जांजगीर-चांपा। मछलियां तो आपने कई प्रजातियों की बहुत देखी होगी, लेकिन क्या आपने चार आंखों वाली मछली देखी है? जी हां यह सच है। छत्तीसगढ़ में दुर्लभ प्रजाति की मछली मिली है। जिसकी चार आंखे हैं। यह मछली, जांजगीर-चांपा के एक युवक के हाथ आई है। वह नदी में मछली पकडऩे के लिए गया था। खास बात यह है कि मछली अमेरिका की अमेजन नदी में पाई जाती है। भारत में इसका मिलना अत्यंत दुर्लभ है। विशेषज्ञों के मुताबिक, यह मछली की अंतरराष्ट्रीय बाजार में बहुत कीमती है। फिलहाल युवक ने मछली को अपने घर में ही रखा है। उसे देखने के लिए ग्रामीणों की भीड़ जुट रही है। मामला बिर्रा क्षेत्र का है।
मछली की आंखें सिर से थोड़ी ऊपर, पंख एयरोप्लेन की तरह
दरअसल, स्थानीय निवासी कुणाल केंवट जोखैया डबरी में मछली पकडऩे गया था। इस दौरान उसके जाल में चार आंख वाली मछली फंस गई। ऐसी मछली देखकर कुणाल उसे घर ले आया। उसने एक टब में पानी भरकर मछली को रखा है। मछली की आंखें सिर से थोड़ी अधिक ऊपर हैं। उसके पंख एयरोप्लेन के आकार में हैं। उसकी बनावट और रंग सामान्य मछली से अलग है। देखने में यह मछली सुंदर दिख रही है। फिलहाल यह अनोखी मछली लोगों के आकर्षण का केंद्र बनी हुई है।


तेजी से बढ़ता है इस मछली का कद
चांपा में रहने वाले शासकीय मिनी माता कॉलेज कोरबा के जंतु विज्ञान के सहायक प्राध्यापक प्रो. अश्वनी केशरवानी ने बताया कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में इस मछली की कीमत बहुत ज्यादा है। यह तेजी से बढऩे वाली सरिसृप है। इसका आकार बड़ा होने की वजह से यह मछली पालकों के लिए लाभदायी होती है। आम तौर पर इसकी तीन किस्में वाइल्ड, ब्लू टाइगर और ब्लैक टाइगर पाई जाती हैं। हालांकि उनका कहना है कि भारत में इन मछलियों का मिलना ठीक नहीं हैं। इनका असली घर यहां की नदियां नहीं हैं।

स्थानीय तालाब या नदी में मिलना ठीक नहीं
मत्स्य विभाग के सहायक संचालक एसएस कंवर बताते हैं कि, इस मछली का सामान्य नाम सकर माउथ कैट फिश है। वैज्ञानिक नाम हाईपोस्ट टोमस प्लेसोस टोमस है। यह मछली अमेजन स्मेल एक्जाटिक कैट फिश के नाम से भी जानी जाती है। उन्होंने बताया कि, यह मछली पानी की तलहटी में रहती है और दुर्लभ है। यह मुख्य रूप से अमेरिका की अमेजन नदी में ही पाई जाती है। वह बताते हैं कि, यह खतरनाक है, इसका स्थानीय तालाब या नदी में मिलना अच्छा नहीं है।