जयपुर Jaipur. राजस्थान के पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने अपनी ही सरकार के खिलाफ अनशन शुरू कर दी है। पायलट ने मंगलवार को जयपुर के शहीद स्मारक में अपना एक दिन का अनशन शुरू कर दिया। सचिन पायलट तत्कालीन सीएम वसुंधरा राजे के शासन में हुए घोटालों की जांच की मांग कर रहे हैं और इसके लिए वर्तमान सीएम अशोक गहलोत सरकार के खिलाफ अनशन पर बैठे हैं।
सचिन पायलट वसुंधरा राजे सिंधिया के सीएम रहते हुए घोटालों की जांच का मुद्दा उठा रहे हैं। एक दिन पहले पायलट ने वसुंधरा राजे पर करप्शन और कुशासन का आरोप लगाते हुए गहलोत के पुराने वीडियो चलाकर पूछा है कि इन मामलों की जांच क्यों नहीं की गई। उन्होंने कहा, कांग्रेस के पास पूर्व की बीजेपी सरकार के खिलाफ सबूत थे, लेकिन उस पर कार्रवाई नहीं की। सचिन पायलट का कहना है कि इस संबंध में उन्होंने सीएम अशोक गहलोत से कई बार मांग की लेकिन उन्होंने इस पर कार्रवाई नहीं की। इसलिए उन्होंने एक दिन के अनशन का निर्णय लिया है।

पार्टी की चेतावनी के बावजूद अनशन पर बैठे पायलट
सचिन पायलट आज के अनशन की घोषणा पहले ही कर दी थी। इसे लेकर सचिन पायलट को कांग्रेस ने अनशन न करने की चेतावनी दी थी। कांग्रेस की ओर से सोमवार को कहा गया था कि इस तरह की कोई भी गतिविधि पार्टी विरोधी गतिविधि मानी जाएगी। इसके बावजूद पायलट अनशन पर बैठ गए हैं।

इस मामले में राजस्थान कांग्रेस के प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा ने कहा कि कांग्रेस भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ रही है। पायलट को पहले हमसे बात करनी चाहिए थी। इस पर हम सीएम गहलोत से बात करते और उसके बाद भी अगर एक्शन नहीं लिया जाता, तब उनको अनशन करने का हक था। पायलट ने पार्टी में मुद्दे रखने के बजाय सीधे अनशन का रास्ता चुना, जो कि सही नहीं है।