दुर्ग। जिले में ग्रामीण क्षेत्रों में सोलर क्रांति हुई है और चार सालों में पहली बार इतने बड़े पैमाने पर नवीनीकरण ऊर्जा का उपयोग हो रहा है। सोलर योजनाएं न केवल पेयजल और सिंचाई के लिए उपयोगी साबित हो रही है अपितु ग्रामीण क्षेत्रों को रौशन करने की दिशा में भी उपयोगी साबित हुई हैं। क्रेडा विभाग के अधिकारी टी आर ध्रुव ने बताया कि क्रेडा की योजनाएं बड़े पैमाने पर पूरे जिले में आरंभ की गई है। यह सुचारू रूप से चलती रहें, इसके लिए प्रभावी मानिटरिंग की जा रही है।
219 गांव अब हाईमास्ट लाइट से रौशन
पूरे जिले में 219 गांव हाईमास्ट लाइट से रौशन हो गये हैं। अब तक 695 सोलर हाईमास्ट लाइट लगाये गये हैं। इनके माध्यम से गांव के प्रमुख चौराहे रौशन हुए हैं। ग्रामीणों ने बताया कि सोलर हाईमास्ट लाइट लगने से गांव के सार्वजनिक स्थलों में अपराध कम हो गये हैं। लोग देर शाम तक बैडमिंटन, वालीबाल जैसे खेल खेलते हैं। ग्रामीण वीरेंद्र चंद्राकर ने बताया कि सोलर हाईमास्ट लगने से अब गांवों में मानस गान बड़े स्तर पर हो रहे हैं। काफी संख्या में लोग हिस्सा ले रहे हैं। रोशनी का एक पक्ष यह है कि इससे सब कुछ रोशन हो रहा है।
375 गांवों में सोलर ड्यूल पंप
क्रेडा ने 375 गांवों में सोलर ड्यूल पंप लगाया है। इनमें 696 नग पंप लगाये गये हैं। इनके माध्यम से 2436 यूनिट बिजली की बचत हो रही है। इनसे ग्रामवासियों को बारह महीने पेयजल मिल रहा है। ध्रुव ने बताया कि इसकी निरंतर मानिटरिंग विभाग द्वारा की जा रही है और लोगों को सेवा प्रदाय की जा रही है।
सौर सामुदायिक सिंचाई योजना के पांच कार्य आरंभ
सिंचाई के क्षेत्र में भी बढिय़ा काम हुआ है। अभी पांच सौर सामुदायिक सिंचाई योजना आरंभ हो गई है और इसके माध्यम से पांच सौ से अधिक हितग्राहियों के खेतों में पानी पहुंचा है। इंदिरा गांव गंगा योजना अंतर्गत 7 कार्य स्वीकृत हुए हैं। इसके माध्यम से 740 यूनिट बिजली की बचत हो रही है।
28 गांवों में स्ट्रीट लाइट संयंत्र
क्रेडा द्वारा 28 गांवों को स्ट्रीट लाइट से रौशन किया गया है। इनमें 36 नग सोलर प्लांट लगाया गया है। गौठानों में 713 नगर सोलर प्लांट लगाये गये हैं और इनके माध्यम से चारागाहों और गौठान के लिए पेयजल आपूर्ति कराई जा रही है। इनके माध्यम से बारह हजार यूनिट बिजली की बचत हो रही है।
देमार-पंदर में बनेगा ऊर्जा पार्क
देमार-पंदर में ऊर्जा पार्क बनाने की घोषणा मुख्यमंत्री ने की थी जिसके उपरांत इसके लिए कार्य आरंभ हो गया है। इसके माध्यम से लोगों ने अपारंपरिक ऊर्जा के प्रति जागरूकता बढ़ेगी और लोग जानेंगे कि सोलर एनर्जी कितनी उपयोगी है और क्षय होते ऊर्जा स्रोतों के दौर में कितनी प्रभावी है।
वैक्सीन इनसे ही सुरक्षित
पीएचसी, सीएचसी में वैक्सीन की सुरक्षा के लिए पावर की व्यवस्था सोलर सिस्टम द्वारा ही है। लगभग 40 स्वास्थ्य केंद्रों में यह सुविधा उपलब्ध कराई गई है और इसके माध्यम से 384 यूनिट बिजली की बचत हो रही है।