Shreekanchanpath. क्या कभी आपने सुना है कि भगवान को भोग लगाने के लिए 2700 किलो का रोट बनाया जा सकता है। पहले यह सुनने में भी अजीब लगता है लेकिन ऐसा हुआ है। राजस्थान के सीकर जिले के प्रसिद्ध देवीपुरा बालाजी धाम में शनिवार को हनुमानजी को 2700 किलो के रोट का भोग लगाया गया। भोग लगाने के बाद इस रोट के प्रसाद को 25 हजार से भी ज्यादा लोगों को बांटा गया। इस रोट की खास बात यह है कि इसे बनाने में पूरे 22 घंटे का समय लगा।
देवीपुरा बालाजी धाम के महंत ओमप्रकाश शर्मा के अनुसार इस रोट को विश्व शांति की कामना के लिए बनाया गया है। पिछले दो महीने से इस रोट को बनाने की तैयारियां बालाजी धाम में चल रही थीं। इस रोट को बनाने में 20 लाख रुपए का खर्च आया। रोट को बनाने में 1125 किलो आटा, 125 किलो सूजी, 1100 किलो ड्राई फ्रूट्स, 400 लीटर दूध और 400 लीटर गाय के देसी घी का इस्तेमाल किया गया है। इस रोट की गोलाई 11 फीट और मोटाई 2 फीट की है। पूरनासर धाम के संत रामदास महाराज (बापजी) के सानिध्य में इस रोट को सूरत और पूरनासर के 20 रसोइयों ने तैयार किया। इसका कुल वजन 2700 किलो है।

यही नहीं इस रोट को बेलने के लिए विशेष बेलन व तवा भी मंगाया गया। 300 किलो वजनी तवा व 250 किलो का बेलन ऑर्डर देकर बनवाया गया। तवा, बेलन और मिक्सर तैयार करने में 2.15 लाख रुपये का खर्च आया है। इस रोट को क्रेन की मदद से बेला गया और क्रेन की मदद से ही इसे सेंका भी गया। इस रोट को बनाने के लिए कारीगरों ने मंदिर परिसर में 12 फीट गोलाई की भट्टी तैयार की थी। इस भट्टी को बनाने में 10 दिन का समय लग गया था। इस रोट को लेकर दावा किया जा रहा है कि ये विश्व का सबसे बड़ा रोट है। इसे बनाने की तैयारियां दो महीने पहले ही शुरू कर दी गई थीं।
