भिलाई। सिर पर कलश लिए हजारों महिलाएं श्रीराम का जयघोष कर चलने लगी तो साथ-साथ ढोल नगाड़े भी बज उठे। खुर्सीपार के श्रीराम चौक के मैदान में श्रीराम कथा से एक दिन पहले मंगलवार को कलश यात्रा निकाली गई। गाजे-बाजे और ढोल नगाड़े के साथ निकली इस कलश यात्रा में महिलाएं पीली और लाल रंग की साड़ी पहनकर पहुंची थी। खुर्सीपार के शिवमंदिर से निकली यह कलशयात्रा खुर्सीपार के विभिन्न मार्गों से होते हुए कथा स्थल पहुंची।
आयोजक एवं जीवन आनंद फाउंडेशन के संचालक विनोद सिंह ने बताया कि दुसरे वर्ष के आयोजन में स्वामी चिन्मयानंद 9 दिनों तक रामकथा का रसपान कराएंगे। वही पंडित संदीप तिवारी यज्ञ शाला में रोजाना यज्ञ का आयोजन करेंगे। इस कलश यात्रा में महिलाओं के साथ-साथ युवाओं ने भी बढ़चढ़ कर हिस्सा लिया। कार्यक्रम में लाइव झांकी भी आकर्षण का केन्द्र रही। इस अवसर पर पूर्व विधानसभा अध्यक्ष प्रेम प्रकाश पांडेय, पूर्व सभापति एवं पार्षद श्याम सुंदर राव, तेज बहादूर सिंह, श्रीराम जन्मोत्सव समिति के महामंत्री बुद्धन सिंह ठाकुर, जिलाअध्यक्ष युवा प्रभाग मनीष पांडेय, स्मिता धोड़के, वीणा चंद्राकर, पियुष मिश्रा, प्रवीण पांडेय, प्रियंका साहू, शैलजा, ईश्वरी नेताम आदि मौजूद थे।
लाइव झांकी रही आकर्षक
कलश यात्रा में लाइव झांकी लोगों के बीच आकर्षण का केन्द्र रही। यहां गायकों के भजन पर कलाकरों ने एक से बढ़कर एक झांकी प्रस्तुत की। यहां कलाकारों ने दुर्गा के नौ रूप सहित महादेव, गणपति, हनुमान, श्रीराम आदि के स्वरूप में सजकर प्रस्तुति दी। रास्तेभर लोग उन्हें ठहरकर देखते रहे।

युवाओं ने उठाया धर्म ध्जव
कलश यात्रा में जितना उत्साह महिलाओं ने दिखाया, उतना ही युवा भी उत्साहित नजर आए। माथे पर चंदन लगाकर हाथों में धर्म ध्वज लिए युवा इस कलश यात्रा की अगुआई कर रहे थे। कार्यक्रम में जीवन आनंद फाउंडेशन के सभी सदस्यों ने बढ़चढ़ कर हिस्सा लिया। इस अवसर पर श्रीरामजन्मोत्सव के मनीष पांडेय ने कहा कि रामकथा हमें जीवन को कैसे जीना है उसका तरीका बताती है। हमें अपने धर्म से जोड़ती है। खुर्सीपार में श्रीरामकथा से पहले ही पूरा माहौल राममय हो चुका है।
आयोजकों ने बताया कि बुधवार दोपहर 3 बजे से शाम 6 बजे तक रामकथा होगी। इसके लिए कथावाचक एवं राष्ट्रसंत स्वामी चिन्मयानंद शहर पहुंच चुके हैं। साथ ही यहां बाबा बालकनाथ मंदिर परिसर एवं मंगलभवन में बाहर से आए रामभक्तों के लिए ठहरने की व्यवस्था की गई है। साथ ही उनके लिए भोजन का भी प्रबंध किया गया है। इधर सुबह से ही 13 कुंडीय महायज्ञ भी शुरू होगा। जिसमें भक्त सुबह-सुबह आकर शामिल होकर आहुति दे सकते हैं।




