रायपुर। राजधानी रायपुर में एटीएम बदलकर खाता खाली करने वाले शातिर गैंग को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। पुलिस ने नोएडा यूपी से तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया। आरोपी ऐसे बुजुर्गों को निशाना बनाते थे जो एटीएम में रुपए निकालने जाते थे। अपनी बातों में फंसाकर एटीएम बदल देते जिसका पता लोगों को तब चलता है जब उनका खाता खाली हो जाता था। राजधानी के अलग अलग थानों में इनके खिलाफ अपराध दर्ज हुए थे।
पुलिस के अनुसार रायपुर के कबीर नगर थाने में हीरापुर के रहने वाले विजय चौधरी ने रिपोर्ट दर्ज कराया कि 30 मार्च को श्रीराम चौक स्थित SBI एटीएम में जाकर पैसे निकाल रहा था। इसी दौरान तीन व्यक्ति एटीएम के अंदर आए और ट्रांजैक्शन कैन्सल नहीं होने की बात कही और ट्रांजैक्शन कैंसल करने के लिये प्रक्रिया बताते हुए एटीएम कार्ड डालकर पर्ची निकालने की बात कही और तीनों ने सन्देह जताते हुए कहा कि कहीं पैसा कट तो नहीं गया है। जिसकी बात सुनकर वह एटीएम कार्ड डाला एवं मशीन में पासवर्ड डालकर पर्ची निकाला। इस प्रक्रीया के दौरान वह तीनों व्यक्ति देख रहे थे। जब वह पर्ची निकाल कर चेक किया तो उसका पैसा नहीं कटा था। इसी बीच उन व्यक्तियों ने उनके एटीएम कार्ड को निकालकर उन्हें दिया। जिसके बाद वह अपने एटीएम कार्ड को लेकर घर चला गया। कुछ समय बाद विजय चौधरी को पता चला कि उसके एटीएम कार्ड को बदल दिया गया है और उनके बैंक खाते से 82 हज़ार रूपये निकाल लिए गये हैं। इस प्रकार तीन अज्ञात व्यक्तियों द्वारा प्रार्थी के साथ धोखधड़ी कर 82 हज़ार रूपये की ठगी कर ली। विजय चौधरी की शिकायत के बाद अज्ञात आरोपियों के विरूद्ध थाना कबीर नगर में 420, 34 के तहत अपराध पंजीबद्ध किया गया। ठीक ऐसी ही शिकायत खमतराई थाने में भी हुई है।

शिकायत के बाद पुलिस ने आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए विशेष टीम बनाई। टीम ने एटीएम के अंदर लगे सीसीटीवी कैमरों के फुटेज देखे और आरोपियों की पहचान कर उनका लोकेशन ट्रेस किया। आरोपियों का लोकेशन दिल्ली एवं नोएडा में मिला। इसके बाद एक टीम को दिल्ली नोएडा के लिए रवाना किया गया। टीम के सदस्यों द्वारा दिल्ली पहुंच कर लगातार कैम्प कर आरोपियों की पतासाजी की जा रही थी। इसी दौरान टीम के सदस्यों को घटना में संलिप्त आरोपी आयुष को नोएडा में लोकेट करने में सफलता मिली। जिस पर टीम के सदस्यों ने नोएडा के पंचशील ग्रीन 2 अपार्टमेंट से आयुष को पकड़ा। प्राप्त साक्ष्यों के आधार पर कड़ाई से पूछताछ करने पर आयुष ने अपने अन्य साथी विपिन कुमार एवं अपने वाहन चालक रजनीश कुमार के साथ मिलकर ठगी की दोनों घटनाओं को अंजाम देने की बात स्वीकार की। जिस पर घटना में संलिप्त आरोपी विपिन कुमार एवं रजनीश कुमार की भी पतासाजी कर पकड़ा गया।

तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर पूछताछ करने पर उनके द्वारा ठगी उक्त घटनाओं को कारित करने के अलावा देशभर के अलग-अलग राज्यों पश्चिम बंगाल, उड़ीसा, राजस्थान, गुजरात, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, महाराष्ट्र, तमिलनाडू, उत्तर प्रदेश एवं हरियाणा सहित अन्य राज्यों में भी घुम-घुम कर इसी तरीका वारदात के आधार पर ठगी की घटनाओं को अंजाम देना बताया गया है। आरोपियों को गिरफ्तार कर उनके कब्जे से अलग-अलग बैंकों के कुल 31 एटीएम कार्ड, नगदी 27 हज़ार रूपये औऱ घटना में प्रयुक्त बेलेनो कार को किया गया।
वारदात को अंजाम देने का यह था तरीका
ठगी की घटनाओं को अंजाम देने के लिये अधिकांशतः ऐसे एटीएम बूथ को चुनते है, जो भीड़-भाड़ वाले स्थान से बाहर हो एवं जिनमें कोई गार्ड ना हो। इसके साथ ही आरोपी ऐसे बुजुर्गो एवं महिलाओं को अपना शिकार बनाते है, जिन्हें अच्छे से एटीएम मशीन से रकम निकालना नहीं आता। आरोपी ऐसे लोगों की मदद करने के बहाने उनका पिन नंबर देख लेते है तथा मौका पाकर अपने शिकार का एटीएम कार्ड को बदलकर अपने पास रखें संबंधित बैंक के एटीएम कार्ड को उन्हें थमा देते है।