भिलाई। भिलाई स्टील प्लांट कॉन्ट्रैक्टर्स वेलफेयर एसोसिएशन ने बीएसपी प्रबंधन पर ठेका श्रमिकों को बेरोजगार बनाने की साजिश रचने का आरोप लगाया है। ठेकेदारों का कहना है कि बाहरी ठेकेदारों के दस्तावेज जांचे बिना वर्क ऑर्डर दिया जा रहा है और स्थानीय श्रमिकों को मेडिकल सेफ्टी नियमों में उलझाने का कुचक्र रचा जा रहा है। इस वजह से 70 फीसदी स्थानीय ठेका श्रमिकों पर बेरोजगारी का खतरा मंडरा रहा है।
भिलाई स्टील प्लांट कॉन्ट्रैक्टर्स वेलफेयर एसोसिएशन ने इस के लिए एक दिन पहले भिलाई निवास कॉफी हाउस में सयुंक्त सदस्यों की आपात बैठक बुलाई थी और इस बैठक में लगभग 200 सदस्यों ने भाग लिया। सभी बीएसपी ठेकेदार बैठक में श्रमिकों के मेडिकल सेफ़्टी नियमों, बाहरी ठेकेदारों को बिना कागजात की जांच किए बिना वर्क ऑर्डर दिये जाने जैसे वजहों के कारण आक्रोशित थे। ठेकेदारों ने इस संबंध में प्रेसवार्ता भी की जिसमें बीएसपी प्रबंधन की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए।
बीएसपी के ठेकेदारों ने कहा कि बीएसपी प्रबंधन के कुचक्र के कारण, नए-नए नियमों के चलते लगभग 90% स्थानीय ठेकेदार एवं मेडिकल सेफ़्टी के नाम पर स्थानीय श्रमिकों पर बेरोजगारी का खतरा मंडरा रहा है। आशंकित सदस्यों ने लामबंद होकर काम बंद करने जैसे मुद्दे पर भी निर्णय ले सकते हैं। सभी ठेका श्रमिक भी आशंकित है की मेडिकल अनफिट के कारण उन्हें भी काम से बाहर कर दिया जाएगा ऐसे में लगभग 70% ठेका श्रमिक संयंत्र से बाहर एवं बेरोजगार हो जाएंगे ।

भिलाई स्टील प्लांट कॉन्ट्रैक्टर्स वेलफेयर एसोसिएशन के कार्यकारिणी नहीं चाहती है कि कोई भी अप्रिय स्थिति निर्मित हो, जिसके कारण बीएसपी संयंत्र एवं भिलाई का वातावरण खराब हो। सोमवार को श्रमिकों ने मेडिकल एवं सेफ्टी मे न जाकर स्वयं ही इसका पुरजोर विरोध किया है, जो की आगे भी जारी रहेगा । ठेकेदारों ने बीएसपी प्रबंधन से आग्रह करते हुए कहा है कि उपरोक्त बातों को ध्यान में रखते हुए नई व्यवस्था को शिथिल करते हुए पुरानी व्यवस्था जारी रहने दिया जाए जिससे स्थानीय श्रमिकों का पूर्व की भांति गेट पास बन सके और वे पूर्ववत कार्य कर सके।