नारायणपुर. नक्सल प्रभावित आदिवासी जिले नारायणपुर जिले में मंतातरण को लेकर पिछले दो दिनों से जमकर बवाल मचा हुआ है। यहां सैकड़ों ग्रामीण अपना गांव छोड़कर कलेक्टर ऑफिस के सामने सड़क पर धरने पर बैठ गए हैं। प्रलोभन देकर गांवों में जारी मंतातरण पर कड़ी कार्रवाई की मांग करते हुए आदिवासियों ने सोमवार को प्रदर्शन किया। आदिवासी समाज का आरोप है कि मतांतरण के लिए सोची समझी साजिश के तहत एक समुदाय विशेष द्वारा भोले-भाले गरीब लोगों को प्रलोभन के जाल में फंसाकर अभियान चलाया जा रहा है। मतांतरण आदिवासी संस्कृति को प्रभावित कर रही है।
गांवों से शुरू हुआ विवाद
नारायणपुर जिले के बेनूर क्षेत्र के आधा दर्जन गांवों में सर्व आदिवासी समाज और मतांतरित ग्रामीणों के बीच विवाद लंबे समय से चल रहा है। सर्व आदिवासी समाज के लोगों का आरोप है कि प्रलोभन देकर मतांतरण कराने का काम चल रहा है। आदिवासी समाज में परगना की व्यवस्था है। बेनूर परगना के अंतर्गत बेनूर, भाटपाल, चिंगनार, गोहड़ा, बोरपाल आदि आधा दर्जन गांवों में पिछले कुछ दिनों से मतांतरण को लेकर दो समुदायों के बीच तनाव की स्थिति बनी हुई है।
धरने पर डटे
रविवार को मतांतरण को लेकर विवाद दोनों समुदायों के बीच नोंक झोंक भी हुई। दोनों पक्षों द्वारा एक-दूसरे पर मारपीट का भी आरोप लगाया गया। रात करीब नौ बजे इन गांवों के मतांतरण करने वाले परिवारों के तीन सौ से अधिक लोग नारायणपुर पहुंचे और कलेक्ट्रेट के बाहर धरने पर बैठ गए। जिला और पुलिस प्रशासन की समझाइश के बाद भी विवाद का कोई समाधान नहीं निकला है। सोमवार को भी ये लोग धरने पर डटे हुए हैं।