सरगुजा। सरगुजा में प्रस्तावित एल्युमिनियम प्लांट का विरोध थमने का नाम नहीं ले रहा है। ग्राम चिरंगा में प्रस्तावित प्लांट के लिए आबंटित भूमि का सीमांकन करने पहुंचे अफसरों को शनिवार को तीर-धनुष लिए ग्रामीणों ने घेर लिया। सैकड़ों की संख्या में ग्रामीणों की भीड़ सामने देख अफसरों को होश उड़ गए। सूचना मिलते ही पुलिस फोर्स सहित कलेक्टर, एसपी और अन्य प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंच गए। विरोध कर रहे लोगों को अफसरों ने समझाने का प्रयास किया, लेकिन वह मानने के लिए तैयार नहीं हुए। इसके चलते प्रशासनिक अमले को वापस लौटना पड़ा।

सरगुजा जिले के चिरगा, माजा, करदना, डरगवा, कालीपुर और लैगू पंचायत क्षेत्र में एल्युमीनियम प्लांट खोलने की तैयारी चल रही है। 3600 करोड़ के इस प्लांट को शुरू करने के लिए अधिकारी जुटे हुए हैं। प्लांट लगने की भनक लगने के बाद से ही आसपास के ग्रामीण इसका विरोध करते चले आ रहे हैं। कुछ समय पहले जहां 200 से अधिक ग्रामीणों ने कलेक्टर से मुलाकात कर प्लांट नहीं खोलने की मांग की थी। वहीं गुरुवार को तय कार्यक्रम के तहत चिरगा, माजा, कालीपुर और डरगवा के 2 हजार से अधिक ग्रामीण रैली निकालते हुए तहसील कार्यालय पहुंचे। चिरगा मोड से शुरू हुई रैली में शामिल ग्रामीण तीन किमी पैदल चलकर शांतिपारा पहुंचे। इस दौरान ग्रामीण प्लांट बंद करने तख्तियां लेकर चल रहे थे।

3600 करोड़ का प्रोजेक्ट, बतौली के पास 270 करोड़ का
कंपनी ने क्षेत्र में 3600 करोड़ रुपए खर्च करने का प्रोजेक्ट बनाया है। इसमें 1254 करोड़ रुपए में एल्युमीना बनाने का प्रोजेक्ट और करीब 2400 करोड़ में पावर प्रोजेक्ट लगेगा। वहीं बतौली से 5 किमी दूर सिलसिला में 270 करोड़ का कंपनी का प्रोजेक्ट एक साल पहले ही शुरू हुआ है, जहां से एल्युमीनियम का उत्पादन शुरू हो गया है, लेकिन यहां भी लगातार ग्रामीण विरोध कर रहे हैं। प्लांट लगाने से पहले यहां कड़ी मशक्कत करनी पड़ी। लंबे समय तक यहां बिजली भी नहीं पहुंच पाई थी, क्योंकि खंभे लगाने पर ग्रामीण उन्हें उखाड़कर फेंक दे रहे थे।

ग्रामीणों के विरोध के चलते रोका गया सीमांकन
कलेक्टर और एसपी ने चर्चा कर मामला सुलझाने की कोशिश की, लेकिन आक्रोशित ग्रामीण नहीं मानें। उन्होंने स्पष्ट कह दिया कि किसी भी हाल में एल्युमिनियम प्लांट नहीं खोलने देंगे। ग्रामीणों के आक्रोश और उग्र होने की आशंका को देखते हुए कलेक्टर ने सीमांकन को रोकने का निर्देश दिया। इसके बाद ग्रामीणों से उनका विरोध लिखित में लिया गया है। प्रशासनिक व पुलिस का अमला लौट गया, लेकिन सैकड़ों की संख्या में ग्रामीण चिरंगा पहाड़ में डटे हुए हैं। सीमांकन एवं एल्युमिनियम प्लांट का भूमिपूजन की आशंका को देखते हुए ग्रामीणों का दल लगातार मौके की निगरानी कर रहा है।
दो वर्ष से अधिक समय से विरोध
मां कुदरगढ़ी एल्युमिनियम प्लांट के लिए चिरंगा में 850 एकड़ जमीन का आबंटन किया गया है। प्लांट का ग्रामीण लंबे समय से विरोध कर रहे हैं। पर्यावरण की जनसुनवाई के दौरान ग्रामीणों ने अधिकारियों को बंधक बना लिया था। प्लांट के विरोध में ग्रामीण लगातार प्रदर्शन करते हुए एनएच में चक्काजाम सहित पैदल मार्च भी निकाल चुके हैं। माजा, चिरगा, करदना, लैगू व कालीपुर के ग्रामीण प्लांट के विरोध में हैं। प्लांट खोलने के लिए दूसरे गांव के लोगों को लाकर ्समर्थन दिखाने की कोशिश भी पूर्व में कई बार की जा चुकी है, लेकिन ये प्रयास धरातल पर निरर्थक साबित हो रहे हैं।




