भिलाई। ऋग्वेदीय पूर्वाम्नाय गोवर्धन मठ पुरी पीठ पीठाधीश्वर जगदगुरू शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती के सानिध्य में आदित्यवाहिनी रायपुर द्वारा श्री सुदर्शन संस्थान शंकराचार्य आश्रम रवांभाटा रायपुर में 3 दिवसीय धनुर्विद्या आत्मरक्षा प्रशिक्षण शिविर का आयोजन हुआ। जिसमें आदित्यवाहिनी रायपुर, दुर्ग-भिलाई, नागपुर व आसपास क्षेत्रों के वाहिनी कार्यकर्ता व अन्य हिन्दुओं ने प्रशिक्षण प्राप्त किया ।
जहां समय के साथ लुप्त हो रही धनुर्विद्या की कला पुनर्जीवित करने के उद्देश्य से शिविर मे आधुनिक धनुष के स्थान पर विशेषकर वनवासी भाइयों द्वारा पारंपारिक विधि से निर्मित धनुष-बाण का ही प्रयोग किया गया। जिससे धनुष निर्माण की कला को भी प्रोत्साहन मिले व वनवासियों की कला से उन्हें रोजगार मिले। इस शिविर में आशुतोष मिश्र ने धनुर्विद्या का प्रशिक्षण दिया साथ ही साथ मुग्दर व्यायाम व संध्या वंदन का भी प्रशिक्षण दिया गया। आदित्यवाहिनी के सदस्यों द्वारा भविष्य में ऐसे अन्य शिविरों के आयोजन करने की भी योजना है। इस कार्यक्रम में मुख्य रूप से भूमिका अनंदवाहिनी की राष्ट्रीय अध्यक्षा सीमा तिवारी जी, पीठपरिषद से अमरजीत सिंह जी व आदित्यवाहिनी से आयुष शर्मा, अक्षय यदुवंशी, गौरव सोलंकी, नवोदय शुक्ला, अभिषेक पांडे व चेतन सोनी जी की रही ।
पुरी पीठाधीश्वर शंकराचार्य निश्चलानंद सरस्वती हिन्दु हित के अनेकों कार्य करने के पश्चात अब 2021 से हिन्दू राष्ट्र निर्माण का अभियान चला रहे हैं जिसके अंतर्गत वे 81वर्ष की आयु में भी साल में 250 दिनों से अधिक पूरे भारत में राष्ट्रोत्कर्ष यात्रा कर हिन्दू जागरण का कार्य सम्पादित कर रहे हैं। उनका कहना है की प्रथम चरण 2025 में भारत,नेपाल व भूटान हिन्दू राष्ट्र बनेंगे आमूलचूल परिवर्तन होगा ,पूरे विश्व में शासन तंत्र बिलकुल पलट जाएगा जिसमे मुख्य भूमिका प्रकृति व पितृ एवम नागलोक में बैठे भगवतभक्तों की होगी। साथ में सावधान भी किया की देश दुनिया में भीषण प्राकृतिक आपदा व अस्थिरता आने को है, वे ही इसका सामना कर सकेंगे जिनके जीवन में भक्ति व भजन का बल होगा। पुरी पीठाधीश्वर शंकराचार्य निश्चलानंद सरस्वती कहते हैं की राष्ट्र व धर्म की रक्षा के लिए फौलादी व्यक्ति की अवश्यकता होती है।