवाओं का नग्न प्रदर्शन भी भाजपा नेताओं की साजिश का हिस्सा है। भाजपा ने अनुसूचित जाति जनजाति के युवाओं को मोहरा बनाकर देशभर के मुख्यमंत्रियों में सर्वाधिक लोकप्रिय छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को नीचा दिखाने के लिए इस तरह के शर्मनाक कृत्य को अंजाम दिलाया है। रत्नावली कौशल ने भाजपा के शासनकाल में फर्जी जाति प्रमाण पत्र जारी कर सवर्ण युवाओं को आरक्षित पदों पर सरकारी नौकरियां दे दी गईं। अपनी करनी पर पर्दा डालने के लिए भाजपा ने इस तरह का कृत्य कराया है।