बीजापुर (एजेंसी)। बीजापुर में उसूर जनपद के अंतर्गत आने वाले ग्राम पंचायत हीरापुर में मजदूर अब दूसरे राज्यों को पलायन करने के लिए मजबूर हो रहे हैं। बताया जा रहा है कि पिछले छह माह से इन मजदूरों को मनरेगा के तहत भुगतान नहीं किया गया है। मजदूर लगातार भुगतान की मांग कर रहे हैं। इसके बावजूद उनकी सुनवाई नहीं हुई।
ग्राम पंचायत हीरापुर के सचिव राजेश अंगनपल्ली ने बताया कि छह महीने पहले यहां मनरेगा के तहत डबरी निर्माण व नाला बंधान का काम करवाया गया था। इस काम में 50 से 60 मजदूरों ने मजदूरी की थी। जिनका करीब चार लाख रुपये भुगतान अब तक लंबित हैं। सचिव का कहना है कि मजदूरी भुगतान की राशि आगे से ही नहीं भेजी जा रही हैं। जिसके चलते भुगतान अटका हुआ हैं। मार्च में भुगतान होने की संभावना थी, लेकिन अब तक कुछ नहीं हुआ।
डेढ़ हजार मजदूरों का लाखों बकाया
मनरेगा के सहायक परियोजना अधिकारी मनीष सोनवानी ने बताया कि जिले के 46 ग्राम पंचायतों के डेढ़ हजार मजदूरों का 31 लाख 28 हजार रुपये का मजदूरी भुगतान 18 मार्च से लंबित हैं। जिन पंचायतों में छह महीने या उससे ज्यादा समय से भुगतान नहीं होने की बात जो सामने आ रही है। कभी ऐसा भी होता है कि पंचायतों में मजदूरों ने काम कर लिया, लेकिन उनका मस्टरोल ही नहीं निकला या मस्टरोल ही नहीं बनवाए गए होंगे। ये जांच का विषय है और यह जांच के बाद साफ हो पायेगा।