राजिम। माघी पुन्नी मेला में मुख्य महोत्सव मंच पर प्रस्तुति देने के बाद मीडिया सेंटर पहुंची छत्तीसगढ़ के प्रसिध्द लोक गायिका चम्पा निषाद ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ की लोक संस्कृति को आगे ले जाना चाहती हूं। भाषा के अनेक लोक भाषाएं है उस पर भी मुझे काम करना है। जिस तरह से भोजपुरी फिल्म पूरे देश में देखी व समझी जाती है उसी तरह से छत्तीसगढ़ी लोककला संस्कृति की पूरी दुनिया में पहचान हो। आई लव यू फिल्म के गीत छम-छम बोले पांव के पैरी.. गीत ने मुझे प्रसिद्धि दिलाई। इसे उत्तम तिवारी ने लिखा है तथा धुन भी उसी ने तैयार किया। इन्हें गाने में खूब मेहनत की और देखते ही देखते मेरी आवाज हर जवां दिलों की धड़कन बन गयी। निश्चित ही इससे मेरी तकदीर बदल गयी। जिसे मै माता पिता का आशीर्वाद एवं ईश्वर की कृपा मानती हुं।
उन्होंने बताया कि मरदा गांव में जन्म हुआ। 8 साल की उम्र में रामायण कार्यक्रम में भजन प्रस्तुत करती थी। मेरे पिता रामायणी तथा कृषि कार्य करते थे। घर की आर्थिक स्थिति कमजोर होने से मात्र 12वीं तक ही पढ़ पायी थी। बाद में लोक संगीत में एम.ए. किया। पुन्नी के चंदा लोककला मंच से जुड़ी उसके बाद लगातार दर्शकों के बीच गीत गाती रहीं। उनका प्यार एवं दुलार ने मुझे आगे बढऩे का मार्ग प्रशस्त किया।
चम्पा निषाद ने बताया कि छत्तीसगढ़ के अलावा राजस्थान, मध्यप्रदेश में 1500 से भी अधिक मंच साझा कर चुकी हूं। वह बताती है कि टीम में 40 सदस्य हैं सभी खूब मेहनत करते हैं। अभ्यास लोककला की जान हैं। लगातार कार्यक्रम चलने पर रियाज के लिए समय नहीं मिलता। हम दर्शकों की मुड देखकर उनके ही शैली में प्रस्तुत होते है। चम्पा निषाद ने आगे बताया कि हमारे घर में कुछ बड़े सिंगर का आना जाना था, जिनका सानिध्य मुझे मिला। मै हर तरह के गाने पसंद करती हूं। सभी गायको को ध्यान से सुनती भी हूं। छालीवुड में फिल्म ले चल नदियां के पार, वन टू, आई लव यू, खलिहान, मिस्टर मजनू, साथी, लव लेटर में आवाज देने का अवसर मिला। बालीवुड में अवसर मिला तो सौभाग्यशाली समझूंगी। उन्होंने नए कलाकारों से खूब मेहनत करने तथा छत्तीसगढ़ी लोककला संस्कृति के अनुरूप ही मंच पर प्रस्तुति देने की बात कहीं। प्रदेश सरकार द्वारा आयोजित माघी पुन्नी मेला मंच से वह अत्यंत प्रभावित थी। इस मौके पर प्रसिध्द लोक गायिका निर्मला ठाकुर, सुरभी यादव, गायक खेम यादव, मंच संचालक मनोज सेन प्रमुख रूप से उपस्थित थे।