राज्य के हर जिले में एक आदर्श पंचायत निर्माण करने के दिए निर्देश
नई दिल्ली (पीआईबी)। केंद्रीय ग्रामीण विकास एवं पंचायत राज मंत्री गिरीराज सिंह ने राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के अंतर्गत महिलाओं की आमदनी 10 से 15 हजार रुपए तक बढ़ाने के लिए मॉडल तैयार करने और राज्य के हर जिले में एक आदर्श पंचायत निर्माण करने के निर्देश, रायपुर में आयोजित ग्रामीण विकास, भूमि संसाधन एवं पंचायती राज विभाग के अधिकारियों के साथ हुई समीक्षा बैठक में दिए।
उन्होंने कहा कि वर्तमान में आजीविका मिशन के तहत महिलाओं की आमदनी कम है, उसे बढ़ाना आवश्यक है। राज्य में रोजगार के अवसर बढ़ाने के लिए सूअर पालन का व्यवसाय अधिक लाभदायी हो सकता हैं। इसके अलावा मुर्गी, बकरा, गाय-भैंस पालन पर भी जोर दिया जाए, जिससे महिलाओं की आमदनी बढ़ सकती है। महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के काम भी राष्ट्रीय आजीविका मिशन के तहत करने के निर्देश मंत्री गिरीराज सिंह ने अधिकारियों को दिये।
प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत राज्य में 11 लाख 76 हजार घर बनाने के लिए स्वीकृती दी गई थी, जिसमें से 8 लाख 61 हजार 500 घर बनकर तैयार हैं। इस समय 3 लाख 14 हजार घर निर्माणाधिन है। इन सभी घरों के चारों ओर फलदार और टिंबर के पेड़ लगाने के भी निर्देश गिरीराज सिंहने दिये। उन्होंने जोर दिया कि, इन पेड़ों से भी परिवार को आमदनी होनी चाहिए।
उन्होंने बताया कि वर्ष 2024 तक देश की 10 करोड़ महिलाओं को लखपति बनाने का लक्ष्य रखा गया है, इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए महिलाओं हेतु रोजगार सृजन के अवसर बढ़ाने के लिए उन्होंने सभी अधिकारियों को निर्देश दिये। राज्य में 28 लाख महिलाओं को लखपति बनाने का लक्ष्य है और अभी तक चार लाख महिलाएं लखपति बन चुकी हैं।
बैठक में उन्होंने राज्य के 40 लाख महिलाओं को प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना, प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना, प्रधानमंत्री श्रमयोगी मानधन योजना आदि सामाजिक सुरक्षा योजनाओं का लाभ भी पहुंचाने के निर्देश दिये। आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना से कोई भी महिला वंचित न रहे, इसके लिए भी विशेष प्रयास करने करने निर्देश दिए।
राज्य के हर जिले में एक आदर्श पंचायत का निर्माण करने का आवाहन केन्द्रीय मंत्री गिरीराज सिंह ने अधिकारियों से किया। संयुक्त राष्ट्र के दिशा निर्देशानुसार आदर्श पंचायत का निर्माण किया जा सकता है। इसमें शिक्षा पंचायत-जिसमें गांव के सभी बच्चों का स्कूल में आना, रोजगार सृजन पंचायत-जिसमें गांव की सभी घर की महिलाएं स्वयं सहायता समूह की सदस्य होना आवश्यक है, स्वस्थ पंचायत-जिसमें स्वास्थ्य की सुविधा है, कार्बन न्यूट्रल पंचायत-जिसमें गांव में फलदार और टिंबर के पेड़ लगाये गए हों, जलयुक्त पंचायत-जिसमें गांव का पानी गांव में ही संचित रहे और सभी घर नल-जल से जुड़े हुए हों। हरित पंचायत के लिए गांव पेड़ पौधों से हरा- भरा करने के निर्देश देते हुए उन्होंने की इस कार्य में जनभागीदारी बढ़ाने पर जोर दिया।
इसके साथ ही उन्होंने पंचायत की आमदनी बढ़ाने पर भी जोर दिया। सुविधा उपलब्ध होने पर पंचायत टैक्स लगा सकती हैं, जिससे पंचायत को सतत आमदनी होगी। उन्होंने कहा कि पंचायत के स्तर पर 100 ग्राम सभा का आयोजन किया जाना चाहिए और उसमें अलग-अलग विषयों पर चर्चा करके ग्रामीणों को निर्णय लेने देना चाहिए है, जिससे पंचायत के विकास में उनकी भागीदारी बढ़ सकेगी।