रायपुर। छत्तीसगढ़ में आरक्षण विवाद अब सड़क तक पहुंच गया है। राज्यपाल अनुसुइया उइके द्वारा विधेयक पर हस्ताक्षर नहीं करने को लेकर प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने मंगलवार को जन अधिकार महारैली का आयोजन किया। प्रदेश भर के कांग्रेस नेता व कार्यकर्ता इस महारैली में शामिल हुए। महारैली के दौरान मुख्यमंत्री भूपेश बघेल राज्यपाल के रवैय्ये पर जमकर बरसे। उन्होंने कहा कि भाजपा ने राजभवन को राजनीति का अखाड़ा बना दिया है।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि 2 दिसंबर को विधानसभा में हमारे विधायकों ने सर्वसम्मति से आरक्षण विधेयक पास किया। छत्तीसगढ़ में जनसंख्या के आधार पर आरक्षण देने का फैसला लिया गया तो राज्यपाल ने अड़ंगा लगा दिया। यह नियम बना है कि विधेयक पर राज्यपाल या तो हस्ताक्षर करे या बिल वापस कर दे। या फिर अनंतकाल तक अपने पास रखे। कुछ भी करें लेकिन सरकार को बताए कि वे क्या चाहती हैं।
महारैली के दौरान मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने यह कहा कि जनअधिकार महारैली आरक्षण के लिए है। इस मौके पर सीएम बघेल ने बढ़ेंगे और लड़ेंगे का नारा बुलंद किया। सीएम भूपेश बघेल ने भारतीय जनता पार्टी पर सीधा आरोप लगाया कि यह लोग आरक्षण होने नहीं देना चाह रहे हैं। भाजपा के विधायक व नेता छत्तीसगढ़ में आरक्षण के खिलाफ हैं और वे नहीं चाहते कि छत्तीसगढ़ में लोगों को आरक्षण मिले। मुख्यमंत्री ने कहा साल और महीना बदल गया लेकिन राज्यपाल हस्ताक्षर नहीं हुआ है। आदिवासी आरक्षण के खिलाफ भाजपा काम कर रही है।





