दुर्ग। स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) अंतर्गत ग्राम पंचायतों के ओ.डी.एफ. घोषणा पश्चात् भारत सरकार द्वारा समस्त गांव को ओ.डी.एफ. प्लस बनाने हेतु फेस-02 अंतर्गत ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन के कार्यों को मार्गदर्शिका में जोड़ा गया है। नयी मार्गदर्शिका के अनुसार फेस-02 में गीले एवं सूखे कचरे का उचित निपटान घरेलू एवं सामुदायिक स्तर पर ग्राम पंचायत द्वारा किया जावेगा। सूखे कचरे के लिये जहां ग्राम पंचायतों में सेग्रीगेशन वर्कशेड का निर्माण कर ग्राम में रिक्शा के माध्यम से घर-घर कचरा एकत्रीकरण का कार्य प्रारंभ कर दिया गया है, वहीं घर से निकलने वाले अपशिष्ट जल के उचित निपटान हेतु सोख्ता गड्ढा एवं त्री-स्तरीय जल शुद्धिकरण इकाई का निर्माण किया जा रहा है। जिसके माध्यम से दूषित जल का शुद्धिकरण कर भूमिगत अथवा तालाब को रिचार्ज किया जायेगा।
इस क्रय में विकासखंड दुर्ग में 06 ग्राम पंचायतों, धमधा में 11 एवं पाटन में 14 ग्राम पंचायतों में निर्माण कार्य प्रारंभ कर दिया गया है। सभी 385 गांव में सभी हैण्डपम्प के साथ सोख्ता गड्ढा निर्माण कर दिया गया है एवं सामुदायिक स्थानों पर जमा हो रहे गंदे जल हेतु सोख्ता गड्ढे का निर्माण किया जा रहा है। स्वच्छ सर्वेक्षण 2023 अंतर्गत नवीन मार्गदर्शिका अनुसार भारत सरकार द्वारा सर्वेक्षण किया जावेगा।
पुष्पेन्द्र मीणा, कलेक्टर दुर्ग द्वारा मॉडल ग्राम पंचायतों में ओ.डी.एफ. प्लस के सभी मापदण्डों को स्थायी रूप से बनाए रखने के साथ-साथ ग्राम की स्वच्छता व सौदर्यीकरण किये जाने पर विशेष जोर दिया जा रहा है। प्रति सप्ताह समय-सीमा बैठक में मॉडल ग्राम पंचायतों की कार्य प्रगति की समीक्षा की जा रही है। मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत दुर्ग, धमधा एवं पाटन को व्यक्तिगत रूचि लेते हुए आदर्श ग्राम बनाने हेतु जिम्मेदारी सौपी गई है। इसी क्रम में मॉडल ग्राम पंचायतों में ग्राम सभा लेकर ग्रामीणों को जागरूक एवं प्रचार-प्रसार किये जाने का कार्य अभियान का रूप ले चुका है। प्रतिदिन जिला एवं जनपद पंचायत के अधिकारी, कर्मचारियों द्वारा ग्राम पंचायतों का भ्रमण कर ग्राम बैठकों का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें गांव में स्वच्छता संबंधित कमियों की पहचान कर सुधार करने का कार्य प्रारंभ किया जा रहा है।
अश्वनी देवांगन, मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत दुर्ग द्वारा प्रतिदिन मॉडल ग्राम पंचायतों में निरंतर बैठक का आयोजन किये जाने के निर्देश दिये गये है, जिसके परिपालन में ग्राम पंचायत कोडिय़ा, जनपद पंचायत दुर्ग में सार्वजनिक स्थल, बाजार चैक, मोहल्ले मे सम्पूर्ण स्वछता व्यवस्था हेतू ग्राम के सरपंच, सचिव, स्व-सहायता समूह व ग्राम के लोगां से सम्पर्क कर ग्राम मे सम्पूर्ण स्वछता हेतू बैठक का आयोजन किया गया। जिसमें प्रमुख रूप से उस स्थल को चिन्हकित किया गया जहाँ कूड़े का ढेर रहता है। ग्राम के ऐसे स्थल जहाँ पानी का जमाव रहता है, ऐसे स्थानों पर सोख्ता गड्ढा की व्यवस्था बनाना है। उस स्थल के आस पास के लोगो से सम्पर्क कर ग्रामीणां से सुझाव लिया जा रहा है एवं स्वच्छता बनाए रखने हेतु जागरूक किया जा रहा है।
ग्राम कोडिय़ा मे कार्यरत नेहरू यूवा केन्द्र के सदस्यों को ऐसे स्थल को चिन्हकित कर जानकारी एकत्रित करने के लिये प्रेरित किया गया। वर्तमान स्थिति में ग्राम कोडिय़ा के सार्वजनिक स्थलों में सोख्ता गड्ढा निर्मित है, कुछ स्थान पर जीर्णोद्धार कि आवश्यकता है। ग्राम मे घर -घर नल जल कनेक्शन कार्य प्रारंभ करने के साथ-साथ नल जल कनेक्शन उपरान्त सोख्ता गड्ढा निर्माण की योजना तैयार की जा रही है। सरपंच, सचिव को सुझाव दिया गया कि जिस हितग्राही के घर नल जल कनेक्शन लगेगा वे स्वयं सोख्ता गड्ढा निर्माण करेंगे या किचन गार्डन में कनेक्ट करेंगे इसी शर्त मे उन्हें नल जल कि सुविधा प्रदान करने का प्रस्ताव रखा गया है। ऐसे हितग्राही जिनके पास सोख्ता गड्ढा बनाने के लिए जगह नही है उन्हें पाइप लाइन कनेक्ट कर सार्वजनिक स्तर पर सोख्ता निर्माण कर निपटान किया जावेगा। स्वछता व्यवस्था के सुचारु संचालन हेतु ग्राम में स्वच्छता शुल्क लगाये जाने के लिये ग्राम पंचायत द्वारा प्रस्ताव रखा गया है। इसी प्रकार ग्राम पंचायत पूरई में उपसरपंच, सचिव , महिला समूह, ग्राम के नागरिको को सम्पूर्ण स्वछता पर पहल करने हेतु ऐसे स्थल का चयन करना जहाँ आमतौर पर सफाई नही रहती है एवं पानी के जमाव वाले स्थल पर सोख्ता गड्ढा निर्माण हेतू प्रस्ताव प्रेषित करने कि जानकारी दी गई है।