भिलाई। 14 वां आदिवासी युवा विनिमय कार्यक्रम के तहत सोमवार को कांकेर के अति दुर्गम व पिछड़े नक्सल प्रभावित क्षेत्रों से युवक एवं युवतियों के आठवें जत्थे को मुम्बई के लिए रवाना किया गया। दुर्ग रेलवे स्टेशन पर जब इन बच्चों को रवाना किया गया तो इनके चेहरों पर खुशी साफ देखी जा सकती थी। इस जत्थे में 20 युवक-युवतियों सहित सीमा सुरक्षा बल के पुरुष व महिला सुरक्षा अधिकारी शामिल है। यह जत्था मुम्बई में विभिन्न राज्यों के अन्य आदिवासी युवाओं से मिलकर अन्य राज्यों की संस्कृति से रूबरू होगा।
इस कार्यक्रम के अंतर्गत आदिवासी युवक एवं युवतियों को उनके उज्ज्वल भविष्य तथा अधिकार के बारे में उचित व उपयुक्त जानकारी प्रदान की जायेगी, साथ ही साथ अन्य राज्यों से भाग लेने वाले युवक-युवतियों के बीच मेल-मिलाप भी बढ़ेगा, जिससे वे एक-दूसरे की खान-पान, रहन-सहन, सांस्कृतिक गतिविधियों एवं वेशभूषा से रूबरू होंगे। इस कार्यक्रम में सभी राज्यों के स्थानीय लोक कार्यक्रम की प्रस्तुति दी जायेगी साथ ही मुम्बई (महाराष्ट्र) के प्रसिद्ध, दर्शनीय एवं सांस्कृतिक महत्व के स्थलों का भ्रमण कराया जाएगा।
नेहरू युवा केन्द्र संगठन नई दिल्ली (युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय, भारत सरकार) एवं गृह मंत्रालय के संयुक्त तत्वाधान मे 14 वां आदिवासी युवा विनिमय कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है, इस कार्यक्रम में कांकेर जिले में तैनात सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के इलाके से इस वर्ष कुल 14 भ्रमण कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे है। इस कार्यक्रम के आठवें जत्थे को मुम्बई रवाना करते हुए अरविंदर सिंह, उपमहानिरीक्षक, कार्यवाहक महानिरीक्षक, सीमा सुरक्षा बल सीमांत मुख्यालय (विशेष संक्रिया) छत्तीसगढ एवं दिनेश मुर्मू उपमहानिरीक्षक (इंटेलीजेंस) ने शुभकामनाएं दी।