रायपुर। आयुक्त आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास शम्मी आबिदी ने कहा कि छात्रावास-आश्रमों में अध्ययनरत बच्चों को आधारभूत सुविधाओं के साथ-साथ उनके व्यक्तित्व विकास पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। इस कार्य को छात्रावास अधीक्षकों को पूरी ईमानदारी के साथ करना चाहिए। आज के बच्चे ही कल का भविष्य हैं, अत: उनमें अनुशासन एवं अच्छे गुणों का विकास करने में आपकी बहुत अहम भूमिका है। श्रीमती आबिदी ने इस आशय के विचार आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास विभाग के तत्वाधान में ठाकुर प्यारेलाल राज्य पंचायत एवं ग्रामीण विकास संस्थान निमोरा रायपुर में चल रही तीन दिवसीय मास्टर ट्रेनर्स की कार्यशाला को संबोधित करते हुए व्यक्त किए।
आयुक्त शम्मी आबिदी ने कहा कि छात्रावास-आश्रमों में अध्ययनरत बच्चों के आधार कार्ड प्राप्त कर उन्हें ऑनलाइन पोर्टल में दर्ज करने के निर्देश अधीक्षकों को दिए। इसके अलावा संस्था में उपलब्ध कैश बुक, उपस्थिति पंजी सहित अन्य सभी अभिलेखों के उचित संधारण हेतु भी निर्देशित किया। तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला के दूसरे दिन अलग-अलग विषयों पर मास्टर ट्रेनर्स को प्रशिक्षण दिया गया। आज सत्र के प्रथम चरण में अपर संचालक ए.आर. नवरंग द्वारा जाति प्रमाण पत्र बनाने एवं सत्यापन प्रक्रिया के बारे में सरलीकरण की दिशा में राज्य शासन द्वारा जारी किए गए दिशा-निर्देश अंतर्गत विभाग द्वारा इस संबंध में किए जा रहे प्रयासों की विस्तार से जानकारी दी। अपर संचालक ए.के. गढ़ेवाल ने सूचना के अधिकार अधिनियम-2005 की विस्तार से जानकारी देते हुए इसके अंतर्गत प्राप्त आवेदनों पर त्वरित रूप से कार्यवाही करते हुए निपटारा करने का आग्रह किया। उन्होंने इस संबंध में प्रथम अपील, द्वितीय अपील की प्रक्रिया को विस्तार से समझाया तथा साथ ही अधिनियम अंतर्गत विलंब से जानकारी देने पर दंडात्मक प्रावधानों की भी जानकारी दी।
सहायक आयुक्त धमतरी सुश्री रेशमा खान ने छात्रावास-आश्रम के विद्यार्थियों के नियमित स्वास्थ्य परीक्षण की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने विशेषकर कन्या छात्रावास आश्रमों की अधीक्षिकाओं को, वहां अध्ययनरत बच्चियों को मासिक धर्म के दौरान रखी जाने वाली सावधानियों के बारे में बताया। साथ ही आकस्मिक स्थिति में बच्चों के उपचार के संबंध में अपनाएं जाने वाली सावधानियों की भी विस्तार से जानकारी दी। उपायुक्त माया वारियर ने छात्रावास-आश्रमों के कुशल संचालन में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए बताया कि चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी विभाग के कुशल संचालन में अहम भूमिका निभाते हैं। अत: आपके स्तर पर इन्हें किसी प्रकार की कोई समस्या ना हो, इसका भी विशेष रूप से ध्यान रखा जाना चाहिए। उपायुक्त तारकेश्वर देवांगन ने छात्रावास-आश्रमों के संचालन में आने वाली समस्याओं एवं उनके निदान पर विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि अधीक्षक का यह पहला कर्तव्य है कि उसके प्रभार अंतर्गत आने वाले छात्रावास-आश्रम में आने वाली किसी भी समस्या से सर्वप्रथम सहायक आयुक्त को अवगत कराए, ताकि समय रहते समस्या का बेहतर निदान किया जा सके।
अपर संचालक संजय गौड़ ने वन अधिकार अधिनियम-2006 के संबंध में विस्तार से जानकारी देते हुए इसके संबंध में अधीक्षकों की भूमिका पर प्रकाश डाला। अपर संचालक जितेन्द्र गुप्ता एवं संयुक्त संचालक जीआर मरकाम द्वारा भी प्रशिक्षणार्थियों की शंकाओं का समाधान किया। उल्लेखनीय है कि इस कार्यशाला में जिलों में पदस्थ छात्रावास अधीक्षक एवं नवनियुक्त सहायक संचालक को प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं, ताकि वे मास्टर ट्रेनरर्स के रूप में जिले में बेहतर कार्य कर सकें।