भिलाई। श्रीराम चौक खुर्सीपार स्थित दशहरा मैदान में आयोजित श्री राम कथा में भी पठान की इंट्री हो गई है। राष्ट्रसंत चिन्मयानंद बापू ने मंच से पठान फिल्म की खुलकर निंदा की और भक्तों से अपील किया कि वे ऐसी फिल्म न देखें जिसमें हमारे धर्म, हमारे भगवा रंग का अपमान किया गया हो। यही नहीं उन्होंने एक्टर शाहरुख खान को लेकर कहा कि सबसे बड़ा बेशर्म एक्टर है जो कमाता भारत में है और चैरिटी पाकिस्तान के लिए करता है।
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चिन्मयानंद बापू ने कहा कि दो टके का एक्टर हमारे पवित्र भगवा रंग को गाली दे रहा है। भगवा रंग को बेशर्म बताने वाला फिल्मकार ही बेशर्म है। बापू ने आगे कहा कि ऐसे नीच लोगों की फिल्में देखना ही नहीं चाहिए। उन्होंने मंच से लोगों से अपील करते हुए कहा कि आप अपने बच्चों को हमारे धर्म का ज्ञान दे और बॉलीवुड के ऐसे बेशर्म लोगों की फिल्में देखने से मना करें। उन्होंने कहा कि शाहरुख खान ऐसे बेशर्म एक्टर हैं जिन्हें भारत के लोगों ने सम्मान दिया उन्हीं का अपमान किया।
श्रीराम कथा का किया गुणगान
इससे पहने चिन्मयानंद बापू ने बड़ी ही सुंदर तरीके से प्रभु राम के बाल्यकाल की घटनाओं का वृतांत सुनाया। उन्हों प्रभु राम जन्म के बाद उनकी बाल्यवस्था व उनके गुरु आश्रम में जाने की कथा बताई। इस बीच प्रभु राम व भगवान शंकर के मिलन का एक भावपूर्ण प्रसंग भी सुनाया। बापू ने बताया एक बार भगवान शंकर को प्रभु राम से मिलने की इच्छा हुई तो वे सीधे अयोध्या पहुंच गए और सरयु नदी के किनारे बैठकर सोचने लगे। मन की मन वे प्रभु राम से बात कर रहे थे। भगवान शंकर ने कहा कि प्रभु आप की कोई रास्ता निकाले।
अचानक रोने लगे राम
बापू चिन्मयानंद ने कथा आगे बढ़ाते हुए बताया कि प्रभु राम ने भगवान शंकर के मन की स्थिति को जाना और कहने लगे हे भोलेबाबा मैं तो बाल्यावस्था में हूं मैं कैसे कोई रास्ता निकाल सकता हूं। परंतु भगवान शंकर मानने को तैयार ही नहीं थे। इसके बाद प्रभु राम घर पर जोर जोर से रोने लगे। किसी को कुछ समझ नहीं आया। वैद्य आए लेकिन कोई भी प्रभु राम को शांत नहीं करा पाए। इसके बाद दासी ने माता कौशल्या को बताया कि हमारे राज्य में बड़े –बड़े संत आए हैं। फिर दासी सरयु नदी के किनारे पहुची और साधू के भेष में बैठे भोलेनाथ को लेकर महल आई। कौशल्या माता ने पूछा कि आप राम को चुप करा देंगे। भोलेनाथ बोले हमने अच्छे-अच्छों की नजर उतारी है। इसके माता कौशल्या प्रभु राम को गोद में उठाए चली आई। प्रभु राम ने जैसे ही भालेबाबा को देखा तो तुंरत रोना छोड़ कर हंसने लगे। इस प्रकार प्रभु राम ने भगवान शंकर की इच्छा पूरी की।
लोगों की करूण पुकार पर अवतरित हुए भगवान राम
रामकथा के चौथे दिन कथावाचक चिन्मयानंद बापू ने श्रद्धालुओं को कथा का रसास्वादन कराते हुए प्रभु श्रीराम के जन्म के प्रसंग को आगे बढ़ाया। उन्होंने बताया कि जब धरती पर अत्याचार, दुराचार भ्रष्टाचार बढ़ गया तो धरती माता ने देवों से गुहार करते हुए कहा कि इससे अधिक अत्याचार बर्दाश्त नहीं कर सकती। इस पर पृथ्वी माता ने गौ (सुरभि)का रूप धारण किया और समस्त देवता एकत्रित होकर भगवान श्री नारायण की शरण में गए। इसके बाद वे राक्षसों के संहार, भूमि का भार हरण तथा भक्तों के उद्धार की प्रार्थना करते हैं। इससे भगवान श्री हरि उनकी प्रार्थना सुनकर राम का अवतार लेकर पृथ्वी पर अवतरित होते हैं। प्रभु श्रीराम के जन्मोत्सव का प्रसंग आते ही कथास्थल पर उपस्थित श्रद्धालु भाव-विभोर होकर झूमने लगे और पूरा परिसर भक्तिमय हो चला।
बच्चों को दें अच्छे संस्कार
मंच से चिन्मयानंद बापू कहा कि अपने बच्चों को अच्चे संस्कार दे ताकि वे सही मार्ग पर चले। आज कल लोग अपने पुराने संस्कार भूल गए हैं। पुरुषों के कंधो पर यग्नोपवित होना चाहिए। बच्चों को उपनयन संस्कार कराएं तो वे कभी राह नहीं भटकेंगे। हमारे बेटे व बेटियों को संस्कार देंगे तो न बेटा बुरे मार्ग पर चलेगा और न बेटी के 35 टु़कड़े होंगे। इस दौरान बापू ने दिल्ली की श्रद्धा हंत्याकांड का जिक्र किया और कहा कि हमारी बेटी को एक जल्लाद ने प्रेम के बदले मौत दे दी। जल्लाद ने उसकी इज्जत ली और उसके 35 टुकड़े किए। इस घटना ने पूरे देश को झकझोर दिया। बापू ने कहा इसलिए आप अपने बच्चों को ऐसे संस्कार दें ताकि ऐसे जल्लादों के झांसे में न आएं।
श्रीराम कथा के चौथे दिन आज अतिथि के रूप में पाटेश्वर धाम के संत श्री श्री 1008 बाबा रामबालक दास जी महात्यागी, प्रदेश के पूर्व विधानसभा अध्यक्ष प्रेमप्रकाश पाण्डेय, पूर्व मंत्री व कुरूद विधायक अजय चंद्राकर, वरिष्ठ भाजपा नेता भूपेंद्र सवन्नी, दुर्ग जिला भाजपा अध्यक्ष जितेंद्र वर्मा एवं भाजपा नेता सत्यनारायण अग्रवाल शामिल हुए। इससे पहले सुबह कथा स्थल पर बने यज्ञ कुठिया में प्रतिदिन की तरह श्री लक्ष्मीनारायण महायज्ञ हुआ। श्रीराम कथा के साथ यहां प्रतिदिन धार्मिक रिति के अनुसार महायज्ञ हो रहा है। महायज्ञ के बाद दोपहर को कथा वाचक चिन्मयानंद बापू द्वारा श्रीराम कथा का वाचन किया जा रहा है।