अमूमन लोग गुलाब की पंखुडिय़ों का इस्तेमाल करके इसके डंठल को फेंक देते हैं, लेकिन यह फूल का एक गुणकारी हिस्सा है। गुलाब का डंठल एंटीऑक्सीडेंट, विटामिन- सी, फिनोल, लाइकोपीन और एलेगिक एसिड से भरपूर होता है। अगर आप इसे किसी भी तरह से अपनी डाइट का हिस्सा बनाते हैं तो यह कई तरह के स्वास्थ्य लाभ प्रदान कर सकता है। आइए आज गुलाब के डंठल के पांच प्रमुख फायदे जानते हैं।
कैंसर से सुरक्षित रखने में है सहायक
विभिन्न अध्ययनों के अनुसार, गुलाब के डंठल का अर्क स्तन कैंसर की कोशिकाओं के विकास पर रोक लगा सकता है। डंठल से निकालने की उच्चतम सांद्रता स्तन कैंसर कोशिकाओं के विकास को 45 प्रतिशत तक कम कर देती है। इसके अतिरिक्त, यह मस्तिष्क कैंसर को रोकने में भी सहायक है। एक अन्य अध्ययन के मुताबिक, गुलाब के डंठल में मौजूद फाइटोकेमिकल्स मानव शरीर को कई अन्य कैंसर से बचाने में भी सहायक है।
हृदय को स्वस्थ रखने में मददगार
कई विटामिन्स, फाइटोकेमिकल्स और खनिजों से भरपूर गुलाब के डंठल का सेवन हृदय स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद माना जाता है। इसमें मौजूद एंथोसायनिन हृदय रोग से सुरक्षित रखने में मदद कर सकता है। इसी तरह इसमें मौजूद कम घनत्व वाले लिपोप्रोटीन कोलेस्ट्रॉल की ऑक्सीकरण प्रक्रिया को भी 50 प्रतिशत तक कम कर सकते हैं। एक अध्ययन के अनुसार, एंथोसायनिन अच्छे कोलेस्ट्रॉल के स्तर को बढ़ाने और खराब कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में भी मदद कर सकता है।
अर्थराइटिस का जोखिम कर सकता है कम
एक अध्ययन के मुताबिक, गुलाब के डंठल के पाउडर ने लगभग 300 ऑस्टियोआर्थराइटिस रोगियों के कूल्हों, जोड़ों और घुटनों में लगभग एक तिहाई दर्द कम किया। इसका कारण है कि इसमें फैटी एसिड जीओपीओ होता है, जो एंटी-अर्थराइटिस गुण की तरह काम अर्थराइटिस के जोखिम कम करने में मदद कर सकता है। अगर आपको रूमेटाइड अर्थराइटिस है तो भी यह आपके लिए सुरक्षित और फायदेमंद है।
पाचन क्रिया को मजबूत बनाने में प्रभावी
गुलाब का डंठल पाचन क्रिया को मजबूत बनाने में भी सहायक है। कई अध्ययनों के मुताबिक, यह पाचन क्रिया से जुड़ी समस्याओं जैसे, गैस, सूजन, कब्ज और अपच आदि का इलाज करने में मदद कर सकता है। इसके अलावा यह मतली और पेट की ऐंठन से भी राहत प्रदान कर सकता है। इसमें मौजूद एंटी-बैक्टीरियल, एंटी-फंगल और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण पेट के अल्सर के इलाज में भी मददगार हैं।
मधुमेह को नियंत्रित करने में है कारगर
गुलाब के डंठल में मौजूद एंटी-डायबिटीक गुण इसे मधुमेह रोगियों को अपनी डाइट में शामिल करने के लिए उपयुक्त बनाता है। इसमें सैपोनिन, टैनिन, फ्लेवोनोइड्स और अल्कलॉइड समेत फाइटोकेमिकल्स की अधिक मात्रा होती है, जो ब्लड शुगर को कम करके मधुमेह को नियंत्रित रखने में मदद कर सकते हैं। इसके अतिरिक्त यह टाइप 2 मधुमेह का जोखिम कम करने में भी सहायक है। ऐसे में इसका इस्तेमाल आपको कई बीमारियों से दूर रख सकता है।